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दूरंतो एक्सप्रेस और देहरादून एक्सप्रेस टकराते-टकराते बची

डाउन लाइन पर आ रही नई दिल्ली-भुवनेश्वर दूरंतो एक्सप्रेस शुक्रवार की सुबह करीब 2.45 बजे गोमो में देहरादून एक्सप्रेस से टकराते-टकराते बची। दूरंतो का गोमो में ठहराव नहीं है, बावजूद  इसे यहां रोकने...

दूरंतो एक्सप्रेस और देहरादून एक्सप्रेस टकराते-टकराते बची
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 31 Oct 2014 08:12 PM
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डाउन लाइन पर आ रही नई दिल्ली-भुवनेश्वर दूरंतो एक्सप्रेस शुक्रवार की सुबह करीब 2.45 बजे गोमो में देहरादून एक्सप्रेस से टकराते-टकराते बची। दूरंतो का गोमो में ठहराव नहीं है, बावजूद  इसे यहां रोकने के लिए प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर रेड सिग्नल दे दिया गया।


 प्लेटफॉर्म संख्या 1 एवं 2 के आगे दो स्टार्टर सिग्नल होने के कारण दूरंतो के चालक को सिग्नल समझने में परेशानी हुई और ट्रेन लाल सिग्नल को पार कर गई। ठीक उसी समय प्लेटफॉर्म संख्या दो पर डाउन देहरादून एक्सप्रेस खुल रही थी। एक व दो नंबर के प्लेटफॉर्म के क्रॉसिंग पर दोनों ट्रेनों के बीच टक्कर होते-होते बची। गनीमत रही कि दूरंतो मेनलाइन के बजाय बगल में बने बफर लाइन (बंद) में चली (ओवरशूट)गई। अगर मेन लाइन पर ट्रेन आगे बढ़ जाती तो यह देहरादून एक्सप्रेस से जा टकराती।

इधर बफर लाइन की पटरी पर न तो फिस प्लेट लगे थे और न ही पेंड्रोल क्लिप। ट्रेन के इस लाइन पर घुसते ही जोरदार झटका लगा और यात्राी चिल्लाने लगे। चालक ने आनन-फानन में इमरजेंसी ब्रेक लगाई। थोड़ी सी चूक होने पर ट्रेन बेपटरी हो सकती थी और एक हजार से ज्यादा लोगों की जान को खतरा हो सकता था।

इमरजेंसी ब्रेक लगते ही ट्रेन से उतरकर यात्राी इधर-उधर भागने लगे। इसके बाद चालक ने कंट्रोल को सूचना दी। मामले की जानकारी पाकर सीनीयर डीइएन टू बीके सिंह, एसीएमएस एलसी मिश्र, एइएन अमित कुमार, सीवाइएम नागपाल, कैरेज फोरमैन एस घोष, सीटीएफआर एसजी दत्ताे, पीडब्ल्यूआई शैलेन्द्र कुमार समेत आरपीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार, अमित सिंह, एस विश्वकर्मा तथा आइओ डब्ल्यू रतनशंकर आदि मौके पर पहुंचे । दूरंतो को पटरी पर लाया गया। ढाई घंटे की मशक्कत के बाद ट्रेन को पटरी पर लाया गया। सुबह 6 बजे ट्रेन को रवाना किया गया।

डीआरएम पहुंचे जांच को
मामले की जांच करने दोपहर को डीआरएम बीबी सिंह, सीनीयर डीईई को-ऑर्डिनेशन अभय कुमार, सीनीयर डीएसटीई अमरेन्द्र कुमार, सीनीयर डीएसओ संजय कुमार, सीनीयर डीईई टीआरडी भारद्वाज चौधरी गोमो पहुंचे। स्थानीय अधिकारियों से मामले की जानकारी ली। डीआरएम ने प्लेटफॉर्म नंबर एक पर जाकर डीआरएम ने स्टार्टर सिग्नल की जांच की। दुबारा ऐसी घटना न घटे इसके लिए अधिकारियों को सख्त हिदायत दी।  

 कौन कौन सी ट्रेनें प्रभावित हुईं
घटना की वजह से डाउन में आने वाली कई ट्रेनें जहां-तहां  खड़ी रहीं। डाउन से आ रही चंबल एक्सप्रेस पारसनाथ एक्सप्रेस, कालका मेल चौधरीबांध, गंगा सतलज एक्सप्रेस पारसनाथ तथा नीलांचल एक्सप्रेस को गोमो होम सिग्नल पर परचिालन सामान्य होने तक रोककर रखा गया।

क्यों ओवरशूट हुई ट्रेन
अक्सर डाउन से आनेवाली सभी ट्रेनें प्लेटफॉर्म संख्या 2 से जाया करती हैं। लेकिन पहले से गोमो प्लेटफार्म संख्या 2 पर देहरादून  एक्सप्रेस खड़ी थी और उसे खुलवाया जा रहा था। तभी पीछे से दूरंतो के आने का समय हो गया, जिसे प्लेटफॉर्म नंबर1 पर लिया गया। दूरंतो का सिग्नल लाल था, जिसे चालक समझ नहीं पाया, क्योंकि प्लेटफॉर्म नंबर 1 और 2 के आगे दो स्टार्टर सिग्नल लगाए गए हैं। दून के लिए आगे एक सिग्नल हरा था जिससे दूरंतो के चालक को लगा कि यह उसी का सिग्नल है और वह बिना रुके पार गया। उस वक्त ट्रेन की स्पीड मात्र 30 किलोमीटर प्रति घंटे थी।

 दो स्टार्टर सिग्नल के कारण परेशानी हुई : चालक  
दूरंतो के चालक जेबी लोबो तथा सहायक चालक एससी गोराईं ने कहा कि दो स्टार्टर सिग्नल होने की वजह से परेशानी हुई थी। क्योकि पहले दो स्टार्टर सिग्नल नहीं थे। आरआरआई का काम होने के बाद सिग्नल में फेरबदल किया गया है। जिसकी जानकारी  रनिंग कर्मचारियों को नहीं दी गई है, इस कारण सिग्नल समझने में दिक्कत हुई।
 

चालक तथा सह चालक का लिया ब्लड सैंपल
दूरंतो के चालक जेबी लोबो तथा सह चालक एससी गोराईं की डय़ूटी गोमो में खत्म कर दोनों को गोमो में उतार लिया गया। रेलवे चिकित्सकों ने दोनों का ब्लड सैंपल लिया गया। इसके आधार पर आगे की जांच की जा सकेगी। रेलवे सूत्रों के अनुसार खून की जांच से यह पता लगाया जाएगा कि कहीं चालक नशे में तो नहीं थे

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