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लखनऊ, उन्नाव में जहरीली शराब से 22 मरे, सवा सौ भर्ती

लखनऊ और उन्नाव में जहरीली शराब पीने से सोमवार को 22 लोगों की मौत हो गई। इनमें 16 मौतें लखनऊ जिले के मलिहाबाद और बंथरा तथा बाकी छह मौतें उन्नाव जिले के हसनगंज इलाके में हुईं। करीब सवा सौ लोग बीमार...

लखनऊ, उन्नाव में जहरीली शराब से 22 मरे, सवा सौ भर्ती
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 13 Jan 2015 12:54 AM
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लखनऊ और उन्नाव में जहरीली शराब पीने से सोमवार को 22 लोगों की मौत हो गई। इनमें 16 मौतें लखनऊ जिले के मलिहाबाद और बंथरा तथा बाकी छह मौतें उन्नाव जिले के हसनगंज इलाके में हुईं। करीब सवा सौ लोग बीमार हैं। इनमें सात की हालत गंभीर है। शराब बेचने के मुख्य आरोपी जगनू और उसके साथी पंचम रावत को देर शाम लखनऊ के ठाकुरगंज से गिरफ्तार कर लिया गया। कुल पांच लोग नामजद किए गए हैं।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ और उन्नाव में जहरीली शराब से मौतों के मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए उपजिलाधिकारी, सहायक आबकारी आयुक्त (प्रवर्तन), जिला आबकारी अधिकारी, क्षेत्राधिकारी, थानाध्यक्ष और आबकारी निरीक्षक को तत्काल निलंबित करने का निर्देश दिया। उनके निर्देश पर छह अफसरों समेत कुल 18 लोग निलंबित किए गए हैं।

उन्होंने मृतकों के परिवारीजनों के प्रति गहरी सहानुभूति प्रकट करते हुए दो-दो लाख रुपए रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने संयुक्त आबकारी आयुक्त के खिलाफ विभागीय कार्रवाई किए जाने और आबकारी आयुक्त से स्पष्टीकरण तलब किए जाने का निर्देश भी दिया। वाराणसी के संयुक्त आबकारी आयुक्त योगेश राय को पूरे मामले की जांच सौंपी गई है। मौके से बरामद शराब को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है।

जिस शराब को पीने से ये मौतें हुई हैं, वह मलिहाबाद के दतली गांव में बनाई गई थी। यही शराब शनिवार रात मलिहाबाद के अलावा पड़ोसी जिले उन्नाव के हसनगंज थानाक्षेत्र के गांव तालासरांय के लोगों ने भी पी थी। बताया जाता है कि बंथरा के लोगों ने भी यहीं से शराब खरीदी थी। शराब पीने वालों को रविवार रात खून की उल्टियां होने लगीं और कई लोगों को दिखाई देना बंद हो गया।

लखनऊ और उन्नाव दोनों जगह कुछ की मौके पर ही मौत हो गई जबकि कुछ ग्रामीणों की सांसें अस्पताल में थम गईं। रविवार रात शराब का कहर संक्रमण की तरह फैला। सोमवार सुबह तक इस कहर की चपेट में मलिहाबाद के आठ गांव, बन्थरा के दो और इनकी सीमा से सटे उन्नाव के भी दो गांव आ गए। एक के बाद एक मौतों से इन गांवों में कोहराम मच गया।

पुलिस, प्रशासन और आबकारी विभाग के अफसरों की टीमें गांव पहुंचीं। देर शाम तक लोगों के अस्पताल पहुंचाने का सिलसिला जारी था। इस घटना के बाद ही कच्ची शराब के कारोबारी अपने घरों में ताला बंद कर फरार हो गए। इस पूरे मामले की जांच एसएसपी यशस्वी यादव ने एएसपी ग्रामीण को सौंपी है। डीजीपी एके गुप्ता ने लखनऊ के एसएसपी से पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है।

मलिहाबाद के दतली गांव में सात-आठ परिवार केमिकल मिलाकर कच्ची शराब बनाने का कारोबार करते हैं। रविवार शाम पीडिम्तों ने जगनू की भट्ठी में बनी शराब पी थी। ग्रामीणों के मुताबिक रात करीब दो बजे गांव के कई घरों में शराब पीने वालों को उल्टियां शुरू हो गईं। दतली गांव के शिवराज उर्फ बुदई (70) की घर पर ही मौत हो गई। इस मौत से शराब पीने वाले ग्रामीणों के परिवार दहशत में आ गए। सोमवार सुबह तक 10 दर्जन से अधिक लोगों को उल्टियां होने लगीं। कई मरणासन्न हालत में पहुंच गए। गांवों में एम्बुलेन्स की कतार लग गई।

उन्नाव में भी मलिहाबाद से गई शराब:
उन्नाव के हसनगंज थानाक्षेत्र के तालासरांय (पिछवाड़ा) गांव के सनेही (40) और उसका भाई सागर कच्ची शराब बेचते थे। दोनों भाई मलिहाबाद के दतली गांव से रविवार रात शराब खरीदकर लाए। गांव के एक दर्जन से अधिक से लोगों ने दोनों भाइयों से शराब खरीदकर पी ली। साथ में दोनों भाइयों ने भी शराब पी।

देर रात नान्हू (30) के पेट में दर्द शुरू हुआ। अचानक उसे दिखना बन्द हो गया। शोर सुनकर जब तक लोग उसे इलाज को ले जाते, घर पर ही उसकी मौत हो गई। तेजापुर गांव निवासी सतीश (20) की भी कुछ इसी तरह हालत बिगड़ी। घर के लोग उसे पीएचसी मोहान ले गए। हालत गंभीर देख डॉक्टरों ने लखनऊ भेज दिया। इलाज दौरान उसकी मौत हो गई।

सगे भाइयों में सागर सुबह चारपाई पर मृत पाया गया। उसके भाई सनेही ने अस्पताल के रास्ते में दम तोडम् दिया। गंभीर रूप से बीमार आठ लोगों को ट्रॉमा सेंटर भेजा गया, जहां इलाज के दौरान रघुनन्दन (40) और छंगा (30) ने भी दम तोडम् दिया। तालासरांय गांव मलिहाबाद की सीमा से लगा है।

मृतकों के परिवारीजनों ने बताया कि दताली गांव में शराब सस्ती मिलती है। लालच में पड़कर सनेही और सागर वहां से शराब खरीद लाए। दोनों भाइयों ने खुद भी जान गंवाई और गांव के चार अन्य लोग भी मौत के मुंह में समा गए। छह लोग अस्पताल में मौत से संघर्ष कर रहे हैं।

सीएम हुए सख्त
जहरीली शराब के प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तत्काल समीक्षा बैठक की, जिसमें संबंधित विभागों के उच्च स्तरीय अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि घटना में बीमार हुए व्यक्तियों को मुफ्त इलाज की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में अवैध शराब के कारोबार के खिलाफ अभियान चलाकर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने इस अभियान में पुलिस को भी सक्रिय सहयोग करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्होंने अंतरराज्यीय शराब की तस्करी रोकने तथा नकली होलोग्राम का प्रयोग पकड़ने पर भी जोर दिया।

लखनऊ के मरने वालों के नाम
1-देशराज सिंह (55), गांव-पहाड़पुर
2-शिवराम मौर्या उर्फ मास्टर (50), गांव-अटौरा
3-कृष्णपाल सिंह (57), गांव-अटौरा
4-राजू (30), गांव-खड़ता
5-शिवराज उर्फ बुदई (65), गांव-दतली
6-सियाराम (70), गांव-दतली
7-मंगलू (35), गांव-खड़ता
8-सिद्धेश्वर (27), गांव-खड़ता
9-रामजीवन (45), गांव-खड़ता
10-भोलई (35) गांव-उदराखुर्द
11-विपिन (40), गांव-अज्ञात
12-नीलकंठ (38), गांव-मलिहाबाद
13-सजीवन लाल (35), गांव-खड़ता
14-नंद किशोर गौतम (45), गांव-बंथरा
15-श्रीपाल गौतम (42), गांव-बंथरा
16-बैजनाथ (40), गांव-बंथरा

उन्नाव के मरनेवालों के नाम
17-सनेही (40), तालासरांय (हसनगंज)
18-सागर (35), तालासरांय
19-सतीश (20), तेजापुर (हसगंज)
20-नान्हू (30), तालासरांय
21-रघुनन्दन (40), तालासरांय
22-छंगा (30), तालासरांय

पुलिस वाले जो सस्पेंड हुए
सीओ मलिहाबाद श्यामा कांत त्रिपाठी, इंस्पेक्टर मलिहाबाद-अमर सिंह रघुवंशी, बीट दरोगा-राम कुमार वर्मा व बीट सिपाही-अरविंद सिंह, महाराजदीन, राम स्वरूप।

आबकारी विभाग में ये हुए सस्पेंड
सहायक आबकारी आयुक्त (प्रवर्तन) रवि शंकर पाठक, जिला आबकारी अधिकारी लाल बहादुर यादव, आबकारी निरीक्षक वाणी विनायक मिश्र और प्रधान सिपाही श्याम नारायण मिश्र के अलावा आठ सिपाही। इनमें विनोद कुमार मौर्या, संजीव कुमार अग्निहोत्री, रजनीश कुमार मिश्रा, सुमन देवी व श्रीमती सीता आदि शामिल।

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