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Hindi Newsधर्म संसद में होगा धर्मांतारण का विरोध, घर वापसी का समर्थन

धर्म संसद में होगा धर्मांतारण का विरोध, घर वापसी का समर्थन

विश्व हिंदू परिषद धर्मातरण के पक्ष में नहीं है। वह इसका विरोध करेगी। लेकिन घर वापसी के समर्थन में आवाज बुलंद करेगी। शनिवार को माघ मेला स्थित त्रिवेणी मार्ग पर शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सस्वती की...

धर्म संसद में होगा धर्मांतारण का विरोध, घर वापसी का समर्थन
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 16 Jan 2015 09:33 PM
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विश्व हिंदू परिषद धर्मातरण के पक्ष में नहीं है। वह इसका विरोध करेगी। लेकिन घर वापसी के समर्थन में आवाज बुलंद करेगी। शनिवार को माघ मेला स्थित त्रिवेणी मार्ग पर शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सस्वती की अध्यक्षता में विहिप के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक हुई। इसमें कई प्रस्ताव पारित किए गए। इन प्रस्तावों पर शनिवार से होने वाली धर्म संसद में वृहद चर्चा होगी।

गंगा को अविरल व निर्मल बनाने के मुद्दे पर सभी पदाधिकारियों ने राय दी कि केंद्र सरकार ने गंगा की सफाई के लिए जो योजना बनाई है। उस पर तेजी से अमल होना चाहिए। इसमें ढिलाई नहीं होनी चाहिए। धर्मातरण के मसले पर सभी लोगों ने कहा कि लालच देकर या डरा धमकाकर धर्म परिवर्तन कराना गलत है। इसके लिए कानून बनना चाहिए। लेकिन जिन हिंदुओं ने दबाव व अन्य कारणों से दूसरा धर्म अपना लिया था अगर वे फिर हिंदू बनना चाहते हैं तो इस पर कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिए। घर वापसी के मसले पर सभी एकमत थे।

रामजन्म भूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास ने रामजन्म स्थल पर कानून बनाकर मंदिर निर्माण का प्रस्ताव रखा। इसको भी ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। गोहत्या पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग उठी। देश में मुस्लिमों की बढ़ती आबादी पर भी चिंता जताई गई। पदाधिकारियों की राय थी कि सभी धर्म व संप्रदाय के भारतीय नागरिक केवल दो बच्चे ही पैदा करें। यह कानून सभी पर समान रूप से लागू किया जाए।

बांग्लादेशियों की घुसपैठ पर भी चिंता जताई गई। घुसपैठ रोकने के लिए कड़े कानून बनाने की जरूरत जताई गई। अवैध तरीके से देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे बांग्लादेशियों को चिन्हित कराने की मांग उठी। इन सभी प्रस्तावों को हरी झंडी दे दी गई। शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद के शिविर में हुई इस बैठक में विहिप के अंतर्राष्ट्रीय संगठन मंत्री दिनेश, धर्माचार्य संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी, प्रांतीय अध्यक्ष पुनीत वर्मा, प्रांतीय मंत्री विमल प्रकाश, प्रांतीय संगठन मंत्री मनोज श्रीवास्तव, क्षेत्रीय संत संपर्क प्रमुख देवेन्द्र सिंह चौहान, स्वामी गोपालदास, संतोषदास सतुआ बाबा, रामरतन दास, स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती, महंत दुर्गादास, स्वामी विवेकानंद सरस्वती आदि मौजूद रहे।

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