जंक्शन पर 28 कछुओं के साथ तस्कर दबोचा
बरेली। कार्यालय संवाददाता। जंक्शन पर गुरुवार को जीआरपी ने एक कछुआ तस्कर को पकड़ लिया। उसके पास से बोरी में बंद 28 कछुए मिले। जीआरपी ने उसे जेल भेज दिया। बाद में सीजेएम पंकज मिश्र की कोर्ट ने जीवित...
बरेली। कार्यालय संवाददाता। जंक्शन पर गुरुवार को जीआरपी ने एक कछुआ तस्कर को पकड़ लिया। उसके पास से बोरी में बंद 28 कछुए मिले। जीआरपी ने उसे जेल भेज दिया। बाद में सीजेएम पंकज मिश्र की कोर्ट ने जीवित कछुओं को रामगंगा नदी में छोड़ने का आदेश दिया। किसी यात्री ने जीआरपी को बताया कि दो नंबर प्लेटफार्म पर एक बोरी में रेंगने वाले जीव हैं। इस पर इंस्पेक्टर के नेतृत्व में एसआई अजय पवार, सिपाही अमित यादव मौके पर पहुंचे।
पुलिस को आते देख युवक भागने लगा लेकिन सिपाहियों ने उसे पकड़ लिया। बोरी में 28 कछुए मिले। सूचना पर वन विभाग के अफसर भी पहुंच गए। पकड़े गए युवक अंचित (निवासी उधमसिंहनगर के रामपुर दिनेशपुर) ने बताया कि वह शाहजहांपुर से कछुए लेकर आया था और उधमसिंह नगर जा रहा था। इंस्पेक्टर आरबी तिवारी ने बताया कि अचिंत के खिलाफ वन्य जीव अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। जीआरपी ने कछुओं को सीजेएम पंकज मिश्र की कोर्ट में पेश कि या।
जीआरपी पुलिस ने कोर्ट से कछुओं को रामगंगा में छोड़ने की अनुमति मांगी। कोर्ट ने विवेचक को कछुओं की फोटोग्राफी कराकर रामगंगा में छोड़ने का आदेश दिया है। -- पहले भी पकड़े जा चुके कछुआ तस्कर बरेली में एक दो नहीं बल्कि चार बार कछुआ तस्कर पकड़े जा चुके हैं। दो बार कालीबाड़ी के पास तस्करों को पकड़ा गया। उनके पास बड़ी संख्या में कछुए मिले थे। एक बार 350 कछुए बरामद हुए। जंक्शन पर दूसरी बार जीआरपी ने कछुआ तस्कर को पकड़ा है।
- मांस, दवा को कछुओं की तस्करी कछुओं का व्यापार करना कानून अपराध है। तस्करों की माने तो कछुओं का मांस काफी महंगा बिकता है। इसके अलावा कछुए के पंजे और ऊपर का खाल देशी दवा बनाने में काम आता है। बंगाल में देशी दवाइयां बनती हैं। इसलिए कछुए की तस्करी अधिक होती है।
एक्वेरियम में पालते लोग कछुआ शास्त्रों में कछुआ को भगवान विष्णु का अवतार कहा गया है। कछुआ का घर में आना अति शुभ माना जाता है।
काफी लोग कछुआ की पूजा भी करते हैं। इसलिए लोग कछुओं को पालना भी पसंद करते हैं। जो लोग मछलियों को पालते हैं, उनके यहां एक्वेरियम में कछुआ अवश्य ही देखने को मिलते हैं लेकिन वन्य जीव को पालना कानून अपराध है।