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प्राधिकरण ने शहर में स्मार्ट पोल लगाने का निर्णय लिया, इस में कंपनियां ले रही हैं रूचि

शहर की सड़कों और गलियों पर स्मार्ट पोल लगाए जाएंगे। इस पोल पर वाईफाई, थ्री जी, फोर जी उपकरणों के अलावा सीसीटीवी कैमरे और एलईडी लाइटें लगेंगी, जिससे संचार, ट्रैफिक और सुरक्षा और बेहतर हो सकेगी।...

प्राधिकरण ने शहर में स्मार्ट पोल लगाने का निर्णय लिया, इस में कंपनियां ले रही हैं रूचि
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 06 Jul 2015 09:55 PM
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शहर की सड़कों और गलियों पर स्मार्ट पोल लगाए जाएंगे। इस पोल पर वाईफाई, थ्री जी, फोर जी उपकरणों के अलावा सीसीटीवी कैमरे और एलईडी लाइटें लगेंगी, जिससे संचार, ट्रैफिक और सुरक्षा और बेहतर हो सकेगी। प्राधिकरण ने स्मार्ट पोल लगाने का निर्णय ले लिया है।

स्मार्ट पोल लगाने में कई कंपनियों ने रूचि दिखाई है। प्राधिकरण ने इन कंपनियों से कर्म खर्च में स्मार्ट पोल का मॉडल बनाकर प्रस्तुत करने के लिए कहा है। कुछ जगहों पर प्रयोग के तौर पर स्मार्ट पोल लगाए जाएंगे। सकारात्मक परिणाम आने के बाद शहर में अन्य जगहों पर स्मार्ट पोल लगाए जाएंगे।

पहले मुख्य सड़कों पर ये पोल उसके बाद दूसरे चरण में सेक्टरों के अंदर और गांव की गलियों तक में स्मार्ट पोल लगाए जाएंगे। वर्तमान में शहर में 60 हजार पोल लगे हैं।

स्मार्ट पोल समय की जरूरत है। स्मार्ट पोल के लिए प्राधिकरण को ज्यादा खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जो कंपनी स्मार्ट पोल लगाएगी, उसी कंपनी को पोल पर विज्ञापन का अधिकार देने का सुझाव है। इससे कंपनी की आमदनी होगी और वह रखरखाव भी देख सकेगी।

- रमा रमण, चेयरमैन, नोएडा 

सिडनी से हुई स्मार्ट पोल की शुरुआत

ओलंपिक गेम्स 2000 के लिए 1977 में सिडनी में स्मार्ट पोल लगाने की शुरुआत हुई। एक स्मार्ट पोल पर ट्रैफिक सिग्नल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, संचार यंत्र, स्ट्रीट लाइट, इलेक्ट्रॉनिक दिशा सूचक, पैदल यात्री दिशा सूचक यंत्र, ट्रैफिक उपकरण जैसे सीसीटीवी कैमरे और ट्रैफिक कैमरे आदि लगे होते हैं।

इन पर व्यवस्थित विज्ञापन के लिए बैनर लगाने का भी विकल्प होता है। जल्द ही सबसे किफायती प्रोजेक्ट लेकर आने वाली कंपनी को यह स्मार्ट पोल लगाने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

स्मार्ट पोल के कार्य


लाइट्स : इसमें स्ट्रीट लाइट्स, पैदल यात्री के लिए लाइट, सुरक्षा संदेश, स्पॉट लाइट, फीचर लाइट होती हैं।
ट्रैफिक : स्मार्ट पोल में सिग्नल लाइट्स, ट्रैफिक कैमरे, सीसीटीवी कैमरों के अलावा दिशा सूचक भी लगे होते हैं।
साइनेज : दिशा सूचक, पैदल यात्रियों के लिए दिशा सूचक यंत्र, वास्तविक समय पटल की सुविधा रहेगी।
संचार यंत्र : जैसे वाईफाई, 3जी और 4 जी नेटवर्क के लिए यंत्र।

नेटवर्किंग पर होगा 40 प्रतिशत खर्च

स्मार्ट पोल पर लागत का 40 प्रतिशत नेटवर्किंग पर खर्च होगा। 24 घंटे फुटेज रिकॉर्डिग बडम्े स्तर पर बैंडविथ लेना होगा। इसलिए निजी कंपनियों को ही यह जिम्मेदारी सौंप कर आमदनी का नया मॉडल बनाया गया है। कंपनियों को इन पोलों पर विज्ञापन का अधिकार देकर लागत की भरपाई की जाएगी।

तीन बड़े फायदे

संचार सेवाएं में सुधार होगा

स्मार्ट पोल पर लगे संचार यंत्रों की मदद से चौराहों, सड़कों, गलियों और सेक्टर की अंदर की सडम्कों पर वाईफाई, 3जी, 4जी नेटवर्क की सुविधा मिलने लगेगी।

प्राधिकरण की इन सुविधाओं के उपयोग के लिए बकायदा सिस्टम बनाया जाएगा। प्री-पेड और पोस्ट पेड भुगतान का विकल्प दिया जाएगा। उपभोग करने वालों को यूनिक पासवर्ड मुहैया कराया जाएगा।

सुरक्षा चक्र होगा बेहतर

स्मार्ट पोल सुरक्षा मजबूत बनाने में बड़ी मदद करेंगे। इनकी मदद से सेक्टर और गली के अंदर तक की सडम्कों पर वाईफाई युक्त सीसीटीवी कैमरों लग जाएंगे।

घटना को समझने, वारदात को अंजाम देने वाले की पहचान कर उसे पकड़ने में मदद मिलेगी। सड़कों पर लगे कैमरे भी वारदातों के खुलासे और यातायात नियमों को तोड़ने वालों तक पहुंचने में मददगार साबित होंगे।

व्यस्थित यातायात संचालन होगा मुमकिन

ट्रैफिक कैमरे की रियल टाइम रिकॉर्डिग और कंट्रोल रूम में सीधा प्रसारण से यातयात संचालन में मदद मिलेगी। कंट्रोल रूम से ही यातायात का संचालन किया जा सकेगा। ट्रैफिक के दबाव के अनुसार सिग्नल ऑपरेट किया जा सकेगा। सिग्नल तोडम्ने वालों के चालान किए जा सकेंगे।

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