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Hindi Newsव्यापमं कवर करने गए पत्रकार की संदिग्ध मौत, कांग्रेस ने उठाये सवाल

व्यापमं कवर करने गए पत्रकार की संदिग्ध मौत, कांग्रेस ने उठाये सवाल

मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले में संदिग्ध मौतों का सिलसिल थम नहीं रहा है। झाबुआ जिले में इस घोटाले को कवर करने गए एक खबरिया चैनल के संवाददाता की शनिवार को अचानक मौत हो गई। पत्रकार अक्षय सिंह इस...

व्यापमं कवर करने गए पत्रकार की संदिग्ध मौत, कांग्रेस ने उठाये सवाल
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 04 Jul 2015 10:23 PM
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मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले में संदिग्ध मौतों का सिलसिल थम नहीं रहा है। झाबुआ जिले में इस घोटाले को कवर करने गए एक खबरिया चैनल के संवाददाता की शनिवार को अचानक मौत हो गई। पत्रकार अक्षय सिंह इस घोटाले में संदिग्ध परिस्थितियों में मारे गए लोगों के परिजनों का साक्षात्कार कर रहे थे।

सिंह के एक सहयोगी के मुताबिक, अक्षय सिंह झाबुआ जिले के मेघनगर में इंटरव्यू करने के लिए गए हुए थे, उसी दौरान उन्होंने बेचैनी की शिकायत की। मध्य प्रदेश की सीमा से लगे गुजरात के दाहोद में अस्पताल ले जाते वक्त उनकी मौत हो गई। व्यापमं घोटाले में अब तक 38 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। हालांकि राज्य के गृह मंत्री बाबू लाल गौर ने इन मौतों को स्वाभाविक करार दिया है।

समाचार चैनल के भोपाल में ब्यूरो प्रमुख अमित कुमार ने बताया, 35 वर्षीय अक्षय सिंह दिल्ली से व्यापमं घोटाले को कवर करने के लिए मध्य प्रदेश आए हुए थे। वह व्यापमं घोटाले में उन लोगों के परिजनों का इंटरव्यू कर रहे थे, जिनकी मौत संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है।

अमित कुमार ने 'हिन्दुस्तान टाइम्स' से बताया, अक्षय सिंह इंदौर में ठहरे हुए थे। शनिवार को वह अपने कैमरा मैन और एक अन्य सहयोगी के साथ नम्रता डामोर नाम की एक छात्रा के परिवार का इंटरव्यू करने के लिए निकले हुए थे। उन्होंने बताया, इंटरव्यू के दौरान ही अक्षय ने बेचैनी की शिकायत की। पहले उन्हें एक स्थानीय निजी अस्पताल में ले जाया गया। इसके बाद अक्षय को झाबुआ जिला अस्पताल ले जाया गया। उसके बाद वहां से उन्हें गुजरात के दाहोद ले जाया गया लेकिन वहां पहुंचते ही उन्होंने दम तोड़ दिया। झाबुआ के पुलिस अधीक्षक आबीद खान ने कहा, प्रथमदृष्टया पत्रकार की मौत में कुछ भी संदिग्ध नहीं लग रहा है। हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।

बता दें कि व्यापमं घोटाले में नाम आने के बाद एमजीएम कॉलेजी की 25 वर्षीय छात्रा नम्रता डामोर ने जनवरी 2012 में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। लेकिन नम्रता की मौत पर तब बवाल मच गया, जब यह आरोप लगा कि कुछ प्रभावशाली लोगों ने उसकी हत्या की है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने दीजिए। उसके बाद हम मामले की आगे की जांच तय करेंगे।
बाबू लाल गौर, गृह मंत्री, मध्य प्रदेश

बड़े लोगों को बचाया जा रहा है
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित 18 मंत्री और पूर्व मंत्री, 32 आईएएस अधिकारी, 8 आईपीएस अधिकारी और कई आईएफएस अधिकारियों के खिलाफ सबूतों सहित शिकायत करने के बावजूद भ्रष्टाचार निरोधक संस्था ने इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते हुए कई मामलों में शामिल लोगों को क्लीन चिट दे दी है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा, प्रदेश में भ्रष्टाचार में लिप्त बड़ी मछलियों को पकड़ने के बजाय मध्य प्रदेश में लोकायुक्त लिपिक, पटवारी और चपरासी जैसी छोटी मछलियों का भ्रष्टाचार में पकड़कर अपनी पीठ थपथपा रहा है। प्रदेश में ईओडब्यू भी इसी तरह का काम कर रहा है।

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