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कांग्रेस के खिलाफ आयोजित छात्र सभा में दी गई थी श्रद्धांजलि

पूर्व सांसद डा. रामजी को याद है कि लाजपत पार्क में कांग्रेस के खिलाफ विशाल छात्र सभा हो रही थी, उसी समय ललित नारायण मिश्र की हत्या की खबर मिली। तुरंत सभा शोक सभा में बदल गई। डा. सिंह बताते हैं कि उन...

कांग्रेस के खिलाफ आयोजित छात्र सभा में दी गई थी श्रद्धांजलि
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 08 Dec 2014 06:43 PM
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पूर्व सांसद डा. रामजी को याद है कि लाजपत पार्क में कांग्रेस के खिलाफ विशाल छात्र सभा हो रही थी, उसी समय ललित नारायण मिश्र की हत्या की खबर मिली। तुरंत सभा शोक सभा में बदल गई। डा. सिंह बताते हैं कि उन दिनों कांग्रेस के खिलाफ जयप्रकाश आंदोलन उफान पर था। वे लोग ललित बाबू के विरोध में थे लेकिन छात्र संघर्ष समिति और जनसंघर्ष समिति के बैनर तले आयोजित सभा में जैसे उनकी मौत की खबर मिली कि वे मंच पर चढ़ गए।

माइक पर सबको बताया कि आतंकियों ने ललित बाबू को मार दिया है। यह बहुत दुखद है। सावर्जनिक जीवन में इस तरह की घटना खतरनाक संकेत है। मंच पर घटना का जोरदार विरोध किया गया। उन्होंने कहा कि किसी की मौत के बाद विभाजन रेखा खत्म हो जाती है। उसके बाद छात्र सभा के मंच से सभी वक्ताओं ने ललित बाबू को श्रद्धांजलि दी। डा. सिंह कहते हैं यह वह दौर था जब राजनीतिक की अपनी मर्यादा होती थी।

एकपक्षीय जांच, राजनीतिक कोण की हुई अनदेखी
पूर्व सांसद ने कहा कि कोर्ट का फैसला आने में इतनी देरी हरगिज नहीं होनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि केस की जाच केवल एक एंगल से की गई और आनंद मार्ग के लोगों को आरोपित दोषारोपित किया गया। आखिर आनंद मार्ग के लोग ललित बाबू की हत्या क्यों करेंगे? उनसे उनकी कोई दुश्मनी तो थी नहीं।

डा. सिंह ने कहा कि ललित बाबू एक राजनीतिक व्यक्ति थे और विवादास्पद भी थे। कांग्रेस में भी और बाहर भी। वे कांग्रेस के कोषाध्यक्ष थे। इसलिए राजनीतिक कोण से भी उनकी हत्या की जांच होनी चाहिए थी जो नहीं की गई। यह दुर्भाग्यपूर्ण हैं। लोगों को आशंका है कि कांग्रेसी हुकुमत ने जानबुझकर ऐसा किया ताकि आंच पार्टी तक नहीं आ पाए।

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