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संदिग्ध इंटरनेशनल कॉल नेटवर्क में पुलिस को किराएदारों की तलाश

गंगानगर के एक मकान से शुक्रवार को पकड़े गए संदिग्ध इंटरनेशनल कॉल नेटवर्क के मामले में पुलिस ने कनेक्शन देने वाले युवक को कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया। इसके अलावा पुलिस ने इस मामले...

संदिग्ध इंटरनेशनल कॉल नेटवर्क में पुलिस को किराएदारों की तलाश
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 18 Jan 2015 12:57 PM
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गंगानगर के एक मकान से शुक्रवार को पकड़े गए संदिग्ध इंटरनेशनल कॉल नेटवर्क के मामले में पुलिस ने कनेक्शन देने वाले युवक को कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया। इसके अलावा पुलिस ने इस मामले में चार अन्य लोगों को जांच के दायरे में रखा है। जांच में सामने आया है कि नेट कनेक्शन लेने में हरीश नामक युवक के नाम से फर्जी आईडी का प्रयोग किया गया था। यहां से बरामद हुए 64 सिम कार्ड में से ज्यादातर देवबंद से फर्जी आईडी पर खरीदे गए थे। उधर, इलाके के लोग इस पूरे घटनाक्रम को आतंकी गतिविधियों से जोड़कर देख रहे हैं, हालांकि अधिकारी इससे इंकार कर रहे हैं।

दूरसंचार विभाग के जीटीओ देवेंद्र सिंह द्वारा इंचौली थाने पर दर्ज कराई रिपोर्ट के आधार पर शनिवार को पुलिस ने अवैधानिक तरीके से लीज लाइन देने वाले विकास चौहान को कोर्ट में पेश किया। उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने नेट कनेक्शन में दी गई आईडी ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर हरीश के दिल्ली स्थित पते पर छापा मारा लेकिन वहां हरीश नहीं मिला। ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर दिया गया पता भी फर्जी मिला। अब पुलिस को इस घर में कमरा किराए पर लेने वाले निशांत और हरीश तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। इसके लिए पुलिस, विकास चौहान से सघनता से पूछताछ करेगी। साइबर सेल और क्राइम ब्रांच टीम ने जांच में पाया है कि कमरे से बरामद 64 विभिन्न मोबाइल कंपनियों  के सिम कार्ड में से ज्यादातर देवबंद से फर्जी आईडी से खरीदे गए।

अभी इन सिम कार्ड की जांच चल रही है। दिल्ली और सहारनपुर गई टीमें फिलहाल लौट आई हैं। उधर, पुलिस ने प्रारंभिक पूछताछ के बाद मकान मालकिन और उसके बेटे को छोड़ दिया है, लेकिन इन दोनों के साथ देहरादून की ई-सॉल्यूशन कंपनी के गौतम सहगल और सहारनपुर के एक व्यक्ति को जांच के दायरे में रखा है। पुलिस का कहना है कि निशांत और हरीश ने खुद को बीटेक का छात्र बताया था, लेकिन अभी तक उनके छात्र होने की पुष्टि नहीं हुई है।

पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। साइबर सेल और क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू कर दी है। फिलहाल विकास चौहान को जेल भेजा गया है। चार अन्य की भूमिका की जांच की जा रही है।
- ओंकार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक

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