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बीएड बचाने को मुलायम, अखिलेश को सौंपेंगे प्रस्ताव

कानपुर वरिष्ठ संवाददाता। बीएड की 87 हजार खाली सीटों को भरने और कोर्स का भविष्य तय करने के लिए मंगलवार को हुई बैठक में तीन समूह गठित किए गए। पहला समूह सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, दूसरा मुख्यमंत्री...

बीएड बचाने को मुलायम, अखिलेश को सौंपेंगे प्रस्ताव
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 20 Aug 2014 01:25 AM
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कानपुर वरिष्ठ संवाददाता। बीएड की 87 हजार खाली सीटों को भरने और कोर्स का भविष्य तय करने के लिए मंगलवार को हुई बैठक में तीन समूह गठित किए गए। पहला समूह सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, दूसरा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और तीसरा कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव से अलग-अलग मिलेगा।

तीनों को एक प्रस्ताव सौंपा जाएगा जिसमें धरातल पर आ गए बीएड कोर्स को बचाने का फार्मूला सुझाया गया है। सुप्रीम कोर्ट से खाली सीटें भरने में राहत न मिल पाने के कारण मंगलवार को उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित कॉलेज एसोसिएशन ने कॉलेज प्रबंधकों की बैठक बुलाई थी। इसमें सीएसजेएमयू से संबद्ध कॉलेजों के प्रबंधकों की उपस्थिति ज्यादा रही जो इलाहाबाद, सीतापुर, लखीमपुर, सीतापुर, फतेहपुर, कानपुर देहात और उन्नाव समेत अन्य जनपदों से थे। इनके बीच सुप्रीम कोर्ट के तीन आदेशों को स्पष्ट करना और आगे शासन को प्रस्ताव भेजने के लिए सभी से सुझाव लेना शामिल था।

एक सैकड़ा से अधिक आए प्रबंधक बीएड ही नहीं अन्य कोर्सों में प्रवेश और उसकी उपयोगिता को लेकर परेशान थे। क्या हैं एससी के तीन आदेश प्रबंधकों की बैठक में सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बारे में जानकारी दी गई जिसमें प्रवेश की प्रक्रिया तय की गई थी। बताया गया कि यह आदेश तब तक के लिए है जब तक शासन अपनी नीति तय नहीं कर देता। दूसरा और तीसरा एससी का आदेश खाली सीटों को भरने वाली रिटों को खारिज करने वाले थे।

अदालत ने प्रवेश प्रक्रिया में देरी के कारन न तो दूसरी और न ही पूल काउंसिलिंग की अनुमति दी। इन आदेशों की जानकारी दिए जाने के बाद बहस शुरू हुई। तीन प्रस्ताव तैयार होंगे निर्णय लिया गया कि एक कॉमन प्रस्ताव तैयार किया जाए जिसे मुख्यमंत्री, सपा प्रमुख और कैबिनेट मंत्री को दिया जाए। इस प्रस्ताव में उनसे बीएड की नीति शीघ्र तैयार करने की मांग की जाएगी। बीएड की नीति क्या हो उसकी भी स्पष्ट रूप रेखा तैयार कर दी जाएगी।

इसका मकसद खाली सीटों को इसी सत्र में भरना और आगे के लिए स्पष्ट नीति तैयार करना है। कुछ प्रबंधकों का कहना था कि शासन अगर कोई नीति बना भी देता है तो उसे वर्तमान सत्र से लागू करा पाना मुश्किल होगा। प्रस्ताव के अहम बिन्दु प्रबंधकों ने आपसी चर्चा से जिस प्रस्ताव का खाका तैयार उसके अनुसार वर्तमान में सीटों को भरने के लिए विज्ञापन निकलवाकर सीधे प्रवेश की अनुमति देने की बात कही गई है। इसमें पहले जो प्रवेश परीक्षा में बैठे और फिर वह जो इसकी न्यूनतम योग्यता रखते हों।

सामान्य सत्र में मई में काउंसिलिंग कराई जाए ताकि जून में प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो सके। पहली जुलाई से पढ़ाई शुरू हो सके। फीस कम करने का सुझाव एक प्रबंधक ने बीएड की फीस 20 हजार कम करने का प्रस्ताव रखा जिसे क्वॉलिटी एजूकेशन की बात कहते हुए नकार कर दिया गया। प्रबंधकों ने बीएड के इतर परीक्षा से जुड़ी कई समस्याओं को भी रखा जिसके हल के लिए कुलपति से मिला जाएगा। बैठक में अध्यक्ष विनय त्रिवेदी, डॉ. मोहर सिंह यादव, रमाकान्त तिवारी, मोहिनी ही मनवानी, श्याम जी निगम, दयाल सरन औरक बृजेश भदौरिया आदि मौजूद थे।

सत्र शून्य न रहे एनसीटीई ने सत्र 2015-16 में बीएड सत्र को शून्य घोषित कर दिया है। इस पर निर्णय लिया कि शासन स्वयं इसके लिए मानव संसाधन मंत्रालय या एनसीटीई से वार्ता करे। सत्र को शून्य होने से बचाया जाए।

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