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शिखर वार्ता शुरू, कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद

जापान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सोमवार को औपचारिक तौर पर स्वागत किया गया, जिसके बाद दोनों देशों के बीच शिखर वार्ता शुरू हुई। जापान की पांच दिवसीय यात्रा के तीसरे दिन सोमवार को जापान के...

शिखर वार्ता शुरू, कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद
एजेंसीMon, 01 Sep 2014 06:04 PM
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जापान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सोमवार को औपचारिक तौर पर स्वागत किया गया, जिसके बाद दोनों देशों के बीच शिखर वार्ता शुरू हुई। जापान की पांच दिवसीय यात्रा के तीसरे दिन सोमवार को जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने टोक्यो स्थित जापान के दो अतिथि गृहों में से एक असाका पैलेस में मोदी का औपचारिक तौर पर स्वागत किया। यहां मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। मोदी के इस रस्मी स्वागत के बाद दोनों देशों के बीच शिखर वार्ता शुरू हुई। इसके बाद दोनों देशों के बीच कुछ समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है, जिन पर पहले ही निर्णय लिया जा चुका है।

इससे पहले देश की प्राथमिक शिक्षा में नैतिक मूल्यों, आधुनिकता और अनुशासन को समाहित करने की अपनी योजना को लागू करने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जापानी शिक्षा प्रणाली को अच्छी तरह से समझने का प्रयास किया और भारत के बच्चों को जापानी भाषा सिखाने में मदद का आग्रह किया।

मोदी ने आज 136 वर्ष पुराने ताईमेई प्राथमिक स्कूल में एक छात्र के रूप में जापानी शिक्षा व्यवस्था के बारे में बारीकी से जानकारी ली। उन्होंने विशेष रूप से जाना कि यहां के बच्चों में नैतिक मूल्यों के साथ साथ आधुनिक और अनुशासन कैसे भरा जाता है। उन्होंने सवाल किया कि क्या यहां के बच्चों को अनुशासित करने के लिये दंडित भी किया जाता है। प्रधानमंत्री ने अपनी मंशा जताई कि वह भारत की प्राथमिक शिक्षा में नैतिक मूल्यों, अनुशासन और आधुनिकता का समावेश करना चाहते हैं और यही समझने के लिये वह इस पुराने स्कूल में आये हैं।

मोदी ने भारतीय बच्चों को जापानी भाषा सिखाने में यहां के शिक्षा विभाग से सहयोग का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि पूरा विश्व जानता है कि 21वीं सदी एशिया की होगी, लेकिन इसके लिये जरूरी है कि एशियाई देश आस पड़ोस की भाषा को सीखें और सामाजिक मूल्यों को समझें। यह इसलिये भी जरूरी है कि 21वीं सदी न केवल एशियाई देशों की बनें बल्कि पूरे मानव जाति के कल्याण में काम आये।

उन्होंने कहा कि इसी के तहत भारतीय स्कूलों में जापानी भाषा को सिखाने की शुरुआत की गई है, लेकिन जापानी शिक्षकों की कमी है। उन्होंने जापान से इसमें मदद करने का आग्रह करते हुये कहा कि दोनों देश मिलकर इसके लिये कार्यक्रम बना सकते हैं और ऑनलाइन भाषा सिखाने का काम भी किया जा सकता है। इससे दोनों  देशों के छात्र एक दूसरे की भाषा सीख सकेंगे और चुनौतियों का मुकाबला करने के लिये तैयार हो सकेंगें। इससे पहले जापान के उप शिक्षा मंत्री मईकावा कीहेई ने जापान की प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा प्रणाली के बारे में मोदी को विस्तार से जानकारी दी और उनके सवालों के जवाब भी दिये।

सामने आने लगे 100 दिन में उठाए गए कदमों के परिणाम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार ने पिछले 100 दिनों में जो कदम उठाए हैं, उसके परिणाम सामने आने लगे हैं। अपनी पांच दिवसीय जापान यात्रा के तीसरे दिन टोक्यो में मोदी ने कहा कि पिछले 100 दिन भीतर मैंने जो पहल किए, जो कदम उठाए, उसके परिणाम स्पष्ट हैं। मोदी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को 'अधिक प्रभावी, अधिक उपयोगी' बनाया है।

भारतीय स्कूलों में जापानी भाषा पढ़ाना चाहते हैं प्रधानमंत्री मोदी

भारत और जापान के बीच भाषाई संबंध पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जापानी शिक्षकों से मुलाकात की और उनसे भारत में लोगों को जापानी भाषा सिखाने के लिए कहा। जापान की पांच दिवसीय यात्रा पर शनिवार को यहां पहुंचे मोदी ने सोमवार को ताईमेई प्राथमिक स्कूल में शिक्षकों से मुखातिब होते हुए कहा कि हम अपने स्कूलों में जापानी भाषा सिखाने की कोशिश कर रहे हैं। हमें इसके लिए शिक्षकों की आवश्यकता है। मैं आप सभी को भारत आने और वहां लोगों को जापानी भाषा सिखाने का न्यौता देता हूं।

मोदी ने यह भी कहा कि एशियाई देशों को शिक्षा के क्षेत्र में अधिक तैयार होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दुनिया ने स्वीकार किया है कि 21वीं सदी एशिया की शताब्दी है, लेकिन हमें इसके लिए तैयार रहना होगा। करीब 136 साल पुराना ताईमेई प्राथमिक स्कूल वर्ष 2011 में आए भूकंप के कारण नष्ट हो गया था, जिसका बाद में पुनर्निर्माण किया गया। मोदी ने इस अवसर पर गुजरात में 2001 में आए भूकंप के दौरान भुज शहर को हुए नुकसान का भी जिक्र किया। भुज का जिक्र करते हुए मोदी भावुक हो उठे। मोदी ने बाद में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे से भी बातचीत की।

जापानी व्यवसायियों को लुभाने के लिए गुजरात का दिया उदाहरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के व्यवसायियों को लुभाने के लिए सोमवार को गुजरात का उदाहरण सामने रखा। अपनी पांच दिवसीय यात्रा के तीसरे दिन सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने यहां जापान के व्यवसायियों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि गुजरात का अनुभव मानदंड है तो भारत में उन्हें 'वही प्रतिक्रिया, वही गति' मिलेगी। मोदी ने यह भी कहा कि जापान गुणवत्ता, प्रभावशीलता एवं अनुशासन के लिए जाना जाता है।

नरेंद्र मोदी ने कौशल विकास के लिए मांगी जापान की मदद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारत में कौशल विकास के लिए जापान से मदद मांगी। अपनी पांच दिवसीय यात्रा के तीसरे दिन सोमवार को मोदी ने यहां कहा कि भारत दुनिया का सबसे अधिक युवा देश है और यहां के युवाओं की बड़ी संख्या दुनिया में श्रम बल की आवश्यकता की पूर्ति कर सकता है। मोदी ने कहा कि वह चाहते हैं कि जापान भारत को कौशल विकास में मदद दे। जापान 'वास्तव में इस दिशा में हमारी मदद कर सकता है।'

प्रधानमंत्री कार्यालय में जापान के लिए बनेगा विशेष दल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय में जापान के लिए विशेष दल बनाने की घोषणा की। अपनी पांच दिवसीय जापान यात्रा के तीसरे दिन सोमवार को मोदी ने कहा कि औद्योगिक कामकाज देखने वाली दो सदस्यीय टीम में अब जापान के दो सदस्य भी होंगे। ये दोनों जापानी सदस्य भारतीय सदस्यों के साथ स्थाई रूप से बैठेंगे और निर्णय निर्माण प्रक्रिया का हिस्सा होंगे। यह टीम प्रधानमंत्री कार्यालय का हिस्सा होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि व्यवसाय को सहज बनाने की तरह ही यह पहल जापान के लिए सहज होगा।

'सरकार-निवेशकों में समन्वय की आवश्यकता समझता हूं'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जापानी निवेशकों को भारत आकर्षित करते हुए कहा कि वह विकास के लिए निवेशकों एवं सरकार के बीच समन्वय की आवश्यकता को समझते हैं। जापानी चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और जापान-भारत बिजनेस को-ऑपरेशन कमेटी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मोदी ने हिन्दी में कहा, ''गुजरात में काम कर चुके जापानी लोगों को विकास के गुजरात मॉडल के बारे में मुझसे अधिक अच्छी तरह मालूम है।''

केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के 100 दिन पूरे होने के संदर्भ में मोदी ने कहा कि इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को अधिक प्रभावशाली बनाया। उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 5.7 प्रतिशत विकास दर इसे दर्शाता है।

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