मांझी पर अटकलों को जदयू ने किया खारिज
दिल्ली से पटना तक राजनीतिक गलियारे में तमाम अटकलों के बीच बुधवार को जदयू के शीर्षस्थ नेताओं ने एक बार फिर साफ कर किया कि जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री पद से हटाना पार्टी के एजेंडे में शामिल नहीं है।...
दिल्ली से पटना तक राजनीतिक गलियारे में तमाम अटकलों के बीच बुधवार को जदयू के शीर्षस्थ नेताओं ने एक बार फिर साफ कर किया कि जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री पद से हटाना पार्टी के एजेंडे में शामिल नहीं है। 15 फरवरी को प्रस्तावित पार्टी के राज्य सम्मेलन की तैयारी के सिलसिले में आयोजित बैठक में शिरकत करने बुधवार को पटना पहुंचे जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव और महासचिव केसी त्यागी ने इन अटकलों को अपने- अपने बयानों से विराम देने की पहल की।
बैठक नीतीश कुमार के आवास पर आयोजित थी। उधर, मुख्यमंत्री श्री मांझी ने भी खुद को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की अटकलों को खारिज किया। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐसा कुछ नहीं कहा है। वो कहेंगे तो खबर होगी। मैं मुख्यमंत्री हूं और उस नाते अपना काम कर रहा हूं।
गौरतलब है कि बीते कई दिनों से दिल्ली से पटना तक मुख्यमंत्री मांझी को लेकर सियासी गलियारों में अटकलों का दौर जारी है। मिडिया में भी कयास लगाए जाते रहे कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद कमान संभाल सकते हैं। मांझी को किसी भी वक्त हटाया जा सकता है। पूर्व उप मुख्यमंत्री भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने इन अटकलों को बल देते हुए मंगलवार को एक कार्यक्रम में भविष्यवाणी की कि 15 फरवरी को श्री मांझी को हटा दिया जाएगा।
मोदी ने इस बहाने मांझी को विधानसभा भंग करने की सिफारिश करने की सलाह भी दी। उधर, अटकलों में यह भी शामिल रहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने भी मांझी को हटाने के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है। लेकिन इस बारे में पूछने पर लालू ने कहा कि न तो उन्होंने मांझी को सीएम बनाया है और न इस बारे में उन्हें कोई फैसला करना है।
मांझी को नीतीश कुमार ने सीएम बनाया और वही इस बारे में फैसला करेंगे। इस मामले से उनका कोई लेना देना नहीं है। उधर, बुधवार को पटना पहुंचे शरद यादव ने साफ कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अभी मुख्यमंत्री बनने का कोई दबाव नहीं है और न श्री मांझी को हटाने का कोई एजेंडा है।
इसी तरह नीतीश कुमार के आवास पर बैठक में शामिल होने के लिए जाते समय पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि मुख्यमंत्री को हटाने या बनाए रखने का निर्णय विधायक दल को करना है। बैठक से लौटने के बाद श्री त्यागी ने कहा कि दिल्ली से अधिक राजनीतिक तापमान पटना में है, मांझी जी सुरक्षित हैं।
त्यागी के इस बयान से साफ है कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ऐसे किसी एजेंडे से सहमत नहीं हैं। बहरहाल, माना यह जा रहा है कि जीतन राम मांझी को हटाने की बजाय उन पर बयानों में संयम बरतने का दबाव बनाया जा सकता है। ऐसे संकेत मंगलवार को जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के बयान में भी निहित थे।
हालांकि मांझी प्रकरण को लेकर बंधवार को भी जदयू भाजपा के निशाने पर रहा। सांसद डा. सीपी ठाकुर ने कहा कि मांझी को जदयू नेताओं ने फुटबॉल बनाकर छोडम् दिया है। जब जिसे जिधर से मन करता है किक मार देता है।