Hindi Newsआईएस ने बेशकीमती प्राचीन कलाकृतियों को तोड़ा
आईएस ने बेशकीमती प्राचीन कलाकृतियों को तोड़ा
आतंकी संगठन आईएस ने एक नया वीडियो जारी किया है जिसे देख कर हर कलाप्रेमी दुखी है। वीडियो में दिख रहा है कि आतंकियों ने इराक के मोसुल शहर के संग्रहालय में जमकर तोड़फोड़ की और बेशकीमती प्राचीन...
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 27 Feb 2015 04:31 PM
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आतंकी संगठन आईएस ने एक नया वीडियो जारी किया है जिसे देख कर हर कलाप्रेमी दुखी है। वीडियो में दिख रहा है कि आतंकियों ने इराक के मोसुल शहर के संग्रहालय में जमकर तोड़फोड़ की और बेशकीमती प्राचीन कलाकृतियों को तोड़ दिया।
आईएस ने कई कीमती कलाकृतियों को अंतर्राष्ट्रीय कालाबाज़ार में बेच दिया और अपने हिंसक अभियान के लिए काफी पैसा जमा किया।
पांच मिनट के इस वीडियो में दिखाया गया है कि कुछ लोग मोसुल संग्रहालय में दाखिल होते हैं और हथौड़े व अन्य हथियारों की मदद से कई प्रतिमाओं को तोड़ देते हैं।
ये कलाकृतिया सांतवीं सदी ईसापूर्व की थीं। पूरी दुनिया आतंकियों के इस कदम की निंदा कर रही है। गुरुवार को जारी इस वीडियो के बाद तमाम कलाप्रेमियों में गुस्सा है।
कलाकृतियों को ब्लैक मार्केट में बेचता है आईएस
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सीरिया से कलाकृतियों के सभी तरह के व्यापार पर रोक लगा दी है। कारण है आतंकियों द्वारा इन बेशकीमती कलाकृतियों की तस्करी।
खबर के मुताबिक आतंकी संगठन, तुर्की और लेबनान के रास्ते इन कलाकृतियों की तस्करी करता है। आतंकी अपने हथियारों और अन्य सामग्री के लिए इन कलाकृतियों को संग्रहालय से चोरी करते हैं और फिर विदेशी बाजार में बेच देते हैं जहां इस सामान की बहुत ऊंची कीमत मिल जाती है।
हालांकि खबर ये भी है कि इन आतंकियों को ना तो इन कलाकृतियों की कीमत के बारे में कोई अंदाजा है और ना ही इनके ऐतिहासिक महत्व के बारे में। इसी वजह से वह अपेक्षाकृत कम काम में इन कलाकृतियों को बेच देते हैं जिसकी वजह से अन्य तस्कर भी काफी कमाई करते हैं।
पहले भी बर्बाद किए जाते रहे हैं संग्रहालय
सद्दाम हुसैन की सत्ता के पतन के बाद गठबंधन फौजें इराक में थीं लेकिन उनके सामने ही बगदाद के राष्ट्रीय संग्रहालय को लूट लिया गया।
इस लूट के दौरान सैंकड़ों कलाकृतियां बर्बाद भी हो गईं, कुछ को जानबूछ कर तोड़ डाला गया। कई इतिहासकार तो इसे सबसे बड़ी लूट मानते हैं।
कुछ लोग इस लूट के लिए अमेरिकी सैनिकों को जिम्मेदार ठहराते हैं और कुछ मानते हैं कि यह अपराधियों ने किया लेकिन फौजियों ने ऐसा होने दिया।
मिडिल ईस्ट की सबसे बेशकीमती कलाओं के नमूने यहां रखे थे जिनकी संख्या 17 हजार से भी ज्यादा थी लेकिन लुटेरों ने कुछ नहीं छोड़ा।
मानव सभ्यता के इतिहास की सबसे शानदार कलाकृतिया यहां रखी थीं जिन्हें लूट लिया गया और फिर कभी उनका पता नहीं चल पाया।
तालिबान ने भी यही किया था
साल 2001 में आतंकी संगठन तालिबान ने अफगानिस्तान के बमियान इलाके में बुद्ध की प्रतिमाओं पर गोले बरसाए और उनको बर्बाद कर दिया।
पूरी दुनिया ने तालिबान से ऐसा ना करने को कहा था लेकिन आतंकी संगठन ने किसी की बात नहीं सुनी और बालूपत्थर की बनी इन बहुमूल्य कृति को नष्ट कर दिया।
दरअसल यहां बुद्ध की दो प्रतिमाएं थीं जिनमें से एक की ऊंचाई 58 मीटर और दूसरी की ऊंचाई 38 मीटर थी। ये प्रतिमाएं छठी शताब्दी की थीं।
आईएस ने कई कीमती कलाकृतियों को अंतर्राष्ट्रीय कालाबाज़ार में बेच दिया और अपने हिंसक अभियान के लिए काफी पैसा जमा किया।
पांच मिनट के इस वीडियो में दिखाया गया है कि कुछ लोग मोसुल संग्रहालय में दाखिल होते हैं और हथौड़े व अन्य हथियारों की मदद से कई प्रतिमाओं को तोड़ देते हैं।
ये कलाकृतिया सांतवीं सदी ईसापूर्व की थीं। पूरी दुनिया आतंकियों के इस कदम की निंदा कर रही है। गुरुवार को जारी इस वीडियो के बाद तमाम कलाप्रेमियों में गुस्सा है।
कलाकृतियों को ब्लैक मार्केट में बेचता है आईएस
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सीरिया से कलाकृतियों के सभी तरह के व्यापार पर रोक लगा दी है। कारण है आतंकियों द्वारा इन बेशकीमती कलाकृतियों की तस्करी।
खबर के मुताबिक आतंकी संगठन, तुर्की और लेबनान के रास्ते इन कलाकृतियों की तस्करी करता है। आतंकी अपने हथियारों और अन्य सामग्री के लिए इन कलाकृतियों को संग्रहालय से चोरी करते हैं और फिर विदेशी बाजार में बेच देते हैं जहां इस सामान की बहुत ऊंची कीमत मिल जाती है।
हालांकि खबर ये भी है कि इन आतंकियों को ना तो इन कलाकृतियों की कीमत के बारे में कोई अंदाजा है और ना ही इनके ऐतिहासिक महत्व के बारे में। इसी वजह से वह अपेक्षाकृत कम काम में इन कलाकृतियों को बेच देते हैं जिसकी वजह से अन्य तस्कर भी काफी कमाई करते हैं।
पहले भी बर्बाद किए जाते रहे हैं संग्रहालय
सद्दाम हुसैन की सत्ता के पतन के बाद गठबंधन फौजें इराक में थीं लेकिन उनके सामने ही बगदाद के राष्ट्रीय संग्रहालय को लूट लिया गया।
इस लूट के दौरान सैंकड़ों कलाकृतियां बर्बाद भी हो गईं, कुछ को जानबूछ कर तोड़ डाला गया। कई इतिहासकार तो इसे सबसे बड़ी लूट मानते हैं।
कुछ लोग इस लूट के लिए अमेरिकी सैनिकों को जिम्मेदार ठहराते हैं और कुछ मानते हैं कि यह अपराधियों ने किया लेकिन फौजियों ने ऐसा होने दिया।
मिडिल ईस्ट की सबसे बेशकीमती कलाओं के नमूने यहां रखे थे जिनकी संख्या 17 हजार से भी ज्यादा थी लेकिन लुटेरों ने कुछ नहीं छोड़ा।
मानव सभ्यता के इतिहास की सबसे शानदार कलाकृतिया यहां रखी थीं जिन्हें लूट लिया गया और फिर कभी उनका पता नहीं चल पाया।
तालिबान ने भी यही किया था
साल 2001 में आतंकी संगठन तालिबान ने अफगानिस्तान के बमियान इलाके में बुद्ध की प्रतिमाओं पर गोले बरसाए और उनको बर्बाद कर दिया।
पूरी दुनिया ने तालिबान से ऐसा ना करने को कहा था लेकिन आतंकी संगठन ने किसी की बात नहीं सुनी और बालूपत्थर की बनी इन बहुमूल्य कृति को नष्ट कर दिया।
दरअसल यहां बुद्ध की दो प्रतिमाएं थीं जिनमें से एक की ऊंचाई 58 मीटर और दूसरी की ऊंचाई 38 मीटर थी। ये प्रतिमाएं छठी शताब्दी की थीं।