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जानिए क्या है इस दर्दनाक तस्वीर के पीछे की कहानी

तुर्की के समुद्र तट पर जिस तीन वर्षीय सीरियाई बच्चे का शव बह कर आ गया था, उसके पिता ने कहा है कि उनके बच्चे उनके हाथों से फिसल गए थे।  जब यह घटना हुई, उस समय उनकी नौका यूनान जा रही थी। तुर्की के...

जानिए क्या है इस दर्दनाक तस्वीर के पीछे की कहानी
एजेंसीFri, 04 Sep 2015 09:36 PM
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तुर्की के समुद्र तट पर जिस तीन वर्षीय सीरियाई बच्चे का शव बह कर आ गया था, उसके पिता ने कहा है कि उनके बच्चे उनके हाथों से फिसल गए थे।  जब यह घटना हुई, उस समय उनकी नौका यूनान जा रही थी। तुर्की के तट पर पड़े बच्चे के शव की तस्वीर ने दुनिया को हिलाकर रख दिया था।

अब्दुल्ला ने अपने तीन वर्षीय बेटे आयलान, चार वर्षीय बेटे घालेब और पत्नी रिहाना को इस त्रासदी में खो दिया। तुर्की मीडिया ने अब्दुल्ला का उपनाम कुर्दी बताया है लेकिन सीरियाई सूत्रों की मानें तो उसका नाम शीनू है।

अब्दुल्ला कुर्दी ने तुर्की की डोगान समाचार एजेंसी को कल नौका डूबने वाले क्षण के बारे में बताया, मैंने अपनी पत्नी का हाथ पकड़ा हुआ था लेकिन मेरे बच्चे मेरे हाथों से फिसल गए। वहां अंधेरा था और हर तरफ चीख पुकार मची थी। हमने छोटी नौका से चिपके रहने की कोशिश की लेकिन उसकी हवा निकल रही थी।

एएफपी के फोटोग्राफर के अनुसार, बेहद दुखी अब्दुल्ला कल बोद्रुम के शवगृह के पास बैठे देखे गए। अपने परिजनों के शवों को नगर निकाय की वैन में रखे जाने का इंतजार करते हुए उनकी नजरें लगातार उनके फोन पर टिकी थीं। यूनानी द्वीप कॉस की ओर जा रही दौ नौकाएं बुधवार को तुर्की जलक्षेत्र में डूब गई थीं, जिसके कारण 12 सीरियाई प्रवासी मारे गए थे।

इस पूरी त्रासदी में तीन वर्षीय आयलान की मौत ने दुनियाभर का ध्यान खींचा है। आयलान का शव एक तस्वीर में बोद्रुम के एक रिजॉर्ट के तट पर पड़ा हुआ दिखाया गया। यह तस्वीर जल्दी ही वायरल हो गई और शरणार्थियों की त्रासदी का एक प्रतीक बन गई।

दूसरी तस्वीर में एक तुर्की सुरक्षा अधिकारी बच्चे को अपनी गोद में उठाकर ले जाता हुआ दिखाया गया है। तुर्की मीडिया ने कहा कि अब्दुल्ला अपने परिवार और लगभग तीन अन्य सीरियाई लोगों के साथ इस जलक्षेत्र को पार करने की कोशिश कर रहे थे।

ओटावा सिटीजन अखबार की खबर में कहा गया कि परिवार अंतत: कनाडा जाने की कोशिश कर रहा था। अखबार में कहा गया कि उनकी बहन टीमा ने शरणार्थी आवेदन को प्रायोजित किया था लेकिन कनाडा के आव्रजन अधिकारियों ने इसे जून में खारिज कर दिया था। टीमा 20 साल पहले कनाडा में जा बसी थीं और अब वह वैंकूवर में हेयरड्रेसर के तौर पर काम करती हैं।

अखबार ने टीमा कुर्दी के हवाले से कहा, मैं उन्हें आर्थिक संरक्षण देने की कोशिश कर रही थी और मेरे दोस्तों और पड़ोसियों ने बैंक राशियों के लिए मेरी मदद की। लेकिन हम उन्हें निकाल नहीं पाए, इसीलिए वे नौका में गए।

हालांकि कनाडा के आव्रजन विभाग ने कहा कि अब्दुल्ला कुर्दी और उनके परिवार की ओर से आवेदन का कोई रिकॉर्ड नहीं है। लेकिन उनके भाई मोहम्मद कुर्दी और उनके परिवार का एक अधूरे फॉर्म का रिकॉर्ड जरूर है। कनाडियाई आव्रजन एवं नागरिकता विभाग ने एक बयान में कहा कि प्रशासन को अब्दुल्ला कुर्दी और उसके परिवार की ओर से किए गए किसी आवेदन का सुराग नहीं मिला।

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