डेंगू का गलत इलाज करने पर अस्पताल पर एफआईआर
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता डेंगू के इलाज में लापरवाही बरतने पर राजधानी के निजी अस्पताल पर एफआईआर दर्ज की गई है। अस्पताल ने मरीज के परिजनों को बताया कि बच्ची को डेंगू हुआ है, लेकिन उसे इलाज साधारण...
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता डेंगू के इलाज में लापरवाही बरतने पर राजधानी के निजी अस्पताल पर एफआईआर दर्ज की गई है। अस्पताल ने मरीज के परिजनों को बताया कि बच्ची को डेंगू हुआ है, लेकिन उसे इलाज साधारण बुखार का दिया गया, हालत बिगड़ने पर बच्ची का आरएमएल भेज दिया गया। जहां उसकी मौत हो गई। जबकि परिजनों से डेंगू के इलाज का पैसा वसूला गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार आरके आश्रम निवासी दस वर्षीय रितु कुमारी को 21 अक्टूबर वर्ष 2011 को वायरस बुखार होने पर नारायणा स्थित आरएलकेसी मेट्रो हार्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया।
प्राथमिक जांच में बच्ची को डेंगू के पहले चरण की पुष्टि की जानकारी परिजनों को दी गई। शाम चार बजे अस्पताल में भर्ती कराने के बाद दो घंटे के भीतर बच्ची की सेहत और बिगड़ गई। अस्पताल में पांच दिन इलाज के बाद भी जब हालत में सुधार नहीं हुआ तो बच्ची को आरएमएल अस्पताल रेफर कर दिया गया जहां उसकी मौत हो गई। इस संदर्भ में एनडीएमसी ने अस्पताल द्वारा पूछी गई जानकारी का अस्पताल प्रबंधन ने गलत जवाब दिया, आरटीआई में पता चला कि डेंगू की पुष्टि के बाद भी इलाज ने बच्ची को साधारण स्लाइन दिया, जबकि इलाज का बिल भी फर्जी बनाया गया, जिसमें महंगी दवाएं शामिल थीं।
बच्ची के पिता प्रमोद कुमार ने बताया कि एनडीएमसी से पहले दिल्ली मेडिकल बोर्ड द्वारा की गई जांच में पाया गया कि अस्पताल में जो डाॠक्टर (डां. विवेक कुमार) बच्ची का इलाज कर रहा था, उसका डीएमसी में पंजीकरण भी नहीं है। जिसकी जांच के लिए अब एमसीआई को भी शिकायत भेजी गई है। एफआईआर दर्ज कराने से पहले अस्पताल को नोटिस भी भेजा गया, लेकिन निर्धारित समय में संतोषजनक जवाब न देने पर एफआईआर दर्ज की गई। स्वीकृत दवाएं नहीं थी अस्पताल ने इलाज के बिल का पैसा बढ़ाने के लिए बच्ची को ऐसी दवाएं दी, जो डेंगू के इलाज के लिए स्वीकृत ही नहीं है।
इलाज संबंधी जो दस्तावेज परिजनों को सौंपे गए हैं, उसमें ऐसे महंगे इंजेक्शन और दवाओं का बिल है, जो डेंगू के इलाज के दायरे में ही नहीं आते, दरअसल अस्पताल प्रबंधन ने केवल अधिक बिल बनाने के लिए गलत दवाएं दी। जबकि डब्लूएचओ द्वारा डेंगू के इलाज के लिए जारी की गई गाइडलाइन भी किसी विशेष दवा का जिक्र नहीं करती है। आईएमए के जनरल सेके्रटरी डां. नरेन्द्र सैनी ने बताया कि प्राथमिक चरण के डेंगू में मरीज को केवल तरल चीजें दी जाती है, जबकि प्लेटलेट्स चढ़ाने के लिए भी मानक अलग हैं।