फोटो गैलरी

Hindi Newsमोहनलाल गौतम महिला अस्पताल में नहीं हैं सुविधाएं

मोहनलाल गौतम महिला अस्पताल में नहीं हैं सुविधाएं

मोहनलाल गौतम महिला अस्पताल का निर्माणधीन वार्ड। घनघोर अंधेरा। कहीं से रोशनी आने की जगह नहीं। न ही वेंटिलेशन की जगह। यह देख कर निरीक्षण करने पहुंचे प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार सीएमएस डॉ. गीता...

मोहनलाल गौतम महिला अस्पताल में नहीं हैं सुविधाएं
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 21 Nov 2014 08:45 PM
ऐप पर पढ़ें

मोहनलाल गौतम महिला अस्पताल का निर्माणधीन वार्ड। घनघोर अंधेरा। कहीं से रोशनी आने की जगह नहीं। न ही वेंटिलेशन की जगह। यह देख कर निरीक्षण करने पहुंचे प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार सीएमएस डॉ. गीता प्रधान चंद्रा पर बिफर गए। जब उन्हें मालूम हुआ कि एसी वार्ड बनना है। तो उनका गुस्सा जुबां से निकला। बोले, यहां बिजली नहीं..जेनरेटर में तेल नहीं। एसी किससे चलाएंगे। सीएमएस को निर्देश दिए कि भूगौलिक और वातावरण की परिस्थिति अनुसार निर्माण कराएं। वेंटिलेशन और रोशनी की जगह जरूर छोड़ें। उन्होंने अस्पताल के एसएनसीयू, टीकाकरण कक्ष और प्रसव कक्ष का निरीक्षण किया। इस दौरान सीडीओ दीपक मीणा, सीएमओ डॉ. अरूप कुमार रॉय, सभी एसीएमओ, डिप्टी सीएमओ भी साथ थे।

एटा से आएगी अल्ट्रासाउंड मशीन
महिला अस्पताल में तीन साल से ज्यादा वक्त से अल्ट्रासाउंड मशीन नहीं है। वहां डॉक्टर अनुभव आधार पर प्रसव कर रहे हैं। जबकि प्रसव पूर्व इस मशीन से गर्भ में शिशु की स्थिति जानना बेहद जरूरी होता है। पिछली बार जब यही प्रमुख सचिव आए थे तो उन्हें बताया गया था कि इस अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन नहीं है। शुक्रवार को फिर उन्हें मालूम हुआ कि अब तक अल्ट्रासाउंड मशीन नहीं आई है। तो उनके तेवर तीखे हो गए। उन्होंने स्वास्थ्य अपर निदेशक डॉ. महेंद्र सिंह को निर्देश दिया कि वह मंडल में पता करें कि कहीं अल्ट्रासाउंड मशीन तकनीशियन के अभाव में खाली पड़ी हो। उसे यहां मंगवाएं। तब डीएम ने बताया कि एटा के महिला अस्पताल में मशीन बेकार पड़ी है। प्रमुख सचिव के निर्देश पर स्वास्थ्य अपर निदेशक ने एटा से अल्ट्रासाउंड मशीन को मंगवाया है, जो शनिवार को आ जाएगी। उसमें कुछ तकनीकी खामी है जिसे दुरुस्त कराने के लिए मशीन को दिल्ली भेजा जाएगा। अपर निदेशक ने बताया कि प्रमुख सचिव ने आश्वासन दिया है कि वह लखनऊ जाकर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य से मिलकर यहां के लिए नई अल्ट्रासाउंड मशीन दिलवाएंगे।

जाना एंबुलेंस का प्रभाव
प्रमुख सचिव ने 102 और 108 एंबुलेंस सेवा का प्रभाव जाना। उन्हें बताया गया कि इससे मृत्यु दर में कमी आई है। बताया गया कि एंबुलेंस सेवा से पहले जिले में मातृ मृत्यु दर प्रति लाख पर 359 थी। जो अब गिरकर 272 पहुंच गई है। शिशु मृत्यु दर भी 123 से घट कर 68 रह गई है। आशाओं के बारे में पूछा कि वह गर्भवती की गंभीर अवस्था को पहचान पाती हैं या नहीं। तो डॉक्टर ने बताया कि वह यह नहीं जान पाती।

देरी से पहुंचे डीएम
डीएम अभिषेक प्रकाश अस्पताल में तब पहुंचे, तब प्रमुख सचिव आधा निरीक्षण कर चुके थे। वह देरी से पहुंचे थे।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें