बिल्डर को फ्लैट देने में देरी पर देना होगा मुआवजा: कोर्ट
तीस हजारी कोर्ट ने मंगलवार को एक अहम फैसला देते हुए कहा है कि संपत्ति देने में देरी पर बिल्डर को मुआवजा देना होगा। साथ ही वह खरीदार से ऐसे किसी शुल्क की मांग नहीं कर सकता जो उसके अनुबंध का हिस्सा...
तीस हजारी कोर्ट ने मंगलवार को एक अहम फैसला देते हुए कहा है कि संपत्ति देने में देरी पर बिल्डर को मुआवजा देना होगा। साथ ही वह खरीदार से ऐसे किसी शुल्क की मांग नहीं कर सकता जो उसके अनुबंध का हिस्सा नहीं है।
अतिरिक्त जिला जज कामिनी लॉ की कोर्ट ने कहा कि बिल्डर ऐसा पाक साफ व्यक्ति नहीं है जिससे उपभोक्ता सवाल नहीं कर सकते। यह बात कोर्ट ने दो भाइयों के पक्ष में फैसला देते हुए कही।
कोर्ट ने कहा कि बिल्डर अपने गैरकानूनी मकसद को हासिल करने के लिए तरकीबें अपना रहे हैं और खरीदारों से जबरन लागत मूल्य या अतिरिक्त शुल्क लगाकर रकम ऐंठ रहे हैं। बिल्डर बिना किसी औचित्य के अतिरिक्त शुल्क नहीं लगा सकते हैं।
कोर्ट ने रियल एस्टेट कंपनी टीडीआई इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की अतिरिक्त रकम और अन्य शुल्क की मांग को खारिज कर दिया। साथ ही आदेश दिया कि कंपनी दो माह में सोनीपत परियोजना के तहत शिकायतकर्ता भाइयों को प्लॉट का मालिकाना हक सौंपे।