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भारत के साथ गहरे संबंध बनाना रणनीतिक अनिवार्यता: अमेरिका

भारत के साथ अमेरिकी रिश्ते को गहरा बनाने को रणनीतिक अनिवार्यता करार देते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने आज कहा कि द्विपक्षीय संबंधों को एक ऐसी ऐतिहासिक साझेदारी में बदलने का वक्त आ गया है जिससे...

भारत के साथ गहरे संबंध बनाना रणनीतिक अनिवार्यता: अमेरिका
एजेंसीTue, 29 Jul 2014 04:13 PM
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भारत के साथ अमेरिकी रिश्ते को गहरा बनाने को रणनीतिक अनिवार्यता करार देते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने आज कहा कि द्विपक्षीय संबंधों को एक ऐसी ऐतिहासिक साझेदारी में बदलने का वक्त आ गया है जिससे दुनिया के लिए ज्यादा समद्ध भविष्य बनाया जा सके।

दुनिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने लोकतांत्रिक देशों के बीच एक दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी का खाका पेश करते हुए केरी ने कहा कि अमेरिका के साथ भारत के संबंधों को गहरा करना एक रणनीतिक अनिवार्यता है।
 
केरी भारत में चुनावों के बाद नई सरकार के बनने और उसके बाद पैदा हुए हालात की तरफ इशारा कर रहे थे। नई सरकार के बारे में केरी ने कहा कि उसे बदलाव लाने के लिए लोगों ने ऐतिहासिक जनादेश दिया है। आगामी 31 जुलाई को भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ पांचवीं भारत-अमेरिका रणनीतिक वार्ता की सह-अध्यक्षता करने के लिए कल नई दिल्ली रवाना हो रहे केरी ने कहा कि यह संभावनाओं से भरे बदलाव का समय है और हम आपस में पैदा किए जा सकने वाले मौकों पर काम करके दिखाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत और अमेरिका दुनिया के लिए ज्यादा समद्ध भविष्य बना सकते हैं।

भारत और अमेरिका के संबंधों के अभी और फलने-फूलने का जिक्र करते हुए केरी ने कहा कि भारत के साथ हमारे रिश्तों में यह संभावनाओं भरे बदलाव का समय है। केरी ने कहा कि दोनों देशों को जलवायु परिवर्तन से लेकर स्वच्छ ऊर्जा एवं अन्य वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
 
अमेरिकी विदेश मंत्री ने पड़ोसी देशों के साथ शांति स्थापित करने और रिश्तों को सुधारने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल की तारीफ की। केरी ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को शपथ-ग्रहण समारोह में आमंत्रित कर मोदी ने अपने दक्षिण एशियाई पड़ोसी के साथ शांति स्थापित करने और दोस्ती कायम करने की दिशा में पहला कदम बढ़ाया है।

केरी ने कहा कि अमेरिका और भारत 21वीं सदी के लिए अपरिहार्य साझेदार हो सकते हैं और ऐसा होना चाहिए। इस द्विपक्षीय संबंध की गतिशीलता एवं उद्यमी भावना दुनिया की कुछ सबसे बड़ी चुनौतियां सुलझाने के लिए जरूरी हैं। केरी के साथ अमेरिकी वाणिज्य मंत्री पेनी प्रित्जकर के अलावा ऊर्जा विभाग, गृह सुरक्षा विभाग और नासा सहित कई एजेंसियों के अधिकारी भी भारत जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यभार संभालने के बाद से यह अमेरिका का कैबिनेट स्तर का पहला नई दिल्ली दौरा होगा।
 
केरी ने दि यूनाइटेड स्टेटस एंड इंडिया: ए शेयर्ड विजन फॉर 2020 एंड बियोंड नाम के एक व्याख्यान को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की नई सरकार की योजना सबका साथ, सबका विकास है। हम इस सोच का समर्थन करते हैं।

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