आइएसएम धनबाद को मिला आइआइटी का दर्जा
इंडियन स्कूल ऑफ माइंस धनबाद अब आइआइटी (इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ टेक्नोलॉजी) बनेगा। शनिवार को केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में इसकी घोषणा की। बजट में झारखंड के हिस्से यही एक अच्छी...
इंडियन स्कूल ऑफ माइंस धनबाद अब आइआइटी (इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ टेक्नोलॉजी) बनेगा। शनिवार को केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में इसकी घोषणा की। बजट में झारखंड के हिस्से यही एक अच्छी खबर आई है। देवघर में एम्स बनाने का जो प्रस्ताव राज्य सरकार की ओर से भेजा गया उसको लेकर कोई एलान नहीं हुआ।
वित्त मंत्री अरुण जेटली के आइएसएम को आइआइटी बनाने की घोषणा के बाद आइएसएम कैंपस में जश्न मनाया गया। आइएसएम देश का 17वां आइआइटी होगा। कर्नाटक में भी आइआइटी बनाने की घोषणा की गई है। छुट्टी व परीक्षा का दिन होते हुए भी शनिवार को आइएसएम के छात्र-छात्राएं हॉस्टल से निकलकर कैंटीन पहुंचे।
दिनभर आइएसएम में छात्रों व शिक्षकों ने खुशियां मनाईं। आइएसएम को आइआइटी बनाने की मांग वर्ष 2009 में जोर-शोर से उठाई गई। उसके बाद छात्रों ने धनबाद से लेकर रांची व दिल्ली तक में आंदोलन किया। साढ़े पांच साल तक चले आंदोलन के बाद शुक्रवार को केन्द्र सरकार ने आइआइटी बनाने की घोषणा की। हालांकि 15 अप्रैल 2014 को चुनावी सभा को संबोधित करने के लिए पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आइएसएम को आइआइटी बनाने का वादा किया था।
इंडियन स्कूल ऑफ माइंस की स्थापना 9 दिसंबर 1926 में तत्कालीन वायसराय लार्ड इरविन ने की थी। इसके निदेशक प्रो डीसी पाणिग्रही ने कहा कि भगवान की दुआ से आइएसएम आइआइटी बन गया।