फोटो गैलरी

Hindi NewsUPSC Result घोषित, बेटियों ने बाजी मारी, दिल्ली की इरा ने टॉप किया, लड़कों में बिहार का सुहर्ष अब्वल

UPSC Result घोषित, बेटियों ने बाजी मारी, दिल्ली की इरा ने टॉप किया, लड़कों में बिहार का सुहर्ष अब्वल

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा शनिवार को घोषित किए गए नतीजों में बेटियों ने बाजी मारी। शीर्ष चार स्थानों पर लड़कियों का कब्जा रहा। इनमें तीन दिल्ली की और एक केरल की है। दिल्ली की शारीरिक रूप से...

UPSC Result घोषित, बेटियों ने बाजी मारी, दिल्ली की इरा ने टॉप किया, लड़कों में बिहार का सुहर्ष अब्वल
एजेंसीSat, 04 Jul 2015 07:24 PM
ऐप पर पढ़ें

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा शनिवार को घोषित किए गए नतीजों में बेटियों ने बाजी मारी। शीर्ष चार स्थानों पर लड़कियों का कब्जा रहा। इनमें तीन दिल्ली की और एक केरल की है। दिल्ली की शारीरिक रूप से निशक्त 29 वर्षीय आईआरएस अधिकारी इरा सिंघल ने पहला स्थान हासिल किया। बिहार के सुहर्ष भगत पांचवें स्थान पर रहे, जो लड़कों में टॉपर हैं।

254 उम्मीदवार प्रतीक्षा सूची में
यूपीएससी के अनुसार विभिन्न केंद्रीय सरकारी सेवाओं में नियुक्ति के लिए कुल 1,236 सफल उम्मीदवार घोषित किए गए हैं। इनमें 590 सामान्य, 354 अन्य पिछड़ा वर्ग, 194 अनुसूचित जाति और 98 अनुसूचित जनजाति के हैं। सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से कुल 1,364 पद भरे जाएंगे। 254 अन्य उम्मीदवार प्रतीक्षा सूची में हैं।

इरा ने कहा है कि मैं सच में बहुत खुश हूं। मुझे विश्वास नहीं हो रहा। मैंने बस परीक्षा की तैयारी की थी। शारीरिक रुप से निशक्त होने के बावजूद इरा ने सामान्य श्रेणी में परीक्षा में पहला स्थान किया। उन्होंने कहा, मैं आईएएस अधिकारी बनना चाहती थी. मैं शारीरिक रुप से निशक्त लोगों के लिए कुछ करना चाहती हूं।
 
अपने पहले ही प्रयास में परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल करने वाली रेणु राज ने कहा, मैं नतीजे के बारे में जानकार बहुत खुश हूं. मैं पिछले एक साल से परीक्षा की तैयारी कर रही थी। केरल के कोल्लम जिले के एक अस्पताल में काम करनी वाली रेणु कोट्टयम की रहने वाली हैं।

तीसरा स्थान हासिल करने वाली निधि ने कहा कि यह उनके लिए एक गर्व का पल है। वर्तमान में सहायक सीमा शुल्क एवं केंद्रीय आबकारी आयुक्त के तौर पर काम कर रही निधि ने कहा, यह सच में एक गर्व का पल है। मैंने कडी मेहनत की और आखिरकार उसका फल मिला।

सुहर्ष भगत बिहार में समस्तीपुर के
बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले सुहर्ष भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं। सुहर्ष के डॉक्टर पिता फलेंद्र ने बताया, 'सुहर्ष का 2011 में भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा सेवा (आईएएएस) में चयन हुआ था। 2012 में उसने दोबारा परीक्षा दी और उसे भारतीय सूचना सेवा में जगह मिली। 2013 में उसे आईआरएस (आयकर) मिला। वह नागपुर में तैनात है।'photo1 photo2

कुल 1,236 चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और केंद्रीय सेवा के समूह ‘ए’ तथा ‘बी’ के अलग-अलग पदों पर होगी।

इस बार आयोग यह रिजल्ट इंटरव्यू होने के महज 4 दिन के अंदर ही जारी किया है। पिछले साल 24 अगस्त को यह सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा देशभर के 59 केंद्रों में 2,137 स्थानों पर आयोजित की गई थी।

यूपीएससी परीक्षा में करीब 9.45 लाख उम्‍मीदवारों ने आवेदन किया था। हालांकि करीब 4.51 लाख उम्‍मीदवार इस परीक्षा में शामिल हुए थे। इनमें से 16,933 उम्‍मीदवार मुख्य परीक्षा के लिए पास हो सके।

2012 लड़कियों के लिए यादगार साल
2012 की परीक्षा में वी हरिता कुमार टॉपर रहीं। यानी लगातार तीसरे साल लड़कियों को शीर्ष स्थान मिला। लेकिन इसी साल अनुसूचित जाति और जनजाति श्रेणी में भी लड़की ही टॉपर रही। टॉप 25 सफल परीक्षार्थियों में 12 लड़कियां शामिल थीं। इतना ही नहीं 998 सफल उम्मीदवारों में से 245 यानी एक चौथाई लड़कियां रहीं।

यूपी-बिहार का रहता है दबदबा
केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार यूपी-बिहार के युवा यूपीएससी में ज्यादा चुने जाते हैं। 2010 में जारी आंकड़ों में भले ही यूपी टॉप पर रहा हो लेकिन इस मामले में बिहार ने दूसरा स्थान पक्का किया। उसने तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश को पीछे छोड़ा।

यूपी की हिस्सेदारी 15 फीसदी
2010 में कार्मिक मंत्रालय के आंकड़ों में 4,443 आईएएस अफसरों का जिक्र किया गया। इसमें 671 यानी 15 फीसदी यूपी से थे जबकि 419 (9.4 फीसदी) बिहार से थे।

तमिलनाडु नंबर तीन पर
290 अधिकारियों के साथ तमिलनाडु तीसरे तो आंध्र प्रदेश 269 के साथ चौथे स्थान पर था। इसके बाद दिल्ली (233), पंजाब (228), महाराष्ट्र (222), हरियाणश (158) और मध्य प्रदेश (152) का नंबर था।

छोटे राज्य भी बढ़े
अनुसूचित जनजाति आरक्षण का लाभ राजस्थान के युवाओं ने ज्यादा उठाया। इसके अलावा उत्तर-पूर्व के उम्मीदवारों ने भी इस कोटे में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। इसमें मणिपुर, मेघालय, नगालंैड के 20 से ज्यादा अधिकारी शामिल हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक 1990 में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण मिलने से उत्तर प्रदेश और बिहार से इस वर्ग के परीक्षार्थी बढ़े हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें