फोटो गैलरी

Hindi Newsजानें कैसे अधूरी नींद बढ़ा सकती है नशे की लत

जानें कैसे अधूरी नींद बढ़ा सकती है नशे की लत

अधूरी नींद आपके आत्मनियंत्रण को कमजोर कर देती है। इससे जहां काम और निर्णय करने की क्षमता प्रभावित होती है, वहीं तुनकमिजाज और नशे की लत का शिकार होने का खतरा बढ़ जाता है। आखिरकार यह ठीक से कोई काम...

जानें कैसे अधूरी नींद बढ़ा सकती है नशे की लत
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 05 Jul 2015 11:53 AM
ऐप पर पढ़ें

अधूरी नींद आपके आत्मनियंत्रण को कमजोर कर देती है। इससे जहां काम और निर्णय करने की क्षमता प्रभावित होती है, वहीं तुनकमिजाज और नशे की लत का शिकार होने का खतरा बढ़ जाता है। आखिरकार यह ठीक से कोई काम करने लायक नहीं छोड़ती। एक नए अध्ययन में यह चेतावनी दी गई है।

शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि पर्याप्त और गहरी नींद की कमी व्यक्ति के आत्मनियंत्रण की क्षमता को नकारात्मक तौर पर प्रभावित करती है। उन्होंने आगाह किया है कि समुचित नींद से वंचित होना किसी व्यक्ति के निर्णय लेने की क्षमता को कमजोर कर सकता है। इससे व्यक्ति के तुनकमिजाज और बेपरवाह हो जाने का खतरा बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि अधूरी नींद के ये दुष्परिणाम आगे चलकर व्यक्ति के निजी और पेशेवर दोनों जीवन को गंभीर तरीके से प्रभावित करते हैं और वह कोई काम ठीक से करने में असमर्थ हो जाता है।

साउथ कैरोलिना स्थित क्लेमसन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता प्रोफेसर जून पिल्चर ने कहा, हर दिन हम कई तरह के फैसले लेते हैं। इसके लिए आत्मनियंत्रण जरूरी है। अगर हमारे सामने परस्पर विरोधी इच्छाएं और अवसर आते हैं तो आत्मनियंत्रण के जरिए ही हम उन पर काबू पाकर उचित निर्णय लेते हैं। अगर नींद कम ली जाए या हर दिन सोने के घंटे घटते-बढ़ते रहें या सोने का समय तय न हो तो व्यक्ति आत्मनियंत्रण खोने लगता है। उन्होंने कहा, आत्मनियंत्रण की कमी से व्यक्ति के अंदर गुस्सा जल्दी पनपने लगता है जिससे ऑफिस और घर दोनों जगहों पर मुसीबतें पैदा होती हैं। अच्छी नींद लेने पर व्यक्ति के अंदर ऊर्जा का स्तर बना रहता है और ऊर्जावान व्यक्ति कठिन निर्णय लेने की क्षमता रखता है। वह आसान रास्तों को नहीं तलाशता या हल्के काम नहीं लेता।

अध्ययन
- आत्मनियंत्रण में आती है कमी, बढ़ जाता है तुनकमिजाज होने का खतरा
- अच्छी नींद लेने पर व्यक्ति के अंदर ऊर्जा का स्तर बना रहता है बराबर

निर्णय क्षमता पेशेवर जीवन और निजी जीवन के लिए अहम
पूर्व के अध्ययनों ने दिखाया है कि चौबीसों घंटे सातों दिन चालू रहने वाली वैश्विक अर्थव्यवस्था के वर्तमान दौर में प्राय: लोग जरूरत से कम समय तक सोते हैं या अनियमित तरीके से सोते हैं। बहुतेरे लोग काम के कारण कार्यालय में देर तक जमे रहते हैं। कई लोग देर रात तक कोई टीवी कार्यक्रम देखने के कारण देर से सोते हैं। ऐसी स्थितियों में वे पूरा आराम नहीं कर पाते। इससे उनकी निर्णय क्षमता प्रभावित होती है। निर्णय क्षमता पेशेवर जीवन के साथ साथ निजी जीवन के लिए भी अहम है। इसमें कोई समस्या आने पर व्यक्ति ठीक से काम करने में कठिनाई अनुभव करने लगता है।  

नुकसान
- थकावट और वजन बढ़ने का जोखिम बढ़ जाता है
उच्च रक्तचाप का बना रहता है ज्यादा डर
व्यक्ति के बेपरवाह हो जाने का भी रहता है खतरा
कम नींद से कोई काम ठीक से करने में असमर्थ हो जाता है व्यक्ति

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें