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सरकारी स्कूलों में प्राचार्य बनने की राह आसान

नई दिल्ली। प्रभात कुमार दिल्ली सरकार के स्कूलों में प्राचार्य बनने की राह को हाईकोर्ट ने आसान कर दिया है। दिल्ली सरकार के स्कूलों में अब दस साल के अनुभव और परास्नातक (पीजी) की डिग्री प्राप्त शिक्षक...

सरकारी स्कूलों में प्राचार्य बनने की राह आसान
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 24 Jul 2014 10:35 PM
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नई दिल्ली। प्रभात कुमार दिल्ली सरकार के स्कूलों में प्राचार्य बनने की राह को हाईकोर्ट ने आसान कर दिया है। दिल्ली सरकार के स्कूलों में अब दस साल के अनुभव और परास्नातक (पीजी) की डिग्री प्राप्त शिक्षक प्राचार्य बनने के लिए योग्य माने जाएंगे। हाईकोर्ट ने प्राचार्य बनने के लिए परास्नातक की डिग्री के बाद का अध्यापन के दस साल का अनुभव होने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। जस्टिस एस. रविंद्र भट्ट और विपिन सांघी की पीठ ने करीब दर्जन भर से अधिक शिक्षकों की अपील का निपटारा करते हुए यह फैसला दिया है।

पीठ ने कहा है 'ऐसे शिक्षक जिनके पास दस साल अध्यापन का अनुभव और परास्नातक की डिग्री हो, वे राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्राचार्य बनने के लिए योग्य होंगे। हाईकोर्ट ने कहा है कि यह कोई मायने नहीं रखता है कि अध्यापन का अनुभव परास्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद का है या पहले का। हाईकोर्ट ने केंद्रीय प्रशासनिक पंचाट और दिल्ली सरकार के उस निर्णय को रद्द कर दिया है जिसमें प्राचार्य बनने के लिए परास्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद दस साल के अनुभव को अनिवार्य बताया गया था।

हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और संघ लोक सेवा आयोग से छह सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता के योग्यता प्रमाण पत्रों और अनुभव की जांच करने एवं सभी याचिकाकर्ता को परिणाम निजी तौर पर बताने का निर्देश दिया है। संघ लोक सेवा आयोग को अनुभव में है छूट देने का अधिकार हाईकोर्ट ने कहा है कि प्राचार्य बनने के लिए दस साल अध्यापन के अनुभव में थोड़ा बहुत कमी होने पर संघ लोक सेवा आयोग के पास इसमें छूट देने का पूरा अधिकार है।

हाईकोर्ट ने कहा है कि ऐसे में दिल्ली सरकार का यह कहना पूरी तरह से अनुचित है कि 'परास्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद दस साल का अनुभव होना चाहिए। ' क्या है मामला। दिल्ली सरकार ने पिछले साल अपने स्कूलों में प्राचार्य के 58 पदों के लिए आवेदन मंगाए। इसके लिए संघ लोक सेवा आयोग अप्रैल 2013 में लिखित परीक्षा आयोजित किया। आयोग ने याचिकाकर्ताओं सहित 200 लोगों को सफल घोषित किया। लेकिन बाद इन लोगों को यह कह कर इस पद के लिए आयोग्य घोषित कर दिया कि इनके पास अध्यापन का अनुभव परास्नातक की डिग्री प्राप्त करने से पहले का है।

इसके खिलाफ ममता यादव, कुलदीप सिंह सहित दर्जन भर लोगों ने अधिवक्ता आर.के. सैनी और सिताब अली चौधरी के माध्यम से पहले केंद्रीय प्रशासनिक पंचाट में याचिका दाखिला किया था। पंचाट से याचिका खारिज होने के बाद शिक्षकों ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी।

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