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अटल को मिला भारत रत्न तो गदगद हुआ लखनऊ

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई को गुरुवार को भारत रत्न मिला तो लखनऊ के लोगों के चेहरे खुशी से खिले उठे। खासकर चौक के लोगों में आज के दिन अटल को लेकर जगह-जगह चर्चाएं हो रही थीं। राजा ठण्डाई की...

अटल को मिला भारत रत्न तो गदगद हुआ लखनऊ
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 27 Mar 2015 08:41 PM
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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई को गुरुवार को भारत रत्न मिला तो लखनऊ के लोगों के चेहरे खुशी से खिले उठे। खासकर चौक के लोगों में आज के दिन अटल को लेकर जगह-जगह चर्चाएं हो रही थीं। राजा ठण्डाई की दुकान हो या फिर राम आसरे की मिठाई की दुकान। युवा हों या बुजुर्ग नेता।
दुकानदार हों या सामाजिक कार्यकर्ता। सब अटल के साथ बिताए पलों व उनकी यादों को ताजा कर रहे थे। कोई अटल के साथ उनके प्रधानमंत्री आवास पर हुई दावत की बातें शेयर कर रहा था तो कोई कवि सम्मेलन में की में उनकी कविताओं की चर्चा। चौक से अटल का गहरा नाता रहा है। यहां की राजा की ठण्डाई, दीक्षित की चाट और रामआसरे की मिठाई उन्हें काफी पसंद थी। शुक्रवार को जब उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया तो लोग एक फिर उनके साथ बिताए पलों में खो गए।

जब अटल ने कहा शादी नहीं की लेकिन ठण्डाई सादी नहीं चलेगी

अटल बिहारी बाजपेई को चौक के राजा की ठण्डाई बहुत पसंद थी। कभी वह यहां खुद दोस्तों के साथ आते तो कभी भाजपा के वरिष्ठ नेता लालजी टण्डन जी के घर पर ही ठण्डाई मंगाई जाती। राजा ठण्डाई के मालिक राजकुमार त्रिपाठी कहते हैं उनके पिता स्व. विनोद कुमार त्रिपाठी के साथ अटल जी का गहरा रिश्ता था। राजकुमार कहते हैं कि उन्हें याद है कि एक बार अटल जी के साथ पापा बैठे हुए थे। पापा ने उनसे पूछा कि कैसी ठण्डाई चलेगी। सादी या फिर मशाले वाली। इस पर अटल जी ने चुटकी लेते हुए कहा कि अरे भाई शादी नहीं की लेकिन सादी ठण्डाई नहीं चलेगी।

ताउम्र नहीं भूलेगी अटल से इतनी आसान मुलाकात
चौक के चिकन कारोबारी हर प्रसाद अग्रवाल कहते हैं कि अटल बिजहारी बाजपेई से उनके प्रधानमंत्री आवास पर हुई मुलाकात ताउम्र नहीं भूलेगी। बात 1999 की है अटल जी प्रधानमंत्री थी। केन्द्र सरकार ने चिकन कपड़ों व बनारसी साड़ियों पर एक्साइज डय़ूटी लगा दी। हम लोग टण्डन जी के साथ प्रधानमंत्री से मिलने दिल्ली पहुंचे। वहां तुरन्त मुलाकात हो गई। हम लोगों ने अटल जी को चिकन के वस्त्र भेंट किए।

श्री अग्रवाल कहते हैं कि हम लोगों ने उनसे कहा कि चिकन व वनारसी साड़ियों पर गलत टैक्स लगाया गया है। इतना सुनते ही अटल जी ने बगल में खडे़ केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह से कहा कि चिकन वस्त्रों व बनारसी साड़ियों पर क्यों टैक्स लगाया। यह बहुत मेहनत से हाथ से बनते हैं। उनके कहने पर टैक्स खत्म हो गया।

कवि सम्मेलन में पहुंचे अटल ने अपना मंच कहकर पढ़ी रचनाएं
चौक के जीपी ज्वैलर्स के राम कुमार वर्मा को अटल बिहारी बाजपेई की रचनाएं आज भी याद हैं। कहते हैं मैं कवि सम्मेलन के आयोजन समिति का उपाध्यक्ष था। होली के अवसर पर कवि सम्मेलन चल रहा था। अटल जी उसमें मौजूद थे। उम्मीद नहीं थी कि वह रचनाएं पढ़ेंगे। कुछ देर बाद उन्होंने कहा कि अरे यह तो हमारा अपना मंच हैं। बिना कविता किए मैं यहां से कैसे जा सकता हूं।

राम कुमार कहते हैं कि अटल जी को चौक की रामलील की भी फिक्र रहती थी। जब मिलते थे पूंछते थे अरे आप लोगों की रामलीला कैसी चल रही है। वह महान नेता हैं। आज उन्हें भारत रत्न मिल रहा है तो हम लोग बहुत खुश हैं।

कभी नहीं भूलेगा अटल का प्रधानमंत्री आवास का खाना
भाजपा के नगर महासचिव अनुराग मिश्रा अन्नू कहते हैं कि हमें वह वाकया कभी नहीं भूलेगा जब हमें प्रधानमंत्री के घर में खाना खाने का मौका मिला था। कहते हैं कि हम आशुतोष टण्डन जी के साथ दिल्ली गए थे। अटल जी के आवास पर पहुचे। वहां न सिर्फ उनसे मुलाकात हुई बल्कि उन्होंने हमें खाना खिलवा के भेजा। उन्हें लखनऊ वालों से बहुत स्नेह था। पांच वर्ष में दो बार उनके घर खाना खाने का अवसर मिला। हम अटल बिहारी बाजपेई को बहुत मिस करते हैं।

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