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भूकंप की अफवाहों पर ध्यान नहीं दें, सरकार ने की लोगों से अपील

राज्यसभा में आज विभिन्न दलों के सदस्यों ने भूकंप से नेपाल एवं भारत के कई राज्यों में हुए जानमाल के भारी नुकसान पर शोक जताया और सरकार से आपदा प्रबंधन की तैयारियों को मजबूत करने का सुझाव दिया। वहीं...

भूकंप की अफवाहों पर ध्यान नहीं दें, सरकार ने की लोगों से अपील
एजेंसीTue, 28 Apr 2015 09:24 AM
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राज्यसभा में आज विभिन्न दलों के सदस्यों ने भूकंप से नेपाल एवं भारत के कई राज्यों में हुए जानमाल के भारी नुकसान पर शोक जताया और सरकार से आपदा प्रबंधन की तैयारियों को मजबूत करने का सुझाव दिया। वहीं दूरसंचार एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोगों से अपील की कि वे सोशल मीडिया के जरिए फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान नहीं दें। इसके साथ ही सरकार ने पड़ोसी देश को सभी प्रकार की मदद देने की प्रतिबद्धता जतायी और कहा कि हम संकट की इस घडी में नेपाल के साथ हैं।

प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया पर कई तरह की टिप्पणियां आती हैं कि इस समय भूकंप आएगा। उन्होंने लोगों से संयम बरतने तथा सोशल मीडिया पर अफवाह नहीं फैलाने की अपील की। उन्होंने लोगों से कहा कि वे ऐसे अफवाहों पर ध्यान नहीं दें। उन्होंने कहा कि अगर सरकार के पास किसी प्राकतिक आपदा के बारे में कोई सूचना होगी तो वह उचित कदम उठाएगी।

संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस संबंध में देश को किसी भी तरह से घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि अधिकत जानकारी होने पर सरकार की ओर से उचित कदम उठाए जाएंगे। उपसभापति पी जे कुरियन ने भी अफवाहों को गंभीर मुद्दा बताते हुए लोगों से सोशन मीडिया पर फैलाए जा रहे संदेशों पर ध्यान नहीं देने को कहा।

इसके पहले सुबह बैठक शुरू होने पर सभापति हामिद अंसारी ने नेपाल में 25 अप्रैल को आए 7.9 की तीव्रता वाले भूकंप से दो हजार से ज्यादा लोगों के मारे जाने और हजारों लोगों के घायल होने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भूकंप के कारण संपत्ति को भी भारी नुकसान हुआ है और बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी करीब 60 लोगों की मौत हुई है।

भूकंप में मारे गए लोगों के प्रति शोक व्यक्त करते हुए अंसारी ने कहा कि दुख की इस घड़ी में भारत नेपाल के लोगों के साथ खडा है। सदस्यों ने कुछ क्षणों का मौन रखकर भूकंप के कारण मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उपसभापति पी जे कुरियन ने कहा कि नेपाल की त्रासदी पर चर्चा कराने के लिए कई सदस्यों की ओर से नियम 267 के तहत नोटिस मिले है। उन्होंने सदस्यों को संक्षिप्त रूप से अपनी बातें रखने की अनुमति दी।

सदस्यों ने नेपाल में राहत एवं बचाव कार्य तत्काल शुरू करने के लिए भारत सरकार की ओर से दिखायी गयी तत्परता की सराहना की। हालांकि कुछ सदस्यों ने सुक्षाव दिया कि ऐसी आपदा से निपटने के लिए अधिक तैयारियों की जरूरत है। सपा के रामगोपाल यादव ने केंद्र सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे कायो का जिक्र किया और भारत सरकार की ओर से दिखायी गयी तत्परता के लिए उसे बधाई दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने जितनी संवेदनशीलता दिखायी है, काठमांडो में भारतीय दूतावास ने उतनी संवेदनशीलता नहीं दिखायी है और उसे और अधिक संवेदनशील होना चाहिए।

तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के बोर्ड को मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि खाली पदों को जल्द भरा जाना चाहिए। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी एनडीएमए को मजबूत बनाए जाने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि शोक एवं दुख की घड़ी में पूरा भारत नेपाल की जनता के साथ है। उन्होंने कहा कि हमारी पूरी सहानुभूति उनके साथ है। उन्होंने कहा कि नेपाल के साथ मित्रता सरकार के स्तर तक ही नहीं बल्कि जनता के स्तर पर भी है। उन्होंने आशंका जतायी कि नेपाल में मृतकों में कई भारतीय भी हो सकते हैं।

आजाद ने कच्छ, लातूर में आए भूकंपों का जिक्र किया और कहा कि सरकार को और सतर्क रहने की जरूरत है। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि भूकंप पीड़ितो को मदद देने के साथ ही सरकार को बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों की समस्याओं पर भी गौर करना चाहिए और उनकी मदद भी की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि नेपाल में आए भूकंप से केंद्र को काफी कुछ सीखने की जरूरत है और इसके लिए पूरी तैयारी की जानी चाहिए।

माकपा के सीताराम येचुरी ने सुझाव दिया कि सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास कोष (एमपीलैड) का उपयोग नेपाल में राहत प्रदान के लिए अनुमति दी जानी चाहिए। उपसभापति कुरियन ने कहा कि यह अच्छा सुक्षाव है और इस पर विचार किया जाना चाहिए।

जदयू के के सी त्यागी ने कहा कि कहा कि नेपाल के बाद सबसे ज्यादा बर्बादी बिहार में हुयी है। उन्होंने कहा कि बिहार के कई जिले पहले ही चक्रवात से प्रभावित हो चुके थे जिसमें फसलें बर्बाद हो गयीं। उन्होंने इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित किए जाने की मांग की। उन्होंने एनडीएमए पर सदन में विस्तत चर्चा कराए जाने की मांग करते हुए कहा कि इसके प्रावधान काफी पुराने हो चुके हैं।

शिवसेना के संजय राउत ने कहा कि सरकार को सांसदों को अपने एमपीलैड कोष का उपयोग नेपाल में स्कूल, अस्पताल एवं सड़कों के निर्माण के लिए करने की अनुमति देनी चाहिए। शिअद के बलविंदर सिंह भुंडर ने भी उनकी इस मांग का समर्थन किया। राजद के प्रेमचंद गुप्ता ने कहा कि भूकंप जैसी स्थिति के लिए हमारी तैयारी नहीं है। उन्होंने आशंका जतायी कि अगर मैदानी भाग में भी ऐसा भूकंप आ जाए तो और भी ज्यादा तबाही हो सकती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने नेपाल के लोगों के आंसू पोंछने की बात की है। उन्होंने इसकी सराहना करते हुए कहा कि हमें उम्मीद है कि ऐसा किया जाएगा और यह कोई जुमला नहीं होगा।

राकांपा के प्रफुल्ल पटेल ने भारत के 14 साल से कम उम्र के बच्चों की फुटबॉल टीम के वहां होने का जिक्र किया और कहा कि नेपाल के फुटबॉल एसोसिएशन ने उनका काफी ख्याल रखा और हर घंटे उनके बारे में सूचना देते रहे। उन्होंने कहा कि इंडियन फुटबाल फेडरेशन ने भूकंप पीडिम्तों की मदद के लिए नेपाल फुटबाल एसोसिएशन को 11 लाख रुपये दिए हैं। आरपीआई ए के रामदास अठावले ने नेपाल में भूकंप पीड़ितो की मदद के लिए दो महीने का अपना वेतन देने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने उद्योगपतियों और गैरसरकारी संगठनों से भी मदद के लिए आगे आने की अपील की।

सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा कि भूकंप आने के बारे में रोज अफवाहें फैलायी जा रही हैं और सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। अन्नाद्रमुक के नवनीत कृष्णन, द्रमुक की कनिमोई, बीजद के दिलीप कुमार टिर्की ने भी संक्षिप्त चर्चा में भाग लिया। सदस्यों की भावना से अपने को संबद्ध करते हुए संसदीय कार्य राज्य मंत्री नकवी ने कहा कि नेपाल के साथ न सिर्फ भावनात्मक बल्कि सांस्कतिक संबंध भी हैं। उन्होंने दोनों देशों के करीबी रिश्ते का जिक्र करते हुए कहा कि पीड़ा की इस घड़ी में पूरा भारत उनके साथ है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रभावित लोगों की मदद के लिए तत्काल कदम शुरू कर दिया और सभी जरूरी राहत सामग्री भेजी गयी हैं। उन्होंने कहा कि युद्धस्तर पर राहत कार्य चल रहे हैं और संवेदनशीलता के साथ कदम उठाए रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस समय हमारी प्राथमिकता तत्काल राहत पहुंचाने की है और सरकार बाद में विस्तृत बयान दे सकती है।

 

 

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