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मेरठ के एमबीबीएस छात्र की लक्सर लाकर हत्या

मेरठ के सुभारती विश्वविद्यालय से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे बिजनौर निवासी एक युवक को लक्सर लाकर उसकी हत्या कर दी गई। युवक का शव लक्सरी गांव के पास रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला। जीआरपी ने शव को पोस्टमार्टम...

मेरठ के एमबीबीएस छात्र की लक्सर लाकर हत्या
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 30 Oct 2014 07:30 PM
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मेरठ के सुभारती विश्वविद्यालय से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे बिजनौर निवासी एक युवक को लक्सर लाकर उसकी हत्या कर दी गई। युवक का शव लक्सरी गांव के पास रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला। जीआरपी ने शव को पोस्टमार्टम के लिए रुड़की भेज दिया। पुलिस अभी तक मामले को प्रेम -प्रसंग से जुड़ा मान रही है।  

लक्सर जीआरपी को बुधवार रात को करीब साढ़े ग्यारह बजे लक्सरी के पास रेलवे ट्रैक पर एक शव पड़ा होने की सूचना मिली। सूचना पर एसओ दिनेश सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और शव का निरीक्षण किया। बताया कि युवक की गर्दन निर्मम तरीके से काटी गई थी। कपड़ों की तलाशी लेने पर युवक का आई कार्ड मिला। उसमें युवक का नाम और पता विश्वदीप त्यागी (24) पुत्र  पुत्र प्रशांत त्यागी, निवासी बी 14 नई बस्ती बिजनौर, सुभारती विश्वविद्यालय कैंपस मेरठ में एमबीबीएस छात्र के रूप में दर्ज मिला। इसके बाद जीआरपी की सूचना पर बिजनौर से युवक के परिजनों के साथ ही मेरठ से उसके साथी छात्र भी लक्सर पहुंच गए। उसके बैच के छात्रों ने पुलिस को बताया कि विश्वदीप बुधवार दोपहर से बिना बताए गायब था। उसके फोन पर भी संपर्क नहीं हो पा रहा था। उसके फूफा सुभाष त्यागी के मुताबिक युवक के खुद लक्सर आने का कोई कारण नहीं था। लिहाजा उसे कोई यहां लेकर आया था। पुलिस मामला प्रेम-प्रसंग से जुड़ा होने की बात कह रही है। सीओ लोकजीत सिंह का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

मां को कैसे बताएं, नहीं रही उसकी अकेली संतान

एमबीबीएस का छात्र विश्वदीप अपने मां-बाप की इकलौती संतान था। उसके पिता कई साल पहले कैंसर की बीमारी से गुजर चुके हैं। अब मां के जीने की आखिरी उम्मीद भी टूट गई। उनके तमाम रिश्तेदार इसी असमंजस में हैं कि मां को इसकी सूचना कैसे दी जाए।
बिजनौर के रहने वाले विश्वदीप त्यागी के पिता प्रशांत त्यागी एक बैंक में कर्मचारी थे। कई साल पहले उन्हें कैंसर हो गया। इसका पता चलने पर उनके परिजनों ने उनका काफी इलाज भी कराया लेकिन बाद में उनका निधन हो गया। उनकी मौत के बाद उनकी पत्नी निशा देवी की सारी उम्मीदें विश्वदीप के साथ जुड़ गई। वे चाहती थी कि बेटा अपने पिता की जगह बैंक में नौकरी करे लेकिन विश्वदीप डॉक्टर बनना चाहता था। इसीलिए उन्होंने बेटे की इच्छा के मुताबिक मेरठ के सुभारती विश्वविद्यालय में एमबीबीएस में उसका एडमिशन करा दिया। विश्वदीप का इस बार चौथे वर्ष में आखिरी सेमेस्टर का छात्र था। उसके साथी छात्र कमल और अनिरुद्घ की मानें तो विश्वदीप अपनी डॉक्टर की पढ़ाई को लेकर बहुत उत्साहित और गंभीर रहता था। साथ ही अपनी मां के सपने पूरे करने की बात कहा करता था। अब विश्वदीप खुद भी अपनी मां से दूर चला गया। ऊपर से उसकी मां निशा देवी को अभी तक इस ट्रेजेडी की खबर तक नहीं दी गई है। लक्सर पहुंचे उसके सारे रिश्तेदार अब यही सोच रहे हैं कि मां को अकेली संतान के मरने की सूचना कौन और कैसे देगा।

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