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बुनकरों की भूख हड़ताल दूसरे दिन भी रही जारी

संतकबीरनगर। निज संवाददाता। बिजली और सड़क की मांग को लेकर बुनकरों की भूख हड़ताल दूसरे दिन बुधवार को भी जारी रही। हड़ताल खत्म कराने के लिए प्रशासन की तरफ से बातचीत की गई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल...

बुनकरों की भूख हड़ताल दूसरे दिन भी रही जारी
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 25 Sep 2014 12:35 AM
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संतकबीरनगर। निज संवाददाता। बिजली और सड़क की मांग को लेकर बुनकरों की भूख हड़ताल दूसरे दिन बुधवार को भी जारी रही। हड़ताल खत्म कराने के लिए प्रशासन की तरफ से बातचीत की गई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका।

बुनकर अपनी मांगों पर अड़े रहे। इस दौरान बुनकर नेताओं ने प्रशासन को आंदोलन और वृहद करने की चेतावनी दी है। कलक्ट्रेट के पास स्पोर्ट्स स्टेडियम परिसर में पसमान्दा महाज के प्रदेश उपाध्यक्ष इशहाक अन्सारी ने कहा कि अब बुनकर किसी भी लॉलीपाप के बहकावे में नहीं आने वाले। जब तक 20 घण्टे बिजली मिलने के साथ ही मेंहदावल-खलीलाबाद मार्ग का निर्माण कार्य शुरू नहीं होता तब तक भूख हड़ताल चलती रहेगी। उन्होंने कहा कि बिना बिजली घर जाने पर भी हमें भूखे ही रहना है, ऐसे में यही पर भूखे रहकर मर जाना बेहतर है।

जहीरुद्दीन अंसारी ने कहा कि शासन-प्रशासन बुनकरों और बर्तन व्यवसायियों के साथ अन्याय कर रहा है। बार-बार आश्वासन देने के बावजूद आज तक ठोस पहल नहीं की गई। जब हम आन्दोलन पर आते हैं तो जिम्मेदार अधिकारी आकर कोरा आश्वासन देकर चले जाते हैं लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। प्रशासन प्रदेश में बिजली के संकट की बात कर रहा है जबकि बगल के टाण्डा जनपद में 16 घण्टे बिजली मिल रही है। मऊ जनपद से पसमान्दा महाज के हासिम पसमान्दा ने कहा कि बुनकरों की बदहाली का जिम्मेदार यहां का प्रशासन है।

प्रशासन की लापरवाही की ही देन है कि बुनकरों की स्थिति बदतर होती जा रही है। बर्तन व्यवसायी राजकुमार कसेरा ने कहा कि हम यहां से बिजली और सड़क लेकर ही जाएंगे। प्रशासन चाहे जो करे अपनी मांग पूरा हुए बिना हम यहां से हटने वाले नहीं है। आन्दोलन के दौरान करीब पांच बजे एसडीएम सदर विनय प्रकाश श्रीवास्तव, सीओ मेंहदावल आरके शर्मा, सीओ खलीलाबाद अरविन्द कुमार वर्मा मौके पर पहुंचे। इन लोगों ने आन्दोलनकारियों को काफी समझाने का प्रयास किया।

करीब एक घण्टे तक चली वार्ता बेनतीजा रही। इसके बाद ये लोग बैरंग वापस लौट गए। इस दौरान मोहम्मद अशगर, शमीम अख्तर, जावेद अख्तर, हसन बेलहरी, जमाल अहमद, अब्दुल्लाह मन्सूरी, नुरुल्लाह, गोपालजी मिश्रा, रामलौट अकेला, राजकिशोर पाठक उर्फ दादा जी, रमेश तिवारी, योगेन्द्र सिंह, अम्बिका राय अब्दुल हनान, नुरूल बेन, अब्दुल रब, रहीम, मोहम्मद याकूब, इसरार अहमद आदि मौजूद रहे। इन्सर्ट बारिश में भी भीगते रहे आन्दोलनकारी अनशन कर रहे बुनकरों को मंगलवार की रात में बारिश में भीगना भी पड़ा।

आन्दोलन का नेतृत्व कर रहे इशहाक अन्सारी ने बताया कि बरसात शुरू हुई तो हम लोग विकास भवन की ओर जाने लगे लेकिन ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों ने विकास भवन के गेट को बन्द करते हुए धरना स्थल पर वापस लौटा दिया। उन्होंने रात में कुछ पुलिसकर्मियों के द्वारा दुर्व्यवहार किए जाने का भी आरोप लगाया। इन्सर्ट धरना स्थल पर मुस्तैद रही पुलिस बुनकरों के आन्दोलन के दौरान धरना स्थल पुलिस मुस्तैद है। मंगलवार की रात भी पुलिस कर्मी धरना स्थल पर ड्यूटी करते रहे।

विकास भवन से लेकर कलेक्ट्रेट गेट तक की पूरी निगरानी की जा रही थी। कोतवाली और बखिरा पुलिस के साथ-साथ पीएसी के जवान भी तैनात रहे। इन्सर्ट एक आन्दोलनकारी की बिगड़ी हालत अनशन पर बैठे बुनकर अब्दुल सबूर की हालत मंगलवार की रात में बिगड़ गई। जिसके इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी गई। सूचना के बाद डाक्टरों की टीम ने मौके पर पहुंचकर स्वास्थ्य परीक्षण करते हुए उनका उपचार किया। जिसके बाद स्थिति में सुधार हुआ। डाक्टरों ने बताया कि डीहाईड्रेसन के कारण हालत बिगड़ी थी।

बुधवार की शाम को भी डॉ रतन लाल के नेतृत्व मं चिकित्सकों की टीम ने पहुंचकर उनके स्वास्थ्य का परीक्षण किया। इन्सर्ट आप एवं कांग्रेस ने दिया समर्थन बुनकरों के आन्दोलन को आम आदमी पार्टी युवक कांग्रेस ने भी अपना समर्थन दिया। आम आदमी पार्टी के जिला संयोजक आफताब आलम ने धरना स्थल पर पहुंचकर बुनकरों में जोश भरते हुए प्रदेश सरकार की कड़ी निन्दा किया। वहीं युवक कांग्रेस के लोकसभा क्षेत्र अध्यक्ष अखण्ड बहादुर पाल ने भी बुनकरों को समर्थन देते हुए उनके आन्दोलन में हर स्तर पर साथ रहने की बात कही।

इन्सर्ट बुनकरों की समस्याओं को लेकर प्रशासन गम्भीर: डीएम बुनकरों की समस्याओं के निराकरण का पूरा प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश सरकार से भी इस बारे में बात-चीत की जा रही है। लेकिन बिजली का संकट पूरे प्रदेश में है जिससे कारण समस्या हो रही है। हमने बुनकरों से 10 सितम्बर को खुद मिलकर बात किया था। लेकिन बुनकरों ने आन्दोलन करके धारा 144 का उलंघन किया है।

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