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ट्रैफिक पुलिस ने ई-चालान मशीन से पकड़े 30 वाहन चोर

ट्रैफिक पुलिस ने ई-चालान मशीन की मदद से बीते सात माह के भीतर 30 वाहन चोर पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। पुलिस ने इनकी गाड़ी के नंबर जैसे ही ई-चालान मशीन में डाले तो वाहन चोरी का खुलासा हो गया। मशीन...

ट्रैफिक पुलिस ने ई-चालान मशीन से पकड़े 30 वाहन चोर
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 30 Aug 2014 11:20 AM
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ट्रैफिक पुलिस ने ई-चालान मशीन की मदद से बीते सात माह के भीतर 30 वाहन चोर पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। पुलिस ने इनकी गाड़ी के नंबर जैसे ही ई-चालान मशीन में डाले तो वाहन चोरी का खुलासा हो गया। मशीन से पता चला कि यह गाड़ी चोरी हो रखी है। ट्रैफिक पुलिस ने ऐसे आरोपियों को मौके पर ही संबंधित थाना पुलिस के हवाले कर दिया।

जानकारी के अनुसार दिल्ली ट्रैफिक पुलिस में लगभग एक साल पहले ई-चालान मशीन आई थी। पहले ट्रायल के तौर पर इस मशीन का उपयोग कुछ क्षेत्रों में शुरू किया गया था। बीते जनवरी माह से लगभग पूरी दिल्ली में इस मशीन का उपयोग होने लगा। इसके लिए बकायदा ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया गया था। ट्रैफिक पुलिस के अफसरों के मुताबिक, ई-चालान मशीन से उन्हें न केवल चालान करने में सुविधा हुई है, बल्कि चोरी की गाडियों का भी पता चल जाता है। दिल्ली में यदि कहीं पर भी चोरी की एफआईआर होती है तो उसी वक्त इस मशीन में भी वह एफआईआर पहुंच जाती है।

ट्रैफिक पुलिस ने जब यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को रोका तो वाहन चोरी का खुलासा हुआ। पुलिसकर्मी ने चालान करने के दौरान जब गाड़ी का नंबर अपनी ई-चालान मशीन में डाला तो पता चला कि वह चोरी की है। उस गाड़ी के संबंध में दर्ज एफआईआर की संख्या, एफआईआर की कॉपी एवं थाने का नाम मशीन की स्क्रीन पर आ गया। कुछ दिन पूर्व ट्रैफिक पुलिस ने मोदी मिल फ्लाइओवर के समीप यातायात नियमों का उल्लंघन कर जा रहे एक स्कूटर सवार युवक को रोका। पुलिस ने जब उसकी स्कूटी का नंबर अपनी ई-चालान मशीन में डाला तो पता चला कि वह चोरी की गाड़ी है। टैफिक पुलिसकर्मी ने तुरंत इसकी जानकारी पीसीआर को कॉल कर दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस को आरोपी चालक गाड़ी सहित सौंप दिया गया। 

ऐसा पता चलता है वाहन चोरी का
किसी भी गाड़ी के चोरी होने पर दिल्ली पुलिस उसका पंजीकरण नंबर चोरी की गाडियों के डाटा में शामिल कर देती है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के पास मौजूद ई-चालान मशीन में मौजूद साफ्टवेयर इस डाटा के सर्वर से जुडम हुआ है। इसलिए उसमें पंजीकरण नंबर डालने पर यह पता चल जाता है कि गाड़ी चोरी की तो नहीं है।

मशीन की खासियत
ई-चालान मशीन में गाडी का नंबर डालने पर उसके बारे में तमाम जानकारी स्क्रीन पर आ जाती है
चोरी की गाड़ी होने पर उससे संबंधित एफआईआर स्क्रीन पर आ जाती है
ई-चालान मशीन में लाइसेंस का नंबर डालने पर उसके द्वारा पहले किए गए यातायात नियमों के उल्लंघन की पूरी जानकारी स्क्रीन पर आ जाती है

स्थानीय पुलिस करती
है कार्रवाई ट्रैफिक पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया उनके जवानों को चोरी की गाड़ी पकड़ने पर कानूनी कार्यवाही करने का अधिकारी नहीं है। इसलिए ऐसी गाड़ी को पकड़ने पर वह इसकी जानकारी पीसीआर को कॉल कर देते हैं। पीसीआर उस क्षेत्र से संबंधित थाने को इस घटना के बारे में जानकारी देता है। फिर लोकल पुलिस गाड़ी जब्त कर आरोपी चालक के खिलाफ कार्रवाई करती है।

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