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यह नए युग के आगाज का वक्त है: मोदी और ओबामा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को एक संयुक्त संपादकीय में दोनों देशों के संबंधों में नया एजेंडा तय करने का आह्वान करते हुए कहा कि वैश्विक साझीदार के तौर पर वे...

यह नए युग के आगाज का वक्त है: मोदी और ओबामा
एजेंसीTue, 30 Sep 2014 09:20 PM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को एक संयुक्त संपादकीय में दोनों देशों के संबंधों में नया एजेंडा तय करने का आह्वान करते हुए कहा कि वैश्विक साझीदार के तौर पर वे खुफिया जानकारियों को साझा करके, आतंकवाद विरोधी लड़ाई तथा कानून-प्रवर्तन सहयोग के जरिए अपनी गृह सुरक्षा को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

प्रतिष्ठित समाचार पत्र वाशिंगटन पोस्ट में लिखे संयुक्त संपादकीय में मोदी और ओबामा ने कहा कि दोनों देश समुद्री क्षेत्र में नौवहन एवं वैध व्यापार की स्वतंत्रता को बरकरार रखने के लिए मिलकर काम करेंगे। दोनों नेताओं की यह टिप्पणी चीन के संदर्भ में खासी अहम है क्योंकि पूर्वी एवं दक्षिणी चीन सागर में सीमा विवाद को लेकर बीजिंग अपने पड़ोसियों पर धौंस जमाता रहा है।

दोनों नेताओं ने कहा कि यह रिश्तों का एक नया एजेंडा तय करने का वक्त है तथा दोनों देश आकांक्षा के मजबूत स्तर और व्यापक विश्वास के जरिए साधारण और पारंपरिक लक्ष्यों से आगे निकल सकते हैं। वाशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित संपादकीय में मोदी और ओबामा ने कहा कि यह एक ऐसा एजेंडा होगा, जो भारत के महत्वाकांक्षी विकास के एजेंडा को पूरा करने वाले व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में हमारे सहयोग को विस्तत बनाने के लिए परस्पर लाभकारी उपायों को तलाशने में मददगार होगा। इसके साथ ही अमेरिका प्रगति के वैश्विक इंजन के रूप में बरकरार रहेगा।

मोदी और ओबामा ने कहा कि वैश्विक साझीदार के तौर पर वे खुफिया जानकारियों को साझा करके, आतंकवाद विरोधी लड़ाई तथा कानून-प्रवर्तन संबंधी सहयोग के जरिए अपनी गृह सुरक्षा को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, साथ ही दोनों देश समुद्री क्षेत्र में नौवहन एवं वैध व्यापार की स्वतंत्रता को बरकरार रखने के लिए मिलकर काम करेंगे।

दोनों नेताओं ने कहा कि आज हमारी साझीदारी मजबूत, विश्वसनीय और स्थायी है तथा यह विस्तार भी ले रही है। हमारे संबंध में न सिर्फ संघीय स्तर पर बल्कि राज्य एवं स्थानीय स्तर पर भी, दोनों सेनाओं के बीच, निजी क्षेत्रों तथा सिविल सोसायटी के बीच पहले के मुकाबले अधिक द्विपक्षीय सहयोग शामिल है। उन्होंने कहा कि साल 2000 में ऐसा बहुत कुछ हुआ जिसके चलते तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी यह घोषित कर सके कि हम स्वाभाविक सहयोगी हैं।

मोदी और ओबामा ने कहा कि दोनों देशों के बीच के संबंध की वास्तविक संभावना को अब भी पूरी तरह से हकीकत की शक्ल देना बाकी है, हालांकि यह साक्षीदारी मजबूत, विश्वसनीय और स्थायी है। उन्होंने कहा कि अभी हमारे संबंध की वास्तविक संभावना को अभी पूरी तरह से हकीकत का रूप दिया जाना बाकी है। भारत में नयी सरकार का आना हमारे संबंध को विस्तृत और प्रगाढ़ बनाने का एक स्वाभाविक अवसर है।

मोदी और ओबामा ने कहा कि आकांक्षा के मजबूत स्तर और व्यापक विश्वास के साथ हम साधारण और पारंपरिक लक्ष्यों से आगे निकल सकते हैं। यह उस नए एजेंडे को तय करने का समय है जो हमारे नागरिकों के लिए यथार्थपूर्ण लाभ सुनिश्चित करता है।
  
दोनों देशों के बीच मौजूदा सहयोग का उल्लेख करते हुए मोदी और ओबामा ने कहा कि हमारी सेनाएं हवा, भूमि और समुद्र में साझा अभ्यास करती हैं तथा हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रमों का संपर्क भी पृथ्वी से मंगल तक सहयोग के असाधारण क्षेत्रों तक है। उन्होंने सदा आगे बढ़ते रहने वाले भारतीय अमेरिकी समुदाय द्वारा निभाई जा रही भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि यह दोनों देशों के बीच जीवंत सेतु है।

मोदी और ओबामा ने कहा कि वे व्यापार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा सरकार के स्तर पर सहयोग बढ़ाने के उपायों पर चर्चा करेंगे ताकि भारत में बुनियादी सेवाओं की गुणवत्ता, विश्वसनीयता और उपलब्धता में सुधार करने में मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में अमेरिका सहयोग करने को तैयार खड़ा है। ठोस सहयोग का फिलहाल का क्षेत्र स्वच्छ भारत अभियान है जहां हम निजी एवं सिविल सोसायटी के नवोन्मेष, विशेषज्ञता एवं प्रौद्योगिकी का फायदा उठाएंगे ताकि भारत में व्यापक स्तर पर स्वच्छता की स्थिति में सुधार किया जा सके।

ओबामा और मोदी ने कहा कि वे रणनीतिक साझीदारी को उसके कुछ हिस्सों की बजाय संपूर्ण रूप से व्यापक बनाने का लक्ष्य रखेंगे ताकि दोनों देशों के नागरिकों और समूचे विश्व के स्तर पर भी बेहतर भविष्य सुनिश्चित किया जा सके। दोनों ने कहा कि अमेरिकी निवेश और तकनीकी साझीदारी के जरिए हुई प्रगति से भारत को फायदा मिलता है, साथ ही अमेरिका को अधिक मजबूत, अधिक समृद्ध भारत से फायदा मिलता है। हमारी मित्रता के जरिए आने वाली व्यापक स्थिरता एवं सुरक्षा से क्षेत्र और पूरे विश्व को फायदा होता है।

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