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तो कहां गया बसपा का वोट . . .

विशेष संवाददाता, राज्य मुख्यालय। मैनपुरी लोकसभा सीट पर निर्दलीय रामसरन पाल को 2259, हमीरपुर विधानसभा सीट पर निर्दलीय ओमप्रकाश निषाद को 1412 और निघासन विधानसभा सीट पर निर्दलीय संतोष कुमार कुशवाहा को...

तो कहां गया बसपा का वोट . . .
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 18 Sep 2014 12:41 AM
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विशेष संवाददाता, राज्य मुख्यालय। मैनपुरी लोकसभा सीट पर निर्दलीय रामसरन पाल को 2259, हमीरपुर विधानसभा सीट पर निर्दलीय ओमप्रकाश निषाद को 1412 और निघासन विधानसभा सीट पर निर्दलीय संतोष कुमार कुशवाहा को मात्र 1235 वोट। यह उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी समर्थित निर्दलीय प्रत्याशियों को मिले वोटों की बानगी भर है। जिसके बाद सियासी हलकों में फिर यह सवाल उठ रहा है कि आखिर बसपा का वोट मौजूदा उपचुनाव में किस पार्टी के पाले में गया? या बसपा का वोटर वोट डालने निकला ही नहीं।

उपचुनाव में बसपा ने जिन निर्दलीय प्रत्याशियों को समर्थन दिया उन्हें उम्मीद के मुताबिक वोट नहीं मिल सका। लोकसभा चुनाव में मैनपुरी में पार्टी प्रत्याशी डा. संघमित्रा मौर्य को एक लाख 42 हजार 833 वोट मिले थे। जबकि उपचुनाव में पार्टी समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी को मात्र 2259 ही वोट मिले। कमोबेश यही हाल बाकी सीटों पर भी पार्टी समर्थित प्रत्याशियों का रहा। वाराणसी की रोहनियां विधानसभा सीट अपवाद रही जहां बसपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी रमाकान्त सिंह को 30 हजार से अधिक वोट मिले।

रमाकान्त 2012 के विधानसभा चुनाव में रोहनियां से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे और दूसरे नंबर पर रहे थे। उपचुनाव के नतीजों से तो यह साफ हो गया कि बसपा का वोट बैंक निर्दलीय प्रत्याशियों को उम्मीद के मुताबिक नहीं गया। अब इसके कारण चाहे पार्टी द्वारा खुलकर निर्दलीय प्रत्याशी का प्रचार न करना रहा हो या दूसरे दलों द्वारा पुराने बसपाइयों को टिकट देना।

सपा उत्साहित, दलितों का वोट पाने का किया दावा --सिराथू और बलहा के नतीजे बने पैमाना विशेष संवाददाता राज्य मुख्यालय लोकसभा चुनाव में बसपा को एक भी सीट न मिलने व भाजपा के जबरदस्त प्रदर्शन के बाद राजनीतिक हलकों में यह चर्चा रही है कि बसपा का दलित वोट बैंक भगवा पाले में चला गया।

हालांकि बसपा इससे इनकार करती है। उपचुनावों में बसपा समर्थित निर्दलीयों की बुरी हार और सपा को बड़ी कामयाबी के बाद कयास लगने लगे हैं कि अबकी दलितों ने सपा का साथ दिया। सिराथू सरीखी समान्य सीट पर सपा के दलित जाति के उम्मीदवार की जीत और बलहा में भी पूर्व बसपाई के सपा में शामिल होकर दलितों के समर्थन से मिली जीत को सपा बड़ी उपलब्धि मान रही है। समाजवादी पार्टी तो ऐलानिया यह दावा भी कर रही है।

पार्टी के वरिष्ठ नेता व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने बुधवार को कहा कि सपा को दलितों समेत सभी वर्गों का वोट मिला। उन्होंने कहा कि उपचुनाव में बसपा की भी पोल खुल गई। सपा के एक खेमे का दावा है कि बिहार उपचुनाव के नतीजों के बाद मुलायम सिंह यादव का यह बयान कि उन्हें यूपी में मायावती से हाथ मिलाने में गुरेज नहीं को दलित समाज में पसंद किया गया था। वहीं बसपा मुखिया मायावती के सपा से कतई हाथ न मिलाने के बयान को उस समाज में पसंद नहीं किया गया।

सपा के दावे के मुताबिक ऊपर नेताओं में भले ही दोस्ती नहीं हुई हो लेकिन नीचे दलितों, पिछ़ड़ों व अति पिछड़ों का उपचुनाव में महागठबंधन हो गया और भाजपा हार गई।

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