फोटो गैलरी

Hindi Newsतालिबान का दुस्साहस, सरकार को दी धमकी

तालिबान का दुस्साहस, सरकार को दी धमकी

पेशावर में आर्मी स्कूल पर बर्बर हमले को अंजाम दे चुके तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने पाकिस्तान सरकार को खुली धमकी है कि यदि उसके लोगों की हत्या बंद नहीं की गई तो वह प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के परिवार...

तालिबान का दुस्साहस, सरकार को दी धमकी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 20 Dec 2014 07:33 PM
ऐप पर पढ़ें

पेशावर में आर्मी स्कूल पर बर्बर हमले को अंजाम दे चुके तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने पाकिस्तान सरकार को खुली धमकी है कि यदि उसके लोगों की हत्या बंद नहीं की गई तो वह प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के परिवार समेत शीर्ष नेताओं और सैन्य अधिकारियों के बच्चों को निशाना बनाएगा। आतंकी गुट ने सरकार को एक पत्र भेजकर यह धमकी दी है। यह पत्र अधिकारियों को शुक्रवार शाम प्राप्त हुआ।

कथित तौर पर तालिबान कमांडर मोहम्मद खरसानी की ओर से भेजे गए इस पत्र में कहा गया है कि यदि सरकार आतंकियों को फांसी देना जारी रखती है तब तालिबान शीर्ष नेताओं और सैन्य अधिकारियों के बच्चों को निशाना बनाना जारी रखेगा। पत्र कहता है, यदि जेल में बंद किसी भी आतंकी को फांसी दी जाएगी तो उसकी हत्या का बदला और बच्चों की हत्या करके लिया जाएगा। यदि हमारे किसी भी सहयोगी को क्षति हुई तो हम विश्वास दिलाते हैं कि सैन्य जनरलों और नेताओं के घर काफी मातम मनाया जाएगा। खरसानी को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के सरगना मुल्ला फजलुल्ला का प्रमुख कमांडर माना जाता है।

इस पत्र की प्रामाणिकता की सरकार की ओर से आधिकारिक तौर पर पुष्टि फिलहाल नहीं हुई है। अधिकारी इसकी प्रामाणिकता का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। पत्र में पेशावर स्कूल में बच्चों की हत्या को जायज करार दिया गया है। तालिबान ने कहा कि उन बच्चों ने अपने परिजनों के इस्लाम के खिलाफ जाने का विरोध नहीं किया और वे भी बड़े होकर अपने परिवारवालों के रास्ते पर ही आगे बढ़ते।

पत्र में कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार सैन्य अधिकारियों और आईएसआई का मोहरा बनकर काम कर रही है। तालिबान ने कहा है कि इन दोनों संस्थाओं को बदलने की जरूरत है। पत्र में मानवाधिकार संगठनों पर भी सवाल खड़े किए गए हैं कि वे सरकार के फैसलों पर मौन क्यों है। इसमें सरकार का समर्थन करने वाले इस्लामी विद्वानों को बहस की चुनौती भी दी गई है।
पेशावर हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने देश में फांसी पर 2008 से जारी पाबंदी खत्म कर दी थी। उन्होंने आतंकियों के प्रति कोई नरमी नहीं बरतने का एलान किया था।

सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ ने भी आतंकियों के खिलाफ कड़े तेवर दिखाए थे। इसके बाद दो खूंखार आतंकियों, डॉक्टर उस्मान और अरशद महमूद को आनन-फानन में शुक्रवार रात फैसलाबाद जिला जेल में फांसी पर लटका दिया गया। सरकार ने यह कहा कि पहले चरण में 17 आतंकियों को फांसी दी जाएगी। दूसरे चरण में 45 को फांसी दी जाएगी। फिर तीसरा चरण शुरू करके मौत की सजा पा चुके आठ हजार से अधिक लोगों को फांसी दी जाएगी। सरकार ने आतंकियों के खिलाफ जारी सैन्य अभियान को भी और तेज करने करने की घोषणा की है।
 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें