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जानिए अर्थ ऑवर से जुड़ी कुछ बेहद खास बातें

इंटरनेट पर इस वक्त अर्थ ऑवर की चर्चा है, लेकिन आखिर ये अर्थ ऑवर है क्या? चलिए हम बताते हैं इस सवाल का जवाब। अर्थ ऑवर WWF का एक अभियान है जिसका मकसद लोगों को बिजली के महत्व के प्रति और पर्यावरण...

जानिए अर्थ ऑवर से जुड़ी कुछ बेहद खास बातें
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 28 Mar 2015 11:39 AM
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इंटरनेट पर इस वक्त अर्थ ऑवर की चर्चा है, लेकिन आखिर ये अर्थ ऑवर है क्या? चलिए हम बताते हैं इस सवाल का जवाब।

अर्थ ऑवर WWF का एक अभियान है जिसका मकसद लोगों को बिजली के महत्व के प्रति और पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरुक करना है।

इसका मुख्यालय सिंगापुर में है। 2007 में इसे तब पहचान मिली जब इसने सिडनी में पर्यावरण सुरक्षा का संदेश देने के लिए एक घंटे लाइटें बंद कराई थीं।

इसके बाद तो करीब 162 देशों तक लाइटें बंद करने का ये अभियान फैलता चला गया।

2015 में 28 मार्च की शाम साढ़े आठे बजे से साढ़े नौ बजे तक लाइटें बंद की जाएंगी और जनता को जागरुक किया जाएगा।

माना जा रहा है कि इस साल 172 देशों में इस अभियान को समर्थन मिलेगा।

WWF के बारे में

WWF एक संस्था है जिके बारे में कहा जाता है कि ये दुनिया की सबसे बड़ी इंडिपेंडेंट कंन्जरवेशन ऑर्गेनाइजेशन है।

100 से अधिक देशों में 5 मिलियन से अधिक लोग इस संस्था को स्पोर्ट करते हैं।

संस्था के मुताबिक इसका उद्देश्य प्रकृति के नुकसान को रोकना और मानव भविष्य को बेहतर बनाना है।

इस तरह भारत बचा रहा है बिजली

कुछ वक्त पहले तक भारत में एडिसन बल्ब जिन्हें कुछ इलाकों में लट्टू बल्ब भी कहा जाता है का ही इस्तेमाल किए जाते थे जो तकरीबन पीली रोशनी देते थे और बहुत बिजली खाते थे।

हाल के सालों में आए सीएफएल ने इस बल्ब को तकरीबन खत्म कर दिया है। माना जाता है कि सीएफएल काफी कम बिजली की खपत करता है और अच्छी दूधिया रौशनी देता है।

हालांकि अब सीएफएल को टक्कर देने के लिए भारतीय बाजार में एलईडी भी आ गया है। ये एलईडी ना के बराबर बिजली खाता है और बढ़िया रौशनी भी देता है।

अभी इस एलईडी बल्ब के दाम थोड़े ज्यादा हैं हालांकि कुछ साइटों पर यह काफी सस्ता (30 से 40 रुपये के बीच) मिल रहा है। उम्मीद है कि आने वाले वक्त में इसके दाम और भी कम होंगे।

भारत में सोलर एनर्जी की स्थिति

भारतीय सौर ऊर्जा निगम की स्‍थापना 20 सितम्‍बर 2011 को हुई थी। इसका उद्देश्य सौर उर्जा को बढ़ावा देना है।

एक आंकडे के मुताबिक देश में सौर उर्जा का उत्पादन 31.5.2014 की स्थिति के अनुसार 2647 मेगावाट है।

माना जाता है कि सूर्य पृथ्वी से करीब 15 करोड़ किलीमीटर दूर है। फोटोवॉल्टेक और कंसंट्रेटिंग सोलर पावर तकनीक से बिजली बनाई जाती है।

दुनिया का सबसे बड़ा सौर उर्जा संयंत्र स्पेन में है, जर्मनी दूसरे नम्बर पर है। भारत में राजस्थान, गुजरात और उड़ीसा में सौर उर्जा पैदा की जाती है।


पवन उर्जा में भारत की स्थिति

जब बहती हवा से बिजली पैदा की जाए तो ऐसी उर्जा को पवन उर्जा कहते हैं। 1990 के दशक में भारत में इस ओर ध्यान दिया गया।

भारत पवन उर्जा के मामले में पांचवें नंबर पर आता है। अमेरिका, जर्मनी, स्पेन और चीन हमसे इस मामले में आगे हैं। तमिलनाडु और महाराष्ट्र पवन उर्जा के मामले में अग्रणी हैं।

आलोचकों का तर्क

इस अभियान के आलोचकों के मुताबिक अगर ज्यादा लोग मोमबत्ती का इस्तमाल करेंगे तो यह भी पर्यावरण के लिए ठीक नहीं होगा क्योंकि ज्यादातर मोमबत्ती पैराफिन से बनती हैं जिनका आधार जीवाश्म ईंधन है. आलोचकों का मानना है कि एक घंटा बिजली बंद करने की अपेक्षा ध्यान इस बात पर देना चाहिए कि किस तरह जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता घटाई जाए।

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