रोहतास फायरिंग व गिरिराज को लेकर दोनों सदनों में हंगामा
पटना। हिन्दुस्तान ब्यूरो। पिछले तीन दिनों से लगातार विधान मंडल की कार्यवाही सत्तापक्ष और विपक्ष की शोर शराबे की भेंट चढ़ रही है। बुधवार को दोनों सदनों विधानसभा और विधान पिरषद में रोहतास गोली कांड व...
पटना। हिन्दुस्तान ब्यूरो। पिछले तीन दिनों से लगातार विधान मंडल की कार्यवाही सत्तापक्ष और विपक्ष की शोर शराबे की भेंट चढ़ रही है। बुधवार को दोनों सदनों विधानसभा और विधान पिरषद में रोहतास गोली कांड व भाजपा सांसद गिरिराज सिंह के घर से चोरी गए 1.14 करोड़ से अधिक की बरामदगी का मामला गूंजता रहा।
दोनों सदन कुछ-कुछ मिनट के लिए चले और स्थगित हो गए। विधानसभा में भाजपा ने जहां रोहतास गोलीकांड की न्यायिक जांच की मांग को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया वहीं जदयू और राजद ने गिरिराज सिंह के बहाने भ्रष्टाचार और काला धन के मसले पर शोर किया। दोनों दलों ने गिरिराज सिंह के खिलाफ जांच की पुरजोर मांग की।
जदयू विधायकों ने विधानसभा के बाहर धरना भी दिया। विधानसभा की कार्यवाही आरंभ होने के पंद्रह मिनट पहले ही जदयू व राजद के विधायक पोस्टर बैनर लेकर सदन के पोर्टिको में पहुंच गए।
विधायकों का कहना था कि भ्रष्टाचार समाप्त करने और काला धन वापस लाने की बात कहकर वोट लेने वाली भाजपा यह बताए कि गिरिराज सिंह के पास 1.14 करोड़ रुपये कहां से आए और अमेरिकी डॉलर घर में रखने की अनुमित उन्हें किसने दी?
जदयू विधायकों ने कहा कि गिरिराज सिंह के खिलाफ मुकदमा हो। उनकी सांसदी खत्म की जाए। फेमा के तहत मुकदमा किया जाए। पोर्टिको खाली नहीं होने से भाजपा विधायक पोर्टिको के बाहर पहुंचे और विधि-व्यवस्था पर सरकार की विफलता वाले पोस्टर लहराने लगे।
उनकी मांग थी कि सरकार रोहतास गोली कांड की न्यायिक जांच कराए। सदन शुरू होने पर विधानसभा अध्यक्ष ने जैसे ही प्रश्न काल की सूचना पढ़ी सत्ता पक्ष और विपक्ष के लोग अंदर पहुंचे और अपनी-अपनी बात कहने को लेकर शोर करने लगे। शोर के कारण प्रथम पाली की कार्रवाई पांच मिनट भी नहीं चली।
विधानसभा अध्यक्ष ने भोजनावकाश तक के लिए कार्यवाही स्थिगत कर दी। भोजनावकाश के बाद सदन पुन: आरंभ हुआ। खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के बजट पर चर्चा होनी थी पर शोर के बीच बामुश्किकल दो से तीन मिनट तक सदन चला और फिर उसे स्थिगत कर दिया गया।
उधर, विधान पिरषद में सुबह कार्यवाही शुरू होते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य वेल में चले आए और एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। सत्ता पक्ष के लोग गिरिराज सिंह मामले में निगरानी जांच की मांग कर रहे थे। उधर भाजपा रोहतास गोली कांड को लेकर सत्येन्द्र नारायण सिंह के कार्यस्थगन प्रस्ताव अस्वीकृत किए जाने के खिलाफ नारे लगा रहे थे। दोनों पालियों में यही स्थिति रही।