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गंगा को पुराने स्वरूप में लाएं: पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने पटना में गंगा नदी को वापस अपनी जगह पर लाने के लिए कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया है। अदालत ने गंगा की मुख्य धारा को वापस घाट तक लाने के लिए केंद्र सरकार की इनलैंड वाटर ट्रांसपोर्ट...

गंगा को पुराने स्वरूप में लाएं: पटना हाईकोर्ट
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 03 Mar 2015 10:30 PM
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पटना हाईकोर्ट ने पटना में गंगा नदी को वापस अपनी जगह पर लाने के लिए कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया है। अदालत ने गंगा की मुख्य धारा को वापस घाट तक लाने के लिए केंद्र सरकार की इनलैंड वाटर ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन और राज्य सरकार को मिलकर काम करने का निर्देश दिया है।

अदालत ने दो सप्ताह बाद इस पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल नरसिम्हा रेड्डी और न्यायमूर्ति विकास जैन की खंडपीठ ने पटना सिविल कोर्ट के जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आवेदन को जनहित याचिका मानते हुए मंगलवार को सुनवाई की और यह आदेश दिया है।

जिला न्यायाधीश ने हाईकोर्ट को भेजे अपने आवेदन में गंगा की वर्तमान स्थिति के बारे में विस्तार से बताया है। उनका कहना है कि बालू, कंक्रीट और शिल्ट के कारण गंगा की मुख्य धारा पटना से उत्तर की ओर काफी दूर चली गई है। घाट के किनारे गंदे पानी का नाला बह रहा है। घाटों पर गंदगी का अंबार लगा रहता है। इसके कारण काफी दुर्गन्ध आती है।

अपने पत्र में उन्होंने कहा है कि अगर 50 फीट तक बालू, शिल्ट और कंक्रीट हटा दिया जाए तो एक चैनल बन जाएगा और गंगा की मुख्य धारा अपने पुराने स्वरूप में लौट आएगी। हाईकोर्ट ने उनके आवेदन को गंभीरता से लिया है। दो सप्ताह बाद इस मामले पर फिर सुनवाई होगी।

2026 तक गंगा को वापस लाने का वादा

केन्द्रीय जल संसाधन और गंगा पुनरुद्धार मंत्री उमा भारती ने पटना में गंगा को 2026 तक वापस तट पर ले आने का वादा किया है। पिछले दो फरवरी को अपने पटना दौरे के समय उन्होंने कहा था कि गंगा की तीन चरणों में सफाई की जाएगी और नदी की ड्रेजिंग और पानी का रिसाइकल किया जाएगा।

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