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चीफ इंजीनियर के यहां हजार करोड़ की संपत्ति

नोएडा-यमुना एक्सप्रेस-वे और ग्रेटर नोएडा के चचित मुख्य अभियंता यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता समेत उनके साझेदारों के दिल्ली-नोएडा और गाजियाबाद स्थित 20 ठिकानों पर गुरुवार को आयकर विभाग ने छापे मारे।...

चीफ इंजीनियर के यहां हजार करोड़ की संपत्ति
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 28 Nov 2014 01:45 PM
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नोएडा-यमुना एक्सप्रेस-वे और ग्रेटर नोएडा के चचित मुख्य अभियंता यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता समेत उनके साझेदारों के दिल्ली-नोएडा और गाजियाबाद स्थित 20 ठिकानों पर गुरुवार को आयकर विभाग ने छापे मारे। जांच में अघोषित संपत्ति और कर चोरी का बड़ा मामला उजागर हुआ है। फिलहाल आकलन जारी है पर अनुमान लगाया जा रहा है कि यह मामला एक हजार करोड़ तक का हो सकता है।

आयकर महानिदेशक कृष्णा सैनी ने गुरुवार शाम बताया कि मामला कुसुमलता साझेदार राजेंद्र मनोचा, नम्रता मनोचा और अनिल पेशावरी द्वारा 40 कंपनियां बनाकर हेराफेरी का है। बोगस शेयर होल्डिंग के बूते सिफ नाम के लिए करीब 40 कंपनियां बनाकर नोएडा विकास प्राधिकरण से प्लॉट आवंटित करवाए गए। इसके बाद प्लॉट कंपनी समेत बेच दिए। इससे हुई आय को दस्तावेजों में न दिखा कर बड़े पैमाने पर आयकर चोरी की गई। इसकी विस्तृत जानकारी शुक्रवार को दी जाएगी।

ताजा जानकारी के अनुसार यादव सिंह के घर से 12 करोड़ नकद, 2 करोड़ के आभूषण मिले हैं। आयकर आयुक्त ने बताया कि अब नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से पूछताछ होगी।

विवादों से रहा नाता

आयकर विभाग के छापों से सुखियों में आए तीनों प्राधिकरण के इंजीनियर इन चीफ यादव सिंह का विवादों से गहरा नाता रहा है। बसपा सरकार में बेहद पावर फुल रहे यादव सिंह का प्रमोशन से लेकर ठेकों में सीधा हस्तक्षेप रहा। सपा सरकार आते ही इनके खिलाफ मनमाने तरीके से ठेके देने को लेकर कोतवाली सेक्टर-39 में 954 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज हुई।

इसके बाद काफी समय तक फरार रहे यादव सिंह को अचानक सभी जांच में क्लीन चिट मिल गई। कुछ समय पहले वह दोबारा तैनात हुए। इस बार वह और ज्यादा पावर फुल हो गए। उन्हें तीनों प्राधिकरण के इंजीनियरिंग विभाग का मुखिया (इंजीनियर इन चीफ) बना दिया गया।

गुरुवार सुबह करीब नौ बजे आयकर विभाग की टीम जब उनकी सेक्टर-51 स्थित कोठी पर छापा मारने पहुंची, तो उसके लिए घर ही नहीं, उसके सामने की ग्रीन बेल्ट भी कौतुहल बन गई। टीम का नेतृत्व कर रहे नोएडा के संयुक्त निदेशक एसके यादव ने बताया कि मुख्यालय से पूरे एनसीआर में 20 जगहों पर छापेमारी की कारवाई अलग-अलग टीमों द्वारा की जा रही है।

आयकर की टीम पहुंचने की सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। टीम के अधिकारी जांच के लिए घर के अंदर चले गए। बाहर मौजूद कुछ कमचारी कोठी के सामने विशेष तौर पर तैयार किए गए ग्रीन बेल्ट में पहुंचे तो तकरीबन सौ मीटर के हिस्से में ईको फ्रेंडली शौचालय, आकषक फुट लाइट, चाजिग प्वाइंट, खूबसूरत कबूतरों का पिंजड़ा और रंग-बिरंगे झूले व बेंच देख सभी दंग रह गए।

ग्रीन बेल्ट में यादव सिंह के घर के लिए जनरेटर और एक ट्रांसफामर रखा हुआ था। जिस प्राधिकरण पर ग्रीन बेल्ट को अतिक्रमण मुक्त कराने की जिम्मेदारी है, उसी के इंजीनियर इन चीफ ग्रीन बेल्ट के इस खूबसूरत हिस्से को निजी पाक के तौर पर प्रयोग करते हैं।

 

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