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मुशर्रफ पर हमले के चार दोषियों को फांसी

पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ पर हमला करने के जुर्म में चार लोगों को फैसलाबाद जिला जेल में रविवार को फांसी दे दी गई। इससे पहले शुक्रवार को इसी जेल में दो और आतंकियों को फांसी दी गई...

मुशर्रफ पर हमले के चार दोषियों को फांसी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 21 Dec 2014 07:07 PM
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पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ पर हमला करने के जुर्म में चार लोगों को फैसलाबाद जिला जेल में रविवार को फांसी दे दी गई। इससे पहले शुक्रवार को इसी जेल में दो और आतंकियों को फांसी दी गई थी। 

‘डॉन’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के जुबैर अहमद, रशीद कुरैशी, गुलाम सरवर भट्टी और रूसी नागरिक अख्लाक अहमद को फैसलाबाद सेंट्रल जेल से शनिवार को कड़ी सुरक्षा में जिला जेल की काल कोठरी ले जाया गया था। सेंट्रल जेल में फांसी के लिए आवश्यक तकनीकी इंतजाम नहीं थे जिस कारण इन बंदियों को जिला जेल ले जाया गया। मौत के इन सजायाफ्ता लोगों को फांसी से पहले उनके परिवार के सदस्यों से मिलाया गया। पूरे शहर में किसी आकस्मिक घटना को रोकने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। जिला जेल की ओर जाने वाले तमाम रास्तों पर अवरोध खड़े किए गए थे।

इससे पहले शुक्रवार को दो आतंकियों अकील उर्फ डॉक्टर उस्मान और अरशद महमूद को फैसलाबाद जिला जेल में फांसी दी गई थी। उस्मान साल 2009 में रावलपिंडी सैन्य मुख्यालय पर हुए हमले में दोषी पाया गया था। महमूद साल 2003 में अलकायदा से प्रेरित होकर हत्या के इरादे से मुशर्रफ पर हमला करने वाले पांच लोगों में शामिल था। पाकिस्तान ने 2008 में अपने यहां फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी। लेकिन पेशावर में सैनिक स्कूल पर तालिबान के बर्बर हमले के बाद सरकार ने यह रोक हटा लिया है। पेशावर हमले के बाद सरकार और सेना एक स्वर से आतंकियों से सख्ती से निपटने का एलान कर चुकी है। इसमें सेना के आतंकरोधी अभियान को और प्रभावी बनाने तथा मौत की सजा सुन चुके आठ हजार लोगों को जल्द फांसी देने की योजना शामिल है। 

लाहौर जेल में चल रही तैयारी
फैसलाबाद की तरह लाहौर स्थित कोट लखपत सेंट्रल जेल में भी मौत की सजा सुन चुके चार बंदियों को फांसी देने की तैयारी चल रही है। अगले 24 से 36 घंटों के भीतर इन चारों को फांसी दे दिए जाने की पूरी संभावना है। कोट लखपत सेंट्रल जेल की ओर जाने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं। जबकि इलाके में बड़ी तादाद में सैन्य बलों की तैनाती की गई है। जेल की चहारदीवारी के चारों ओर फोन संचार को अवरुद्ध करने के लिए जैमर लगाए गए हैं।

सक्कर से मौत का वारंट जारी
उधर, सक्कर में अधिकारियों ने जेल में बंद प्रतिबंधित लश्कर-ए-झांग्वी के अताउल्ला उर्फ कासिम और मोहम्मद आजम उर्फ शरीफ के रिश्तेदारों को बुलावा भेजा है। वे सोमवार को इन आतंकियों की उनके परिजनों से अंतिम मुलाकात कराने वाले हैं। इन्हें एक आतंकरोधी अदालत ने शुक्रवार को ही मौत का वारंट जारी कर दिया था। इन आतंकियों को सांप्रदायिक हत्या के एक मामले में जुलाई 2004 में मौत की सजा सुनाई गई थी। इन्होंने जून 2001 में सोल्जर बाजार इलाके में डॉक्टर अली राजा पीरानी की हत्या कर दी थी। इन्हें कराची से गिरफ्तार किया गया था। इन्हें मंगलवार को फांसी दी जानी है।

 

 

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