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जी हां...भारत के इस शहर में आया था सबसे पहला भूकंप

देश में अब तक चार सौ साल के इतिहास में कई बड़े भूकंप आये, जिनमें सबसे बड़ा भूकंप 1737 में बंगाल में आया था, जिसमें करीब तीन लाख लोग मारे गये थे, लेकिन पहला भूकंप 1618 में मुंबई में आया था, जिसमें दो...

जी हां...भारत के इस शहर में आया था सबसे पहला भूकंप
एजेंसीTue, 05 May 2015 02:44 PM
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देश में अब तक चार सौ साल के इतिहास में कई बड़े भूकंप आये, जिनमें सबसे बड़ा भूकंप 1737 में बंगाल में आया था, जिसमें करीब तीन लाख लोग मारे गये थे, लेकिन पहला भूकंप 1618 में मुंबई में आया था, जिसमें दो हजार लोग मारे गये थे, लेकिन उस जमाने में न तो मार्केली स्केल और न ही रिक्टर स्केल हुआ करता था, इसलिये उसकी तीव्रता का पता नहीं है।

अंतर्राष्ट्रीय भूगोल संघ के उपाध्यक्ष एवं दिल्ली विश्वविद्यालय में भूगोल विभाग के अध्यक्ष आर वी सिंह ने बताया कि भूकंप तो इतिहास में कई आए, पर सबसे पहले भूकंप की जानकारी 1618 की मिलती है, जो मुंबई में आया था और उसमें दो हजार लोग मारे गये थे, उसके करीब 120 साल बाद बंगाल में आये भूकंप में तीन लाख लोग मारे गये। उन्होंने बताया कि 19वीं सदी में भी कई भूकंप आए। वर्ष 1819 में गुजरात के कच्छ, असम के कदार में 1885 में जम्मू कश्मीर के सोपर में 1897 में भूकंप आए। उसके बाद बीसवीं सदी और 21 वीं सदी में कई भूकंप आए। हाल के दशकों में भूकंप की तीव्रता तथा नुकसान बढा है और भूकंप की घटनाएं भी बढ़ी है। इसका बडा कारण घनी आबादी तथा असंतुलित एवं अनियंत्रित विकास भी है।

सिंह ने बताया कि देश की 85 प्रतिशत जमीन प्राकृतिक आपदाओं की आशंका से ग्रसित है और 59 प्रतिशत जमीन में तीव्र, सामान्य और मध्यम तीव्रता के भूकंप की आशंका रहती है। उन्होंने बताया कि बंगाल के भूकंप के बाद 1905 में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में आए 8.0 की तीव्रता के भूकंप में 20 हजार लोग मारे गये। वर्ष 1934 में बिहार में आये भूकंप से छह हजार लोग मारे गये थे। 1935 में अमेरिकी भूकंप विशेषज्ञ चार्ल्स रिक्टर ने तीव्रता मापने का स्केल बनाया, जिसे रिक्टर स्केल के नाम से जाना जाता है, इससे पहले 1902 में मार्केली स्केल बना था, जिससे भूकंप मापा जाता था।

उन्होंने बताया कि उत्तर काशी में 1991 में आये भूकंप में 768 लोग मारे गये और करीब 5,066 लोग घायल हुये। लातूर में जब 1993 में भूकंप आया, तो 7,928 लोग मारे गये और 30 हजार लोग घायल हुये। सिंह ने बताया कि गुजरात में 2001 में भुज, अंजार, अहमदाबाद तथा सूरत एवं अन्य इलाकों में पच्चीस इजार लोग मारे गये तथा 63 लाख लोग प्रभावित हुये। यह 7.7 तीव्रता का भूकंप था। कश्मीर में 2005 में 86 हजार लोग मारे गये तथा 2011 में सिक्किम में भूकंप से 97 लोगों की मौत हुई।

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