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टोंटा गैंग के सदस्यों सता रहा जान का डर

जिला कारागार में हुई गैंगवार और राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए शूट आउट में के बाद शातिर टोंटा गिरोह के सदस्यों को जान का भय सता रहा है। जेल में बंद शातिर के साथी खुद को असुरक्षित मान रहे हैं। जिला कारागार...

टोंटा गैंग के सदस्यों सता रहा जान का डर
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 21 Jan 2015 10:44 PM
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जिला कारागार में हुई गैंगवार और राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए शूट आउट में के बाद शातिर टोंटा गिरोह के सदस्यों को जान का भय सता रहा है। जेल में बंद शातिर के साथी खुद को असुरक्षित मान रहे हैं। जिला कारागार में इलाज करा रहे टोंटा के साथी राजकुमार शर्मा के परिजनों ने उसकी जान का खतरा बताते हुए उच्चाधिकारियों को पत्र भी लिखे हैं।

शनिवार को जिला कारागार में हुई गैंगवार और उसके बाद शातिर राजेश टोंटा की फिल्मी अंदाज में हुई हत्या से गिरोह के सदस्यों की नींद उड़ गई है। पुलिस के रिकार्ड के अनुसार राजेश टोंटा गैंग में करीब बीस सदस्य हैं। इनमें से अधिकतर सदस्य अलीगढ़ और मथुरा की जेल में बंद हैं। पुलिस अभिरक्षा में मुख्यिा की हत्या के बाद से गैंग के सदस्यों को जान का खतरा सता रहा है। जेल में बंद सदस्य सबसे अधिक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उनका मत है कि टोंटा को पुलिस अभिरक्षा के बीच ठिकाने लगाने वाले मावी गैंग के सदस्यों का अगला निशाना वह बन सकते हैं। सूत्रों की मानें तो जेल में निरूद्ध अधिकतर सदस्यों के परिजनों ने उच्चाधिकारियों को पत्र लिख कर खुद को सुरक्षित जेलों में पहुंचाने और पेशी के दौरान सुरक्षा के पर्याप्त और पुख्ता बंदोबस्त करने की गुहार लगाई है। हांलाकि पुलिस और जेल के अधिकारी सुरक्षा के इंतजामों को पर्याप्त मान रहे हैं। बावजूद इसके जेल में बंद गैंग के सदस्य और परिजन पुलिस की बातों पर भरोसा नहीं कर रहे हैं। उनका मानना है कि घायल टोंटा को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराए जाने का दावा पुलिस अधिकारियों ने किया था। नतीजा मावी गैंग के सदस्यों ने उसे ठिकाने लगा दिया। जिला अस्पताल में इलाज करा रहे राजकुमार शर्मा के परिजनों को उसकी हत्या किए जाने का भय सता रहा है। मंगलवार को जिला अस्पताल पहुंची राजकुमार शर्मा की पत्नी व बेटे को पुलिस ने उससे नहीं मिलने दिया। पुलिस का तर्क था था राजकुमार की सुरक्षा को लेकर अधिकारियों ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। काफी अनुनय विनय करने के बाद राजकुमार की सुरक्षा में लगे पीएसी के जवानों ने कमरे की खिड़की से उसे देखने की इजाजत उसके बेटे को दी। पुलिस को इस बात का डर सता रहा है कि राजकुमार को खाने में जहर दिया जा सकता है। यही वजह है कि पुलिस राजकुमार को दिए जाने वाले खाने को अपनी देख रेख में तैयार करा रही है। उसे बाहर लाई गई कोई भी वस्तु खाने के लिए नहीं दी जा रही है। 

ये हैं टोंटा गैंग के सदस्य
1- संजू प्रधान पुत्र पवेन्द्रपाल, निवासी इमलिया थाना हाथरस, जेल में
2-मौना ठाकुर पुत्र हरीशपाल, निवासी इमलिया थाना हाथरस, जेल में
3-भीमा जाट उर्फ भीमसेन पुत्र भूदेव निवासी पैथखेड़ा, खंदौली आगरा, बाहर
4- मनोज नाई पुत्र पप्पू नाई, निवासी लक्ष्मी नगर नलवाली गली, कोतवाली हाथरस, जेल में
5- नईम पुत्र निजाम निवासी लाला का नगला मस्जिद के पास हाथरस, जेल में
6- राजकुमार शर्मा पुत्र झम्मन लाल निवासी कैमार थाना चंदपा हाथरस, जेल में 7- लॉरेंस पुत्र युसुफ निवासी गांधीनगर थाना सेवर जनपद भरतपुर, जेल में 8- अजय उर्फ बाबी लंगड़ा पुत्र ऋषि कुमार शर्मा, निवासी नई बस्ती हाथरस, बाहर है। 9- राजू पुत्र रामबाबू निवासी अर्जुनपुर थाना चंदपा हाथरस, जेल में 10- बंटू उर्फ विमल पुत्र भोलाशंकर निवासी गली बुर्जयान हाथरस, जेल में 11- गुड्डन पुत्र पुरूषोत्तम निवासी मालिनगली कोतवाली हाथरस, जेल में 12- विष्णु पुत्र राधाचरन निवासी खेमा भागजारूआ थाना सादाबाद, बाहर है। 13- राजकुमार पुत्र मक्खान निवासी बुर्जभडेरे भागचावली थाना एत्मादपुर आगरा, जेल में 14- गोपाल पुत्र पुरूषोत्तम निवासी मालिनगली हाथरस, जेल में 15- सुरेश पुत्र मक्खन निवासी बुर्जभठेरे थाना एत्मादपुर आगरा, बाहर है। 16- ओमप्रकाश पुत्र किशोरी लाल निवासी मुरसान गेट नलवाली गली हाथरस, जेल में17- श्यामू पुत्र राजू निवासी फैजी का बास थाना सादाबार हाथरस, जेल में18- प्रदीप ठाकुर पुत्र रामभूल निवासी नगला इमलिया थाना हाथरस जक्शन, बाहर है। 19- ओमप्रकाश पुत्र मक्खन निवासी बुर्जभठेरे भागचावली थाना एत्मादपुर आगरा जेल में। 

दीपक गैंग में बचे हैं तीन सदस्य
मावी की हत्या का बदला लेने वाले दीपक वर्मा के गैंग में सिर्फ तीन सदस्य हैं। जिनमें से दो सदस्य जेल में बंद हैं। दीपक वर्मा पुत्र सीताराम निवासी आनन्दनगर कालौनी वृन्दावन रोड थाना गोविन्द नगर क्षेत्र का रहने वाला है। दीपक वर्तमान में जेल में बंद है। उसका साथ संजू गौतम पुत्र जीवन पण्डा निवासी लक्ष्मीपाड़ा थाना वृन्दावन भी जेल में है। विपिन गौतम पुत्र जगदीश प्रसाद निवासी शांतिनगर थाना कोतवाली लम्बे समय से फरार है। ब्रजेश मावी पुत्र राजेन्द्र सिंह गुर्जर निवासी देवशपुरा थाना परीक्षतगण मेरठ की 13 सितम्बर 2014 को राजेश टोंटा और उसके साथियों ने हत्या कर दी थी। लेकिन दीपक वर्मा ने जेल में रहते हुए भी अपने गैंग को काफी मजबूत कर लिया है। सूत्र बताते हैं कि दीपक वर्मा ने गैंग में मेरठ, गाजियाबाद के नए सदस्यों को शामिल कर लिया है। पुलिस दीपक वर्मा के गैंग के नए सदस्यों की कुण्डली तैयार कर रही है। इसके लिए डीसीआरबी के माध्यम से सभी थानों को सूचना भेजी गई है। दीपक वर्मा के खिलाफ सिर्फ तीन मुकदमें पुलिस फाइलों में दर्ज है। इनमें दो मुकदमें हत्या के हैं। 
 
जेल से चार बंदी आगरा जेल भेजे
मथुरा। जेल में हुई गैंगवार के बाद जेल से शातिरों को इधर उधर भेजने का काम प्रशासनिक आधार पर शुरू हो गया है। जिलाधिकारी राजेश कुमार के आदेश पर जिला कारागार में निरूद्ध टोंटा गैंग के सदस्य संजू प्रधान, लॉरेस के अलावा मावी गैंग के शातिर और गैंगवार के मास्टर माइण्ड दीपक वर्मा के साथ राकेश चतुर्वेदी को आगरा की जेल भेजा गया है। इनमें से दो को आगरा सेंट्रल जेल व दो को आगरा जिला करागार भेजा गया है। जेल अधीक्षक पीडी सलोनी ने बताया कि अभी कुछ और बंदियों को दूसरी जेलों में भेजा जा सकता है। प्रशासनिक आधार पर बंदियों को जिले के सीमावर्ती जिलों की जेलों में भेजा जाता है। आईजी जेल के आदेश पर प्रदेश की किसी भी जेल में बंदी को भेजा जा सकता है। 

घायल राजकुमार को किया जेल शिफ्ट मथुरा। जेल में हुई गैंगवार में गोली लगने से घायल हुए रजकुमार को चिकित्सकों की रॉय के बाद वापिस जिला कारागार भेज दिया गया है। जेल अधीक्षक पीडी सलोनी ने बताया कि राजकुमार को अस्पताल से जेल में शिफ्ट कर दिया है। राजकुमार का जेल के अस्पताल में इलाज चलेगा। 

दर्जन भर से अधिक बंदियों की सूची तैयार
मथुरा। जेल में हुई गैंगवार के बाद शातिर बंदियों को दूसरी जेलों में भेजे जाने का काम तेजी से चल रहा है। गोपाल यादव, आरक्षी कैलाश गुप्ता के बाद चार बंदियों को आगरा सेन्ट्रल व जिला जेल भेजा गया है। इसके अलावा करीब 15 बंदियों को भी विभिन्न जेलों में भेजे जाने की प्रक्रिया पर काम चल रहा है। जिन बंदियों को बाहर भेजा जाना है उनकी सूची तैयार कर ली गई है। धीरे धीरे सभी को दूसरी जेलों में शिफ्ट कर दिया जाएगा। जेल अधीक्षक पीडी सलोनी ने बताया कि गुटबाजी को समाप्त करने के लिए शातिर बंदियों को दूसरी जेलों में भेजने का काम शुरू हो गया है।    

डीजे ने जेल में की सुनवाई
मथुरा। अधिवक्ताओं की हड़ताल के कारण जमानती अपराधों में जेल भेजे गए बंदियों की जमानत पर जिला जज दिनेश कुमार सिंह ने बुद्धवार को जिला कारागार में अदालत लगाई। इस दौरान जिला जज के समक्ष 17 बंदी पेश हुए। इन सभी की जमानत पर सुनवाई की गई। जेल अधीक्षक पीडी सलोनी ने बताया कि जिला जज ने जेल में अदालत लगा कर 17 बंदियों की जमानत पर सुनवाई की। 

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