फोटो गैलरी

Hindi Newsसरकारी जमीनों में बेखौंफ काबिज हैं भू-माफिया

सरकारी जमीनों में बेखौंफ काबिज हैं भू-माफिया

बिंदकी। हिन्दुस्तान संवाद।  ग्राम समाज की सार्वजनिक जमीनों को खाली करवाने के चाहे जितने अभियान चले लेकिन भू माफियाओं के सेहत में कोई फर्क नहीं पड़ता, वह बेखौंफ ग्राम समाज की जमीन पर काबिज है। ...

सरकारी जमीनों में बेखौंफ काबिज हैं भू-माफिया
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 26 Aug 2014 11:25 PM
ऐप पर पढ़ें

बिंदकी। हिन्दुस्तान संवाद।  ग्राम समाज की सार्वजनिक जमीनों को खाली करवाने के चाहे जितने अभियान चले लेकिन भू माफियाओं के सेहत में कोई फर्क नहीं पड़ता, वह बेखौंफ ग्राम समाज की जमीन पर काबिज है। कोर्ट के आदेशों का भी अनुपालन नहीं हो रहा है। हल्का लेखपाल व कानूनगो की भूमिका हमेशा संदिग्ध रहती है। सरकारी जमीन खेत, खलिहान, चरागाह, खेलकूद के मैदान, कब्रिस्तान, चकरोड और तालाबों आदि की भूमि पर कमोवेश हर गांव में अवैध कब्जा है।

ग्राम समाज की भूमि की रखरखाव की जिम्मेदारी भूमि प्रबंधक समिति पर रहती है। हल्का लेखपाल मंत्री होता है। शासन के आदेश पर प्रशासन अवैध कब्जेदारों से मुक्त कराने का अभियान चलाता है। इस अभियान का कितना असर होता है। इसकी हकीकत खोलने के लिए अनेक मामले नजीर बने हुए है। प्रशासन जिन जमीनों को दबंगों के कब्जे से खाली कराने में पेंचीदा नजर आता है तो उस कब्जेदार के खिलाफ लेखपाल 120बी का वाद तहसीलदार न्यायालय में दायर करता है।

इन मुकदमों में अधिकांश मामलों में जमीन खाली कराने का आदेश सरकार के पक्ष में होता है। इस मुकदमे का वादी राजस्व विभाग का लेखपाल होता है। गांव गौसपुर में खलिहान की भूमि पर अवैध कब्जे का मामला आया जिसमे अवैध कब्जा करने वाले पर कोर्ट ने जुर्माना ठोंका था। कोर्ट के आदेश का लेखपाल व कानूनगो ने अनुपालन ही नही कराया। तहसीलदार दूधनाथ यादव ने कहाकि सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों के जो भी वाद कोर्ट में आए है।

जिनमे बेदखली के आदेश हुए है। उसमे लेखपाल की जिम्मेदारी है कि कोर्ट से नोटिस तैयार करा कर अवैध कब्जेदारों को रिसीव कराए। कोर्ट से बेदखली के आदेशों की समीक्षा भी की जाएगी।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें