पाक मीडिया : लाहौर की वारदात पर उलझे अखबार
पाकिस्तान के हालात जो पहले ही नाजुक स्थिति में थे, अब बिल्कुल खतरनाक हो गए हैं। देश जो पहले से ही तालिबान समस्या, मुंबई हमलों से शर्मिदगी, बलूचिस्तान में नये आतंकवादी ग्रुपों का पनपना, कराची में...
पाकिस्तान के हालात जो पहले ही नाजुक स्थिति में थे, अब बिल्कुल खतरनाक हो गए हैं। देश जो पहले से ही तालिबान समस्या, मुंबई हमलों से शर्मिदगी, बलूचिस्तान में नये आतंकवादी ग्रुपों का पनपना, कराची में तालिबान से खतरा, फाता में सारी दुनिया के आतंकवादियों का फैलाव, स्वात में तालिबानियों से उनकी ही शर्तो पर समझौता, शिया-सुन्नी झगड़े, आर्थिक बदहाली, बिजली की कमी, वकीलों का आंदोलन इत्यादि से जूझ रहा था। अब उसमें कई नई चीजें भी जुड़ गई हैं। जसे नवाज और शाहबाज शरीफ के मामलों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला जिसने नवाज शरीफ के चुनाव में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी है। और शाहबाज शरीफ का चुनाव रद्द हो गया है। इससे राजनीति इतनी बिगड़ गई है कि यह डर पैदा हो गया है कि फिर कोई फौाी जनरल मौके का फायदा उठाकर प्रजातंत्र को ही न खत्म कर दे। इन हालात में श्रीलंका की क्रिकेट टीम पर कातिलाना हमला अब सारी दुनिया को कह रहा है कि पाकिस्तान अब ‘फेल’ हुआ देश है। श्रीलंकाई टीम पर हमले के मामले में सुरक्षा की कमी का प्राय: सभी मीडिया ने नोटिस लिया है। ‘द पोस्ट’ के सम्पादकीय के मुताबिक, ‘यह समझ से बाहर है कि कातिल सबकी नजर के सामने 25 मिनट तक बिना रोक-टोक अपना कारनामा करते रहे, हालांकि इस जगह के पास दो पुलिस स्टेशन और तीन पुलिस पोस्ट हैं। पुलिस की गाड़ियां ज्यादा से ज्यादा 5 मिनट में वहां पहुंच सकती थीं जो नहीं हुआ।’ ‘द नेशन’ ने अफसोस से कहा है कि हमार इज्जतयोग्य मेहमान अब पाकिस्तान में सुरक्षित नहीं। सभी दूसर देशों को छोड़ कर श्रीलंका की टीम ने हमार यहां खेलना मंजूर किया जबकि दूसर हमें अछूत समझते हैं और देखो क्या हाल हुआ। इसी ग्रुप के उर्दू के पत्र ‘नवाए वक्त’ ने लिखा है कि यह अफसोसनाक है कि न ही राष्ट्रपति जरदारी और न ही प्रधानमंत्री गिलानी ने भारत के खिलाफ एक शब्द भी बोला जबकि भारत सरकार और मीडिया ने मुंबई हमलों पर पाकिस्तान व आईएसआई को पूरी तरह जिम्मेवार बता दिया था। ‘जंग’ समाचार पत्र ने इस हमले को एक बड़ी सोची-समझी साजिश बताया और कहा कि इस हमले के बाद पाकिस्तान में न केवल क्रिकेट बल्कि सभी खेलों के आने के दरवाजे बंद हो गए हैं। ‘डॉन’ ने कोलंबो के पत्र ‘दि आईलैंड’ के सम्पादकीय का हवाला देकर कहा है कि श्रीलंका टीम पर हमले के बाद जो पाकिस्तान को बदनाम करने की फिाा पैदा की गई, उसको बढ़ावा नहीं देना चाहिए। पाकिस्तान ने हमार बुर वक्त में हमेशा साथ दिया है। अगर पाकिस्तान ने हमें विशेष रॉकेट लांचर 2002 में न दिए होते तो हम लिट्टे बागियों को खदेड़ नहीं सकते थे। हमें पाकिस्तान के साथ खेल और दूसर सम्पर्क बरकरार रखने चाहिए। जो भी हो, अब जबकि खिलाड़ियों पर हमला हो गया है, जानकारों का मानना है कि कई साल तक पाकिस्तान में विदेशी खिलाड़ी नहीं आएंगे। यह बात आईसीसी चेयरमैन ने भी मान ली है और 2011 वर्ल्ड क्रिकेट कप खेल जो पाकिस्तान में होने वाले थे, अब होने की आशा न के बराबर है। श्रीलंका के कई समाचार पत्र कह रहे हैं कि सरकार ने खिलाड़ियों को जबरदस्ती पाकिस्तान भेजा था। स्वात के तालिबानियों से बातचीत जारी है। तालिबानी न अपने हथियार देने को तैयार हैं और न ही फाता के तालिबानियों से नाता तोड़ने के लिए। इस बीच ‘द न्यूज’ के मुताबिक 17 बिन्दुओं पर समझौता हो गया है, जिनमें मुख्य हैं, अफीम की तस्करी पर रोक, अश्लील सीडी खत्म करना, नमाज के समय दुकानें बंद करना, कुरान पढ़ाने का काम शुरू करना, महिलाओं को कुरान के मुताबिक वसीयत में हिस्सा, वेश्याओं और उनके दलालों को निकालना और इसी तरह बदनाम पुलिस और दूसर सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई इत्यादि। यह हैं ऊपर-ऊपर की बातें। क्या लड़कियां शिक्षा ले पाएंगी, पर कोई बयान नहीं। सूफी मुहम्मद अब 15 मार्च तक काजी न्यायालय की स्थापना चाहते हैं। क्या पूरा समझौता हो पाएगा या यह पहले की तरह तालिबानियों की चाल है? तकरीबन सभी बड़े शहरों में भी तालिबानियों की ताकत बढ़ रही है। रावलपिंडी, पेशावर तो पहले ही चपेट में हैं, कराची पाकिस्तान सीआईडी के मुताबिक तालिबानियों का गढ़ बनता जा रहा है। लाहौर जो अब तक अति सुरक्षित समझा जाता था, श्रीलंका टीम पर हमले के बाद असली स्थिति सामने आ गई है। अमेरिका और दूसर देश पाकिस्तान के फाता इलाकों को दुनिया का सबसे खतरनाक स्थान मानते हैं। बरसल में नाटो हेड क्वार्टर से बोलते हुए विदेश मंत्री हिलेरी क्िलंटन ने कहा कि हमें जान लेना चाहिए पाकिस्तान का सीमावर्ती इलाका ही सारी दुनिया में आतंकवाद का स्रेत है। यहीं से हमला, मैड्रिड और लंदन के ट्रेन हमले, बेनजीर भुट्टो की हत्या और ताजा मुंबई हमला का मसौदा तैयार हुआ था।ं