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मोदी के 'विकास मंत्र' का कायल अमेरिका, कैरी ने की तारीफ

अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन कैरी ने अपनी भारत यात्रा की पूर्व संध्या पर कहा कि जो विकास की योजना भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी नारे सबका साथ, सबका विकास में दिखाई पड़ती है, वह एक महान...

मोदी के 'विकास मंत्र' का कायल अमेरिका, कैरी ने की तारीफ
एजेंसीWed, 30 Jul 2014 08:21 AM
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अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन कैरी ने अपनी भारत यात्रा की पूर्व संध्या पर कहा कि जो विकास की योजना भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी नारे सबका साथ, सबका विकास में दिखाई पड़ती है, वह एक महान सोच है। कैरी अपनी भारतीय समकक्ष सुषमा स्वराज के साथ पांचवी वार्षिक भारत-अमेरिका रणनीतिक वार्ता की सहअध्यक्षता करने के लिए नयी दिल्ली पहुंचेंगे।

मोदी के समावेशी विकास वाले विकास एजेंडे की प्रशंसा करते हुए कैरी ने भारत के संदर्भ में विदेश नीति पर दिए एक बड़े भाषण में कहा कि अमेरिका भारत की नई सरकार के इस प्रयास में उसके साथ साझेदारी करने के लिए तैयार है।

कैरी ने अमेरिका के एक शीर्ष थिंकटैंक सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस द्वारा आयोजित समारोह में वाशिंगटन के श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की नई सरकार की योजना सबका साथ, सबका विकास एक ऐसा सिद्धांत और एक ऐसी सोच है, जिसका हम समर्थन करना चाहते हैं। हमारा मानना है कि यह एक महान सोच है और हमारा निजी क्षेत्र भारत के आर्थिक सुधार में उत्प्रेरक का काम करने के लिए उत्सुक है।

कैरी ने कहा कि अमेरिकी कंपनियां उन प्रमुख क्षेत्रों में अग्रणी हैं, जिनमें भारत विकास करना चाहता है। ये क्षेत्र हैं: उच्च स्तरीय निर्माण, अवसंरचना, स्वास्थ्य सेवा, सूचना तकनीक। ये सभी विकास के चरण आगे बढ़ाने के लिए जरूरी हैं, तो आप ज्यादा तेजी से ज्यादा लोगों को उपलब्ध करवा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत एक ज्यादा प्रतिस्पर्धी कार्यबल भी तैयार करना चाहता है और लगभग एक लाख भारतीय पहले ही हर साल अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पढ़ते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी सामुदायिक कॉलेज असल में 21वीं सदी के कौशल प्रशिक्षण में एक महत्वपूर्ण मानक तय करते हैं।

उन्होंने कहा कि हमें अपने शैक्षणिक संबंधों को विस्तार देना चाहिए और दोनों देशों के युवा लोगों के लिए अवसरों को बढ़ाना चाहिए। मैं जानता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने चुनाव अभियान के दौरान भारतीय युवाओं से उर्जा ली। उन्होंने बार-बार इस ओर इशारा किया कि भारत विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है और इसके पास विश्व की सबसे युवा जनसंख्या है।

कैरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि युवा लोगों में एक ज्योति की तरह जलने की प्राकतिक प्रवृत्ति होती है। और उन्होंने उस प्रवृत्ति का पोषण करने के भारत के कर्तव्य के बारे में भी कहा है। हमारा मानना है कि यह कर्तव्य दोनों देशों का है।

कैरी ने आगे कहा कि और इसका अर्थ तकनीकी शिक्षा, उच्च कौशल व्यापारों के लिए कौशल कार्यक्रमों में आदान प्रदान से है। यह खासतौर पर उन क्षेत्रों के बारे में हैं, जिनमें हम दोनों ही देशों की उद्यमी और अनवेषणात्मक भावना का इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हर कोई भारत के लोगों में मौजूद कामकाज के प्रति असाधारण मूल्यों, ऐसा कर सकने की क्षमता और इस अवसर को हासिल करने के बारे में जानता है।

उन्होंने कहा कि तो भारत और अमेरिका के बीच जिस संभावना का जिक्र मैंने अभी किया, वह प्रधानमंत्री मोदी के उस नजरिए में पूरी तरह फिट बैठती है, जिसका वर्णन उन्होंने अभियान के दौरान किया। मोदी के इस नजरिए का उनके देश के लोगों ने जबरदस्त ढंग से समर्थन किया। यह वही सोच है, जिसे हमें अब अंगीकार करने की जरूरत है। यही वजह है कि यह अवसर असल में बहुत फलदायी है।

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