फोटो गैलरी

Hindi Newsएसएससी में फर्जी तरीके से नौकरी दिलाने वाले चार धराए

एसएससी में फर्जी तरीके से नौकरी दिलाने वाले चार धराए

एसएससी और बैंकिंग परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर नौकरी दिलाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के चार लोगों को पुलिस ने रविवार को धर दबोचा। पकड़े गए लोगों में दो स्कॉलर भी हैं। इनमें चंदन कुमार (राजेंद्र नगर रोड...

एसएससी में फर्जी तरीके से नौकरी दिलाने वाले चार धराए
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 22 Sep 2014 11:15 PM
ऐप पर पढ़ें

एसएससी और बैंकिंग परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर नौकरी दिलाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के चार लोगों को पुलिस ने रविवार को धर दबोचा। पकड़े गए लोगों में दो स्कॉलर भी हैं। इनमें चंदन कुमार (राजेंद्र नगर रोड नंबर एक), अभिषेक कुमार रंजन (मुनीरिका, दिल्ली), अजीत कुमार (एनी वसेंट रोड, पीरबहोर) व अनिल कुमार पासवान (हसनपुरा, वैशाली) हैं।

चंदन व अभिषेक स्कॉलर हैं। इनकी गिरफ्तारी कदमकुआं थाने के काजीपुर स्थित राजकीय संस्कृत कॉलेज परीक्षा केंद्र व नया टोला स्थित पीएन एंग्लो संस्कृत स्कूल परीक्षा केंद्र से की गई। इनके पास से एक स्कार्पियो, एसएससी के दो प्रश्न पत्र, एसएससी के दो एडमिड कार्ड, दो वोटर आईकार्ड, एक चेक बुक, दो सिम कार्ड, चार मोबाइल व कई फर्जी दस्तावेज मिले हैं। 

एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली कि रविवार को एसएससी की स्नातक स्तर की होने वाली परीक्षा में सेटिंग कर नौकरी दिलाने वाले गिरोह सक्रिय हैं। पुलिस ने गिरोह को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। परीक्षा का केंद्र दो जगह था। दोनों जगह सादे लिबास में पुलिस को लगाया गया। इसी क्रम में एक स्कार्पियो से दो लोग पीएन एंग्लो संस्कृत स्कूल परीक्षा केंद्र के पास आए। उनकी गतिविधि संदिग्ध लगी तो तलाशी ली गई। तलाशी में इनके पास से एसएससी के प्रश्न पत्र व एडमिड कार्ड मिले। पुलिस ने अनिल कुमार पासवान और अजीत कुमार को गिरफ्तार कर लिया।

दिल्ली से आया था अभिषेक
अनिल व अजीत ने पूछताछ में बताया कि परीक्षा केंद्र के अंदर दो स्कॉलर बैठे हैं। बाद में पुलिस ने स्कॉलर चंदन और अभिषेक को भी पकड़ लिया। अभिषेक ने बताया कि मूलरूप से गोपालगंज के विजयपुर का रहनेवाला है। इन दिनों वह दिल्ली के मुनिरका में रहता है। उसे परीक्षा में बैठने के लिए यहां बुलाया गया था। ढाई लाख रुपए देने का वादा किया गया था। उसे दिल्ली से आने-जाने का एयर टिकट भी दिया गया था।

सब कुछ मैनेज था
गिरोह के लोगों ने बताया कि एसएससी के अधिकारियों की मिलीभगत से इन लोगों ने सब कुछ मैनेज कर रखा था। असली परीक्षार्थी की जगह एडमिड कार्ड पर स्कॉलर का ही फोटो लगाया गया था। परीक्षा केंद्र पर आने वाले एडमिड कार्ड व परीक्षार्थी के पास मौजूद एडमिड कार्ड में स्कॉलर का ही फोटो लगा था। इस कारण सेंटर पर इन्हें पकड़ना नामुमकिन था। यही कारण है कि दोनों पालियों की परीक्षा में स्कॉलर ने सभी प्रश्न हल कर चुके थे।

हस्ताक्षर की प्रैक्टिस करवाई गई थी
स्कॉलर को सिर्फ असली परीक्षार्थी की हस्ताक्षर की प्रैक्टिस करवाई गई थी। प्रैक्टिस करवाने के बाद उनसे उसी तरह परीक्षा केंद्र में आए उत्तर पुस्तिका में हस्ताक्षर करना था। अंगूठे के निशान की जगह के बारे में इन लोगों ने बताया कि उन्होंने एसएससी के अधिकारियों को मैनेज कर रखा था। बाद में एसएससी के कार्यालय से अंगूठे का निशान हटाकर असली परीक्षार्थी के अंगूठे का निशान लगवा दिया जाता। 

एसएससी के अधिकारी भी घेरे में
एसएसपी ने बताया कि गिरोह के लोगों से हुई पूछताछ के बाद एसएससी के अधिकारी भी शक के घेरे में हैं। अधिकारियों से पूछताछ करने व मामले की छानबीन करने के लिए पटना पुलिस की टीम जल्द ही इलाहाबाद स्थित एसएससी के कार्यालय जाएगी। 

कई राज्यों से जुड़े हैं तार
गिरोह में दर्जनों लोग हैं। सब का काम बंटा हुआ है। कोई सेंटर मैनेज करता है तो कोई स्कॉलर की व्यवस्था करता है। कोई परीक्षार्थियों को अपने जाल में फंसाने का काम करता है। गिरोह के तार दिल्ली, पश्चिम बंगाल, यूपी के साथ ही दक्षिण भारत के कई राज्यों से भी जुड़े हैं।

10 से 12 लाख रुपए लेते हैं
गिरोह के लोग एसएससी की परीक्षा पास कराने से लेकर नौकरी दिलाने के बदले एक परीक्षार्थी से 10 से 12 लाख रुपए लेते थे। इनमें गिरोह के सभी लोगों को हिस्सा मिलता था। स्कॉलर को दो से ढाई लाख रुपए दिए जाते थे। वहीं एसएससी के अफसरों को एक से डेढ़ लाख रुपए दिए जाते हैं। 

दिल्ली व दक्षिण भारत में बैठे हैं आका
एसएसपी ने बताया कि गिरोह के आका दिल्ली व दक्षिण भारत में बैठे हैं। आका के इशारे पर ही गिरोह के लोग एसएससी, बैंकिंग से लेकर कई प्रतियोगिता परीक्षा में सेंटिंग कर नौकरी दिलाने का काम करते हैं। पूछताछ में गिरोह के लोगों ने बताया कि एक महीने पहले भी कुर्जी के समीप स्थित एक स्कूल में हुई परीक्षा में स्कॉलर को बैठाया था।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें