फोटो गैलरी

Hindi Newsअलार्म से नहीं खुलती संता की नींद

अलार्म से नहीं खुलती संता की नींद

अलार्म से नहीं खुलती संता की नींद संता बंता से: 20 सालों में, आज पहली बार अलार्म से सुबह-सुबह मेरी नींद खुल गई। बंता: क्यों, क्या तुम्हें अलार्म सुनाई नहीं देता था? संता: नहीं आज सुबह मुझे जगाने...

अलार्म से नहीं खुलती संता की नींद
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 04 Sep 2015 01:11 PM
ऐप पर पढ़ें

अलार्म से नहीं खुलती संता की नींद
संता बंता से: 20 सालों में, आज पहली बार अलार्म से सुबह-सुबह मेरी नींद खुल गई।
बंता: क्यों, क्या तुम्हें अलार्म सुनाई नहीं देता था?
संता: नहीं आज सुबह मुझे जगाने के लिए मेरी बीवी ने अलार्म घड़ी फेंक कर सिर पर मारी।

**********************************************
डॉक्टर का हुकुम है
बेरा: अरे-अरे साहब जी, आप ये चम्मच किससे पूछकर ले रहे हैं?
दयानन्द: डॉक्टर के हुकम से।
बेरा: क्या मतलब।
जेब से दवा की शीशी निकाल कर दिखाते हुए दयानन्द: देखो, दवा की इस शीशी पर लिखा है...खाना खाने के बाद दो चम्मच ले लें।

**********************************************

दो दोस्त मोटर-साईकिल पर तेज रफ्तार से जा रहे थे।
उन्हें एक ट्रैफिक पुलिस वाले ने रोका और कहा: तुम ये क्या कर रहे हो, अगर एक्सीड़ेंट हो गया तो?
दोनों दोस्त बोले: आप चिंता मत कीजिए कांस्टेबल साहब, भगवान हमारे साथ है।
कांस्टेबल: ओह! ‘इसका मतलब एक मोटर-साईकल पर तीन आदमी’, चलो चालान कटाओ।

**********************************************

पठान की टांग और नर्स
पठान की टांग में कट लग गया।
नर्स ने कहा: इसमें 10 टांके लगेंगे।
पठान: कितना खर्चा लगेगा?
नर्स: 3000 रुपए।
पठान: टांका लगवाना है कोई कढ़ाई नहीं करवानी।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें