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ब्रज में बर्बाद किसानों की मौत का सिलसिला जारी

मौसम की बेरुखी ने किसानों को बर्बाद कर दिया है। ये बर्बादी गुरुवार को ब्रज के 6 और किसानों की जान ले गई। इनमें से फिरोजाबाद के एक किसान ने गोली मारकर आत्महत्या की तो हाथरस के 3, टूंडला और आगरा के...

ब्रज में बर्बाद किसानों की मौत का सिलसिला जारी
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 26 Mar 2015 09:47 PM
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मौसम की बेरुखी ने किसानों को बर्बाद कर दिया है। ये बर्बादी गुरुवार को ब्रज के 6 और किसानों की जान ले गई। इनमें से फिरोजाबाद के एक किसान ने गोली मारकर आत्महत्या की तो हाथरस के 3, टूंडला और आगरा के एक-एक किसान की सदमे से मौत हो गई। वहीं मैनपुरी में एक आलू किसान की सदमे से हालत खराब है। उसके खराब आलू को मंडी में किसी ने नहीं खरीदा।

फिरोजाबाद में ओले व बारिश में 60 बीघा आलू की फसल चौपट होने पर लालपुर निवासी श्रीप्रकाश (55) पुत्र बाबूराम आत्मघाती कदम उठाया और खुद को गोली मारकर जान दे दी। उसने ये खेत बटाई पर लिया था। फसल बर्बाद होने से वह 6 लाख रुपये का कर्जदार हो गया था। टूंडला के किसान हरीशंकर यादव (65 वर्ष) पुत्र गीतम सिंह बेमौसम बारिश और दवाई से खराब फसल का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सके और बुधवार देर शाम उनकी अचानक मौत हो गई।

आगरा के फतेहाबाद स्थित जयनगर निवासी शिव सिंह परिहार पुत्र स्व नवाब सिंह ने अपने चार बीघा खेत में आलू किए थे। लेकिन बारिश और ओले के चलते आलू खेत में ही सड़ गया। इससे सदमे में आए शिव सिंह ने दम तोड़ दिया। उन पर 50 हजार रुपये का कर्ज भी था। वहीं अलीगढ़ में पहले बरसात फिर कोल्ड में आलू न रख पाने से लगे सदमे से गांव तेहरा के किसान उदयवीर सिंह की मौत हो गई।

वहीं हाथरस सादाबाद के गांव कंचना में चरन सिंह ने भी फसल बर्बाद होने पर जान दे दी। मुरसान के गांव गाबरी में किसान वीरेन्द्र सिंह को भी खेत में सड़े हुए आलू देखकर सदमा लगा और उनकी मौत हो गई।

फसल खराब होने से मौत पर किसानों के परजिनों को दो-दो लाख और
विशेष संवाददाता, राज्य मुख्यालय। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानसभा में घोषणा की है कि प्रदेश में फसल चौपट होने से हुई किसानों की मौत होने के मामलों में उनके परिवारों को दो-दो लाख रुपए और दिए जाएंगे। यह घोषणा मुख्यमंत्री ने गृह और सामान्य प्रशासन के बजट पर चर्चा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने फसल चौपट होने पर किसानों को दोगुना मुआवजा दिया है। केंद्र सरकार से भी मदद मांगी जा रही है। रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा बुंदेलखण्ड में नुकसान हुआ है। किसानों को दुर्घटना बीमा दिया जा रहा है। जिनकी जमीनें नहीं हैं और बटाई पर काम कर रहे हैं, उन्हें भी लाभ देने के लिए योजना बनाई जा रही है। ऐसे किसान जिन्होंने फसल चौपट होने पर आत्महत्या की है, उन्हें पांच-पांच लाख रुपए मुआवजा दिया गया है। अब दो-दो लाख रुपए और दिए जाएंगे लेकिन ऐसे किसान ही होने चाहिए, जिन्होंने फसल चौपट होने से खुदकुशी की है। न कि किसी अन्य कारणों से।

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