नोबेल पुरस्कार विजेता लेखक मारकेज का निधन
अपनी अद्भुत रचनाओं से जुनून, अंधविश्वास, हिंसा और सामाजिक असमानता का अनोखा तानाबाना बुनने वाले साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित महान लेखक गैब्रियल गार्सिया मारकेज इस दुनिया को अलविदा कह गए...
अपनी अद्भुत रचनाओं से जुनून, अंधविश्वास, हिंसा और सामाजिक असमानता का अनोखा तानाबाना बुनने वाले साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित महान लेखक गैब्रियल गार्सिया मारकेज इस दुनिया को अलविदा कह गए हैं।
मैक्सिको सिटी में मारकेज ने अपने घर में अंतिम सांस ली। वह 87 वर्ष के थे। 17वीं सदी में मिग्यूएल दा कारवांतेस के बाद स्पैनिश भाषा के सर्वाधिक लोकप्रिय लेखक माने जाने वाले और कोलंबिया में पैदा हुए गार्सिया मारकेज ने विश्व साहित्य में वह दर्जा हासिल किया जो मार्क टिवन और चार्ल्स डिकन्स को हासिल है। उनकी रचनाओं का जादू इस कदर मायावी था कि लातिन अमेरिका के बाहर भी उनके मुरीद उससे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके।
मारकेज की विश्व प्रसिद्ध रचनाओं में क्रानिकल्स ऑफ ए डैथ फोरटोल्ड, लव इन दी टाइम ऑफ कोलरा तथा ऑटम ऑफ दी पैट्रिआर्क शामिल हैं, जिन्होंने बाइबिल को छोड़कर स्पैनिश भाषा की किसी रचना की बिक्री के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए थे।
1967 में लिखी गयी उनकी महान रचना वन हंड्रेड ईयर्स ऑफ सोलिटयूड की 25 से अधिक भाषाओं में पांच करोड़ से अधिक प्रतियां बिकी थीं। उनकी कहानियों में ऐसा तिलिस्मी तानाबाना होता था कि उन्होंने मारकेज को लोक कथाओं की तरह घर-घर का नाम बना दिया। उनकी कहानियों में सुअर की पूंछ के साथ पैदा हुआ बच्चा और पीली तितलियों के झंड से घिरे नायक आदि की अनोखी बातें होती थीं।