फोटो गैलरी

Hindi Newsपापा की बेटियां...

पापा की बेटियां...

फिल्म इंडस्ट्री में अभिनेत्रियों की मांओं की ममता शूटिंग सेट पर कैसे उमड़ती है, इसका रोचक चित्रण राम गोपाल वर्मा ने फिल्म 'रंगीला' में किया था। नए दौर में जोया अख्तर की फिल्म 'लक बाय चांस' एक ऐसी...

पापा की बेटियां...
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 20 Jun 2015 08:54 AM
ऐप पर पढ़ें

फिल्म इंडस्ट्री में अभिनेत्रियों की मांओं की ममता शूटिंग सेट पर कैसे उमड़ती है, इसका रोचक चित्रण राम गोपाल वर्मा ने फिल्म 'रंगीला' में किया था। नए दौर में जोया अख्तर की फिल्म 'लक बाय चांस' एक ऐसी नायिका की कहानी कहती है, जो अपनी बेटी को एक्ट्रेस बनाने के लिए दिन-रात फिक्रमंद है और अपने पूर्व प्रेमी से एक फिल्म का पूरा बजट निकलवा लेती है। इंडस्ट्री में अभिनेता पिता अपनी बेटियों की कैसे चिंता करते हैं,  इसका उदाहरण किसी फिल्म से दिया जा सके, ऐसा याद नहीं पड़ता। या कहिए बॉलीवुड ने इसकी कभी जरूरत नहीं समझी। फिल्मों से परे असल जिंदगी में इंडस्ट्री के पापाओं और उनकी लाडलियों पर अगर नजर डाली जाए तो मांओं से इतर पिता का रोल सूखे प्यार जैसा है, जो बेटियों की फिक्र तो बहुत करता है, लेकिन उसे जगजाहिर नहीं करता।

इन दिनों मॉडर्न पिता की भूमिका में सुर्खियां बटोर रहे अनिल कपूर को ही लीजिए। सब जानते हैं कि सोनम उनकी लाडली बेटी है और वे उसके हिचकोले खाते करियर को लेकर फिक्रमंद रहते हैं, पर सार्वजनिक तौर पर इसे कम ही दर्शाते हैं। बकौल अनिल, 'मेरी राय में सोनम का करियर जिस मुकाम पर  है,  उससे बेहतर नहीं हो सकता।' पर सच ये है कि सोनम के लिए अनिल ने अपने बैनर के तहत 'आयशा' का निर्माण किया,  जिससे न केवल सोनम के करियर को उछाल मिला, बल्कि उनकी दूसरी बेटी रिया भी बतौर निर्माता लॉन्च हो गई।

इसी तरह गोविंदा ने बेशक अपनी बेटी टीना (पहले का नाम नर्मदा) के एक्ट्रेस बनने को लेकर कभी चिंता न जताई हो, पर क्या ये बात किसी से छिपी है कि उन्होंने सलमान खान से सिर्फ इसलिए किनारा कर लिया कि उन्होंने अपने साथ टीना को लॉन्च न कर सोनाक्षी सिन्हा के करियर में चार चांद लगा दिए। सुनील शेट्टी भी उनमें से हैं, जो अपनी बेटी आथिया शेट्टी को एक्ट्रेस बनाने के लिए खासे परेशान रहे हैं। सुनील की पत्नी माना शेट्टी का बस चलता, तो आथिया पांच-छह साल पहले ही एक्ट्रेस बन जाती, पर सुनील परफेक्ट लॉन्च चाहते थे। लंबे इंतजार के बाद आथिया को 'हीरो' के रीमेक में आदित्य पंचोली के बेटे सूरज पंचोली के साथ अब लॉन्च किया जा रहा है। लेकिन इंडस्ट्री हमेशा से ही इतने खुले विचारों वाली नहीं रही। रवीना टंडन के पिता रवि टंडन नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी फिल्मों में काम करे।

इसी तरह से धर्मेंद्र के लाख न चाहने पर भी ऐशा देओल ने फिल्मों में काम किया। इससे नाराज होकर धर्मेंद्र कई सालों तक हेमा से दूर घर से अलग रहे। इस कड़ी में संजय दत्त का नाम भी शामिल है,  जो बहुत पहले साफ कर चुके थे कि उनकी बेटी त्रिशाला फिल्मों मे काम नहीं करेगी। कुछ दिन पहले सोशल मीडिया में उनकी फोटो आने से दोबारा से यह माना जाने लगा कि शायद अब वो फिल्मों में आएगी। और करीब से देंखे तो आलिया भट्ट को फिल्मों में लाने का श्रेय उनके पिता को नहीं, बल्कि मां सोनी राजदान को जाता है। आलिया को न तो भट्ट बैनर मिला और न ही अनुभवी पिता की सलाह, लेकिन इस मामले में धर्मेंद्र व भट्ट सरीखे पिताओं से अलग रहा शत्रुघ्न सिन्हा का रवैया। उन्होंने सोनाक्षी को एक्ट्रेस बनने के लिए न तो उत्साहित किया, न ही हतोत्साहित।

सोनाक्षी अपनी मर्जी से फिल्मों में गई तो पिता की सलाह और सुरक्षा से लैस पैनी नजरें उनके पीछे हमेशा रहीं। इसका फायदा ये रहा कि सोनाक्षी को अच्छा लॉन्च पैड मिला और अंट-शंट करना तो दूर, उन्हें ऑफर तक नहीं हुए। क्या कोई इसका अंदाजा लगा सकता है कि शाहरुख की बेटी सुहाना, अक्षय की बेटी नितारा, इमरान खान की बेटी इमारा आगे जाकर फिल्मों में काम करेंगी या नहीं। नितारा और इमारा के भविष्य का क्या होगा, यह इंतजार तो लंबा है, लेकिन जहां तक सुहाना का सवाल है तो शाहरुख अपने बच्चों पर कुछ भी थोपना नहीं चाहते। हां, ये सच है कि वह सार्वजनिक स्थानों पर अपने बेटे (अबराम के आने से पहले) से ज्यादा सुहाना के साथ दिखे हैं।              

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें