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आखिर क्यों दिए बिजली और पानी के कनेक्शन

फरीदाबाद। वरिष्ठ संवादददाता। दिल्ली से सटे नहर पार इलाके में बीस वर्ष पहले दुर्गा बिल्डर्स की नींव रखी गई। उस समय नहर पार में नया शहर बसने की तैयारी शुरू हुई। प्रशासन की ओर से लाइसेंस देकर इसकी...

आखिर क्यों दिए बिजली और पानी के कनेक्शन
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 22 Jul 2014 01:16 AM
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फरीदाबाद। वरिष्ठ संवादददाता। दिल्ली से सटे नहर पार इलाके में बीस वर्ष पहले दुर्गा बिल्डर्स की नींव रखी गई। उस समय नहर पार में नया शहर बसने की तैयारी शुरू हुई। प्रशासन की ओर से लाइसेंस देकर इसकी शुरुआत की गई। इसके बाद यहां धड़ल्ले से प्लाटों की खरीद-फरोख्त का काम चला। उस समय यहां सेहतपुर, इस्माइलपुर व अगवानपुर के चारों ओर घना जंगल होता था। इक्का-दुक्का निर्माण थे। जहां दुर्गा बिल्डर्स की ओर से की गई प्लाटिंग के बाद वहां काॠलोनियां विकसित होती चली गईं।

दिल्ली से करीब होने के कारण मेहनत मजदूरी करने वाले लोगों ने भी यहां आशियाना बनाना बेहतर समझा। उन्होंने दुर्गा बिल्डर्स एरिया में जमीन का थोड़ा सा टुकड़ा खरीदने और मकान का निर्माण करने पर पूरे जीवनभर की कमाई खर्च कर दी। मगर हैरानी की बात है कि प्रशासन कुंभकर्णी नींद सोए रहा। उस समय किसी भी अधिकारी ने यहां बन रहे निर्माणों पर आपत्ति दर्ज नहीं कराई। धीरे-धीरे सेहतपुर, इस्माइलपुर गांव की जमीन पर आठ काॠलोनियां विकसित होती चली गईं।

पुलिस, नगर निगम, हुडा समेत अन्य प्रशासनिक तंत्र इसे करीब से देखता रहा। यही नहीं, सरकार की ओर से इन काॠलोनियों में मूलभूत सुविधाएं बिजली, पानी, सड़क समेत अन्य सुविधाएं तक मुहैया करवाई गई। नगर निगम से हाउस टैक्स तक वसूला गया। इस सबके बावजूद वर्षों बाद जिला नगर योजनाकार की ओर से नोटिस थमाते हुए उनका यह निर्माण अवैध करार दे दिया। इसे लेकर कई सवाल खडे़ हो गए हैं। आखिर इसमें यहां बसे लोगों की गलती क्या है? बीस वर्ष बाद ही प्रशासन क्यों चेता? जब यहां बसे लोगों के पास रजिस्ट्री समेत अन्य सभी दस्तावेज हैं तो इनके निर्माण अवैध क्यों? इन सवालों का जवाब किसी के पास नहीं।

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