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पहली बार आई विधान पार्षदों की आचार संहिता

विधान परिषद में शुक्रवार को अजीब स्थिति थी। पूर्व मुख्यमंत्री व आचार समिति के अध्यक्ष नीतीश कुमार सदस्यों के लिए पहली बार तैयार कराई आचार संहिता पेश कर रहे थे और भाजपा सदस्य अपनी सीट पर तख्तियों के...

पहली बार आई विधान पार्षदों की आचार संहिता
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 19 Dec 2014 07:24 PM
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विधान परिषद में शुक्रवार को अजीब स्थिति थी। पूर्व मुख्यमंत्री व आचार समिति के अध्यक्ष नीतीश कुमार सदस्यों के लिए पहली बार तैयार कराई आचार संहिता पेश कर रहे थे और भाजपा सदस्य अपनी सीट पर तख्तियों के साथ खड़े होकर हंगामा कर रहे थे। लिहाजा श्री कुमार कुछ बोल भी नहीं सके। लेकिन अपनी रिपोर्ट में उन्होंने विभिन्न स्रेतों से मिली आचार संहिता संबंधी जानकारी को सूचीबद्ध किया है, जो विधायिका के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज होगा।

राज्य में पहली बार विधायी सदस्यों के लिए आचार संहिता बनाने को आचार समिति बनाई गई है। परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद कुमार को इस समिति का सभापति बनाया था। उस समिति की पहली रिपोर्ट शुक्रवार को पेश की गई।

रिपोर्ट का सार
-परिसर में प्रवेश के समय आचार संहिता
-सदस्य अपना परिचय पत्र साथ रखें और सुरक्षाकर्मियों के मांगने पर दिखाएं
-यह तय करें कि पोर्टिको में उतार कर चालक नियत स्थान पर वाहन ले जाएं
-सदस्यों के अंगरक्षक और निजी कर्मचारी परिषद भवन में प्रवेश नहीं करें
-विरोध प्रदर्शन के लिए झंडा बैनर लेकर परिसर में नहीं जाएं
-पोर्टिको के आगे बनी लाल व उजली रेखा से ही विरोध प्रदर्शन करें


सदन के भीतर आचार संहिता
- उपस्थिति पुस्तिका पर हस्ताक्षर जरूरत करें
- बैठते समय आसन के प्रति सांकेतिक नमन करें
- बोलते समय हमेशा आसन को संबोधित करें
- बोल रहे सदस्य के सामने से ना गुजरें
- बोलते समय अपने निर्धारित स्थान पर ही रहें
- प्रश्नकाल बाधित न करें
- सभापति के आसन के पास न जाएं
- सभापति के आने की सूचना हो तो जहां है वहीं खडम्े रहें
- सभापति के बैठने के बाद अपनी सीट पर बैठें
- कोई सदस्य बोल रहे हों तो बाधा नही डालें
- किसी विषय को स्वीकृत किए जाने के पहले प्रचारित न करें
- किसी विषय को कार्यवाही में शामिल नहीं किए जाने पर उसे प्रचारित ना करें
- कोई प्रश्न अस्वीकृत किए जाने पर उसपर कोई स्पष्टीकारण न पूछें
- प्रमाण स्वरूप कोई दस्तावेज रखना चहते हों तो सभापति से पूर्व अनुमति लें
- अधिकारी या कर्मचारी को लेकर आरोप लगाने के पहले सभापति से अनुमति लें
- कोर्ट में विचाराधीन विषय को ना उठाएं
- बिना प्रमाण किसी पर आरोप नहीं लगाएं
- आसन की ओर पीठ कर न बैठें
- किसी भी हालत में माइक न तोड़ें
- भाषण देने के तुरंत बाद सदन से बाहर ना जाएं
- विरोध स्वरूप दस्तावेजों को नहीं फाड़ें
- कैसेट, टेप माबाइल आदि लेकर ना आएं
- विरोध प्रदर्शन के लिए बेल में नहीं जाएं
- अपने और आश्रितों की परिसम्पतियों और देनदारियों की घोषणा करें


सदन के बाहर
- सदन के किसी निर्णय की सार्वजनिक आलोचना न करें
- यातायात नियमों का पालन करें
- वाहन पार्किंग स्थल पर लगाएं
- पदाधिकारी से मिलने से पहले समय लेकर जाएं
- वैसे कार्यक्रमों में न भाग लें जो गरिमा के अनुरूप न हो
- बिहार निवास के कर्मियों के साथ अच्छा व्यवहार करें
- आवंटित आवास का व्यवसायिक उपयोग ना करें

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