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Hindi Newsयाकूब मामले पर सुप्रीम कोर्ट के जजों के बीच मतभेद, अब बड़ी बेंच में होगी सुनवाई

याकूब मामले पर सुप्रीम कोर्ट के जजों के बीच मतभेद, अब बड़ी बेंच में होगी सुनवाई

उच्चतम न्यायालय ने याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन की वह याचिका वृहत पीठ को भेज दी है जिसमें उसने 1993 के मुंबई बम विस्फोट मामले में 30 जुलाई को निर्धारित अपनी फांसी की सजा की तामील पर रोक लगाने की मांग की...

याकूब मामले पर सुप्रीम कोर्ट के जजों के बीच मतभेद, अब बड़ी बेंच में होगी सुनवाई
एजेंसीTue, 28 Jul 2015 01:38 PM
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उच्चतम न्यायालय ने याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन की वह याचिका वृहत पीठ को भेज दी है जिसमें उसने 1993 के मुंबई बम विस्फोट मामले में 30 जुलाई को निर्धारित अपनी फांसी की सजा की तामील पर रोक लगाने की मांग की है।

मेमन की याचिका पर विचार करने के मुद्दे पर न्यायमूर्ति एआर दवे और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ के बीच मतभेद के बाद याचिका वृहत पीठ को भेजी गई।

न्यायमूर्ति दवे ने जहां 30 जुलाई के लिए जारी मौत के वारंट पर रोक लगाने से इनकार किया, वहीं न्यायमूर्ति कुरियन ने कहा है कि मत्युदंड क्रियान्वित नहीं होगा।

साझे आदेश में मामला प्रधान न्यायाधीश को भेज दिया गया जो मुद्दे पर शाम चार बजे विचार करेंगे।

न्यायमूर्ति दवे ने याकूब की याचिका खारिज करते हुए उसके द्वारा मांगे गए क्षमादान का मुद्दा विचार के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल पर छोड़ा।

न्यायमूर्ति कुरियन ने कहा कि मेमन की सुधारात्मक याचिका पर नए सिरे से विचार होना चाहिये क्योंकि इसे उचित प्रक्रिया अपनाए बिना और इस अदालत द्वारा तय नियमों का पालन किए बिना खारिज कर दिया गया था।

न्यायमूर्ति कुरियन ने कहा कि सुधारात्मक याचिका पर निर्णय करने में त्रुटि को सुधारे जाने की आवश्यकता है, अन्यथा यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त दोषी के जीवन के अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन होगा।

उनहोंने कहा कि सुधारात्मक याचिका पर निर्णय करने में त्रुटि स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि संविधान के तहत यह न्यायालय किसी व्यक्ति का जीवन बचाने के लिए है, यह असहाय नहीं है और उच्चतम न्यायालय जैसी अदालतों को शक्तिहीन नहीं होना चाहिए।

न्यायाधीशों का दृष्टिकोण यह था कि प्रधान न्यायाधीश एक पीठ गठित करेंगे और मामले को कल सुनवाई के लिए रखेंगे।

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