फोटो गैलरी

Hindi Newsयूपीः यादव सिंह पर केस दर्ज, 16 ठिकानों पर छापे

यूपीः यादव सिंह पर केस दर्ज, 16 ठिकानों पर छापे

हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के आदेश के ठीक 19 दिन बाद सीबीआई की दिल्ली स्थित ब्रांच ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी के अरबपति चीफ इंजीनियर यादव सिंह के आवास समेत 16 ठिकानों पर...

यूपीः यादव सिंह पर केस दर्ज, 16 ठिकानों पर छापे
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 05 Aug 2015 12:33 AM
ऐप पर पढ़ें

हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के आदेश के ठीक 19 दिन बाद सीबीआई की दिल्ली स्थित ब्रांच ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी के अरबपति चीफ इंजीनियर यादव सिंह के आवास समेत 16 ठिकानों पर मंगलवार को एक साथ छापे मारे। सीबीआई ने यादव सिंह और परिवारीजनों के खिलाफ भ्रष्टाचार और आय से ज्यादा कमाई के दो केस दर्ज करने के बाद ये छापेमारी की।

यादव सिंह के दामाद और आईएएस अधिकारी शशिभूषण लाल सुशील के लखनऊ में बटलर पैलेस स्थित आवास पर भी छापा पड़ा। सीबीआई दिल्ली की एक दर्जन से ज्यादा टीमों ने मंगलवार की सुबह 7 बजे से छापे की कार्रवाई शुरू की। सभी टीमें यादव सिंह की कोठी के अलावा लखनऊ, आगरा और फिरोजाबाद में उनके रिश्तेदारों के घर पहुंचीं। सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि छापे में करोड़ों की जमीन, फार्म हाउस, संपत्तियों, बैंक लॉकर, बैंक खातों के अलावा निवेश और नगदी का पता चला है। छापे के दौरान संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज भारी मात्रा में बरामद किए गए हैं।

सीबीआई उनके बारे में आयकर अधिकारियों से तालमेल कर छानबीन करेगी। सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि लखनऊ में आईएएस के घर छापे की वजह  यूपी काडर के आईएएस शशि भूषण लाल सुशील की पत्नी गरिमा भूषण हैं। गरिमा पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह की बेटी हैं। छापे की कार्रवाई देर शाम तक जारी रही।

पहले केस में यादव सिंह, उनकी बेटी गरिमा भूषण पत्नी आईएएस शशिभूषण लाल सुशील, पत्नी कुसुम लता, बेटा सनी यादव और साथी राजिंदर मिनोचा को नामजद किया गया है। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत काली कमाई करने और आपराधिक साजिश करने के आरोप दर्ज हुए हैं। सीबीआई ने पाया कि वर्ष 2009 से 2014 तक यादव सिंह और उनके परिवारीनजों ने अकूत चल-अचल संपत्तियां अर्जित कीं।

सीबीआई ने आयकर छापे में हुए खुलासे को बनाया आधार
सीबीआई ने पहले केस में नवंबर 2014 में पड़े आयकर छापे में आय से ज्यादा संपत्तियों के प्रमाण मिलने की बात सामने आने के तथ्यों को आधार बनाया है। आयकर विभाग ने भी यह पाया कि 10 करोड़ रुपए यादव सिंह के थे। आयकर रिटर्न और उनसे जुड़े दस्तावेजों की समीक्षा में पाया गया कि यादव सिंह ने वर्ष 2009-2014 के बीच अकूत संपत्ति कमाई। इस दौरान परिवार की कुल बचत न जाने कैसे 1.70 करोड़ हुई। इस दौरान उनके पास 3.6 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति पाई गई।

दूसरे केस में भी सीबीआई ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और यमुना एक्सप्रेस वे अथारिटी के चीफ इंजीनियर रहे यादव सिंह और उनके अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। सीबीआई ने इसमें नोएडा के सेक्टर-39 थाने में वर्ष 13 जून 2012 को दर्ज कराए गए केस को आधार बनाया है। इसमें आरोप थे कि चीफ इंजीनियर रहते हुए चहेते ठेकेदारों, सप्लायरों को आपराधिक साजिश कर करोड़ों के ठेके दिए थे।
इससे नोएडा व ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को करोड़ों का नुकसान हुआ। सीबीआई ने इस केस को भी आधार बनाया है। यह केस यूपी पुलिस ने सीबीसीआईडी लखनऊ सेक्टर को दे दिया था लेकिन दबाव में इसमें फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई थी। सीबीआई का आरोप है कि ऐसा करने से न केवल यादव सिंह के साथियों को करोड़ों का फायदा हुआ बल्कि यादव सिंह ने भी करोड़ों के वारे-न्यारे किए। सीबीआई अब दोनों केसों की विवेचना करेगी।

ये हुए हैं नामजद
यादव सिंह-पूर्व चीफ इंजीनियर नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे अथारिटी
कुसुम लता-पत्नी यादव सिंह
गरिमा सिंह पत्नी आईएएस शशिभूषण लाल सुशील (बेटी यादव सिंह)
सनी सिंह (बेटा यादव सिंह)
राजेंद्र मिनोचा (यादव सिंह के करीबी साथी)

 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें