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माघ मेले में सतपाल महराज के अनुयायी की हत्या

संगम की रेती पर बसी तम्बुओं की नगरी में मंगलवार भोर एक साधु की फावड़े से काटकर नृशंस हत्या कर दी गई। शिविर के लोग साधु को जागने पहुंचे तो खून से सनी लाश देख चीख पड़े। उत्तराखंड से सांसद और आध्यात्मिक...

माघ मेले में सतपाल महराज के अनुयायी की हत्या
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 20 Jan 2015 07:26 PM
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संगम की रेती पर बसी तम्बुओं की नगरी में मंगलवार भोर एक साधु की फावड़े से काटकर नृशंस हत्या कर दी गई। शिविर के लोग साधु को जागने पहुंचे तो खून से सनी लाश देख चीख पड़े। उत्तराखंड से सांसद और आध्यात्मिक गुरु सतपाल महाराज के शिविर में हत्या की जानकारी मिलते ही मेला और दारागंज पुलिस मौके पर पहुंची। समिति के कार्यकर्ता ने एक सेवक पर हत्या का शक जाहिर करते हुए उसके खिलाफ दारागंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

सतपाल महाराज की मानव उत्थान सेवा समिति में मिथिला, बिहार के महात्मा रत्नेश्वरानंद (50)  व्यवस्थापक थे। वह अलीगढ़ स्थित आश्रम में रहते थे। समिति का शिविर माघ मेला में पांटून पुल 3 के पास काली सड़क पर स्थित है। सोमवार रात आठ बजे मौनी अमावस्या पर संगम स्नान और भंडारे के लिए वह मथुरा से इलाहाबाद पहुंचे थे। रात एक बजे तक वह समिति के साधु अजयानंद, महादेव सिंह, जयश्री सिंह व अन्य के साथ बैठकर भंडारे की रूपरेखा तैयार कर रहे थे।

इसके बाद आराम करने लगे। शिविर के सदस्यों के मुताबिक रात डेढ़ बजे समिति के बाघम्बरी गद्दी, अल्लापुर स्थित आश्रम में रहने वाला सेवक कुशीनगर का राजेश सेवा के लिए रत्नेश्वरानंद जी के टेंट में गया था। इसके बाद क्या हुआ किसी को कुछ मालूम नहीं। भोर तकरीबन साढ़े पांच बजे साधु अजयानंद संगम स्नान के लिए रत्नेश्वरानंद जी को जगाने पहुंचे तो उनकी खून से सनी लाश देख चीख पड़े। शिविर में मौजूद अन्य साधु-संत भी भागे-भागे मौके पर पहुंचे और टेंट के अंदर का नजारा देख दंग रह गए। साधु रत्नेश्वरानंद के सिर और चेहरे पर दहिनी ओर फावड़े से कई वार किए गए थे। वार इतना जोरदार था के साधु का चीखने तक का मौका नहीं मिला। टेंट में चारों तरफ खून बहकर रेत में सूख चुका था। बिस्तर खून से सना था। हत्या में प्रयुक्त फावड़ा लाश के पास ही पड़ा था।

घटना की जानकारी होते ही एएसपी सचिन्द्र पटेल दारागंज पुलिस के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। शिविर में रह रहे सतपाल महराज के अनुयायियों ने पुलिस को बताया कि रत्नेश्वरानंद के टेंट में राजेश देखा जाने वाला आखिरी शख्स था। घटना के बाद से वह फरार है। फील्ड यूनिट प्रभारी प्रेम नारायण भारती भी डॉग स्क्वॉयड के साथ मौके पर पहुंचे। खोजी कुत्ते भीड़ ज्यादा होने के कारण छोड़े नहीं जा सके। इसके बाद पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। दोपहर बाद सतपाल महाराज के अनुयायी राजरूपपुर के अनुराग की तहरीर पर दारागंज पुलिस ने राजेश के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर ली।

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