सैफई के लिए 800 करोड़, बाकी प्रदेश को 500 करोड़
पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह ने रविवार को कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें किसानों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सैफई के किसानों को मुआवजे के...
पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह ने रविवार को कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें किसानों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सैफई के किसानों को मुआवजे के तौर पर 800 करोड़ रुपये बांटे गए, जबकि बाकी प्रदेश के किसानों को सिर्फ 500 करोड़ में ही निपटा दिया गया। वे रविवार को लाला लाजपत राय मेमोरियल हॉल में किसानों से सीधा संवाद कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि ओलावृष्टि और बारिश से किसानों का बुरा हाल हो गया है। लेखपाल ठीक से सर्वे नहीं कर रहे हैं। मुआवजा बांटने में भारी गड़बड़ी की गई है। किसानों ने भी उन्हें अपना दुखड़ा सुनाया। इसके बाद उन्होंने ऐलान किया किया कि जिले और प्रदेश के पदाधिकारी और कार्यकर्ता 17 जून को कलक्ट्रेट में डीएम का घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि मोदी और अखिलेश एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं। किसानों का कर्ज माफ किया जाना चाहिए। गन्ना मिलों पर जो किसानों का बकाया है, उसे दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2014 के चुनाव में मोदी की सुनामी में सभी बह गए थे। अब वादों की हकीकत सामने है।
भूमि अधिग्रहण बिल के बारे में उन्होंने कहा कि किसानों की अनुमति के बिना किसी को भी जमीन लेने का अधिकार नहीं होना चाहिए। राजस्थान में चल रहे गुर्जर आंदोलन का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसी भी तरह के आरक्षण के पक्ष में नहीं है।
गदगद दिखे रालोद नेता
पीलीभीत शहर में चौधरी अजीत सिंह पहली बार आए थे। पहले ही आयोजन में भारी भीड़ देखकर रालोद के स्थानीय और प्रदेश स्तर के नेता काफी खुश दिखे। कार्यक्रम के बाद अजीत सिंह ने भी इसकी सराहना की और कहा कि पीलीभीत का आज का आयोजन काफी सफल रहा है।
दूसरी पार्टी के नेता भी दिखे
लाला लाजपत राय हॉल में यह कार्यक्र्रम रालोद के बैनर तले था लेकिन उस समय सभी आश्यर्च में पड़ गए जब दूसरी पार्टियों के नेता भी मंच और मंच के सामने दिखाई दिए। इसमें सपा के नेताओं की संख्या ज्यादा रही। रालोद जिलाध्यक्ष आरिफ हजरत खां से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने व्यवहारिकता के नाते सभी को आमंत्रित किया था। हालांकि उनके पार्टी में शामिल होने की बात पर उन्होंने कोई साफ बात नहीं कही और टाल गए।
ये लोग रहे मौजूद
प्रदेश महासचिव मंजीर्त ंसह, जिला अध्यक्ष आरिफ हजरत खां, नगर अध्यक्ष हरिराम शर्मा, जागीर सिंह, शराफत अली, न्यूरिया चेयरमैन हिलाल अहमद, इकबाल हजरत खां, फारुख, खगई लाल वर्मा, दीनदयाल, कंचनलाल सागर, कलीम खान, असद खान।
जनता परिवार में आपसी विश्वास नहीं
पीलीभीत। किसान संवाद कार्यक्रम के बाद चौधरी दिग्विजय सिंह के आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता में चौधरी अजीत सिंह ने कहा कि इस वक्त जनता परिवार के जो दल एकजुट हो रहे हैं, उनमें आपसी विश्वास नहीं है। वे इस परिवार में शामिल होने के कतई हिमायती नहीं हैं। वे इस पूरे गठबंधन को संदेह की दृष्टि से देखते हैं।
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव 2017 में उनकी पार्टी अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी लेकिन अभी यह तय नहीं कि जिले के चारों सीटों पर चुनाव लड़ा जाएगा या फिर कम पर। पूरे प्रदेश की तरह जिले में भी संगठन को और मजबूत करने के लिए काम किया जाएगा। जनता भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस सभी से तंग आ गई है। वह एक नए विकल्प की तलाश कर रही है।
वह विकल्प रालोद उन्हें देने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस वक्त साढ़े चार मुख्यमंत्री हैं। इसलिए काम प्रभावित हो रहा है। साथ ही कहा कि पास के ही जिले के एक बड़े नेता प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। वह भी अक्सर विवादित बयान देते रहते हैं। इससे पता चलता है कि भाजपा और सपा में आपसी साठगांठ है।